earthquake essay in hindi wikipedia

भूंकप पर निबंध – Essay on Earthquake in Hindi

Essay on Earthquake

भूकंप एक ऐसी प्राकृतिक आपदा है, जो कि जीव-जन्तु, जलवायु, पेड़-पौधे, वनस्पति, पर्यावरण समेत समस्त मानव जीवन के लिए किसी बड़े संकट से कम नहीं है। भूकंप, जब भी आता है, धरती पर इतनी तेज कंपन होता है कि पल-भर में ही सब-कुछ तहस-नहस हो जाता है और तमाम मानव जिंदगियों एक झटके में बर्बाद हो जाती हैं।

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अक्सर स्कूल के बच्चों को भूंकप पर निबंध लिखने के लिए कहा जाता है, इसी दिशा में हम अपने इस पोस्ट में आपको भूकंप जैसी विनाशकारी आपदा पर निबंध उपलब्ध करवा रहे हैं, जिसमें भूकंप से संबंधित सभी मुख्य तथ्य शामिल किए गए हैं, इस निबंध को आप अपनी जरुरत के मुताबिक इस्तेमाल कर सकते हैं –

Essay on Earthquake in Hindi

भूकंप, जैसी अत्यंत विध्वंशकारी और भयावह आपदा जब भी आती है, धरती पर इतनी तेज कंपन हो उठता है कि पल भर में ही सब-कुछ नष्ट हो जाता है। भूकंप आने पर न सिर्फ सैकड़ों जिंदगियों का पल भर में विनाश हो जाता है, बल्कि करोड़ों-अरबों रुपए की संपत्ति भी एक ही झटके में मलबे का ढेर बन जाती है।

तेज भूकंप आने पर न जाने कितनी इमारतें ढह जाती हैं, नदियों, जलाशयों में उफान आ जाता हैं, धरती फट जाती है और सुनामी का खतरा बढ़ जाता है, भूकंप को तत्काल प्रभाव से नहीं रोका जा सकता है।

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भूकंप क्या है – What is the Earthquake

भूकंप शब्द – दो अक्षरों से मिलकर बना है- भू+कंप अर्थात, भू का अर्थ है भूमि, और कंप का मतलब कंपन से है तो इस तरह भूमि पर कंपन को ही भूकंप कहते हैं।

वहीं अगर भूकंप को परिभाषित किया जाए तो – भूकंप एक अत्यंत विध्वंशकारी प्राकृतिक आपदाओं में से है, जिसमें अचानक से धरती सतह पर तेजी से कंपन होना लगता है, अर्थात धरती बुरी तरह हिलने-डुलने लगती है।

वहीं जब भूकंप की तीव्रता की गति अत्यंत तेज होती है, तो यह उस भयावह स्थिति को उत्पन्न करता है, जिसमें धरती फटने लगती हैं, नदियों, जलाशयों में तेजी से उफान आता है, जिससे भूस्खलन और सुनामी जैसे संकट का खतरा पैदा हो जाता है, और इससे बड़े स्तर पर जान-माल की हानि होती है, और इसके तत्काल प्रभाव पर काबू नहीं पाया जा सकता है।

भूकंप आने के कारण – Causes of Earthquake

प्राकृतिक और मानव निर्मित दोनों कारणों से भूकंप आ सकता है-

भूकंप आने के प्राकृतिक कारण – Natural Causes of Earthquake

क्रस्टल, मेनटल, इनर कोर और आउट कोर इन चार परतों से मिलकर धरती बनी हैं, इन परतों को टेक्टोनिक प्लेट्स कहा जाता है, वहीं जब ये प्लेट्स अपने स्थान से खिसकती हैं अर्थात हिलती-डुलती हैं तो भूकंप की स्थिति पैदा हो जाती है। इसके साथ ही जब धरती की निचली सतह में तरंगें उत्पन्न होती हैं, तो भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदा जन्म लेती हैं

धरती का तापमान बढ़ने से ज्वालामुखी फटते हैं, जिसके कारण भूकंप जैसी विनाशकारी आपदा आती है।

धरती के अंदर की चट्टानों के खिसकने की वजह से भी भूकंप आते हैं, इसलिए धऱती पर दवाब होने की वजह से पहाड़ वाले स्थान पर भूकंप ज्यादा आते हैं।

भूकंप पर वैज्ञानिकों की आधुनिक शोध के तहत प्लेट टेक्टोनिस्क भी भूकंप का कारण हैं, इसके तहत जब पहाड़ों, महासागरों, मरुभूमियों और महाद्धीपों की अलग-अलग प्लेटें होती हैं, जो कि लगातार खिसकती रहती हैं, वहीं ऐसी प्लेटों के आपस में टकराने से या फिर अलग होने पर भी भूंकप आता है।

भूकंप आने के मानव निर्मित कारण – Man-made Causes of Earthquake

  • परमाणु परीक्षण।
  • नाभिकीय और खदानों के विस्फोट।
  • गहरे कुओं से तेल निकालना या फिर किसी तरह का अपशिष्ट या तरल पदार्थ भरना।
  • विशाल बांध का निर्माण।

रिक्टर स्केल से मापी जाती है भूकंप की तीव्रता:

रिक्टर स्केल से भूकंप की तीव्रता मापी जाती है। आपको बता दें कि सिसमोमीटर द्धारा रिएक्टर स्केल में मापी गई भूकंप की तीव्रता 2-3 रिएक्टर में आती है, तो इसे सामान्य माना जाता है ,यानि कि इसके तहत हल्के झटकों का एहसास होता है।

इसमें ज्यादा नुकसान नहीं होता है, वहीं जब यह तीव्रता 7 से ज्यादा होती है, तो इस तीव्रता वाले भूकंप, बेहद खतरनाक और विनाशकारी होते हैं और सब-कुछ तहस नहस कर देते हैं।

भूकंप से नुकसान – Effects of Earthquake

  • भूकंप से कई जिंदगियां तबाह हो जाती हैं।
  • भीड़-भाड़ वाले इलाके में भूकंप से काफी नुकसान होता है, कई बड़ी इमारते पल भर में ढह जाती हैं, वहीं मलबों के नीचे भी कई लोग दब कर मर जाते हैं।
  • भूकंप से नदियों, जलाशयों के जल में उफान आ जाता है, जिससे सुनामी और बाढ़ का खतरा बढ़ जाता है।
  • अत्याधिक तेज कंपन से धरती फंटना शुरु हो जाती है, अर्थात भूस्खलन की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।

भूकंप आने पर अपनी सुरक्षा कैसे करें:

  • भूकंप जैसी भयावह आपदा पर काबू पाना तो मुमकिन नहीं है, लेकिन भूकंप आने पर घबराने की बजाय अगर समझदारी के साथ नीचे लिखी कुछ बातों पर ध्यान दिया जाए तो आप अपना बचाव कर सकते हैं –
  • ऐसे मकानों का निर्माण करवाना चाहिए जो कि भूकंप रोधी हों।
  • भूकंप के झटकों का एहसास होते ही, तुरंत घर से निकलकर खुले स्थानों पर जाएं, वहीं अगर घर से बाहर निकलने में टाइम लगे तो कमरे के कोने में या फिर किसी मजबूत फर्नीचर के नीचे जाकर छिप जाएं।
  • भूकंप के दौरान लिफ्ट का इस्तेमाल बिल्कुल भी न करें।
  • घर में उपलब्ध बिजली के सारे उपकरण को बंद कर दें, और बिजली का मेन स्विच बंद कर दें।
  • कार चलाते वक्त तुरंत कार से बाहर निकलें।

भूकंप से बचने के उपाय:

भूकंप जैसी भयावह आपदा के प्रभाव को रोका नहीं जा सकता है, लेकिन अगर सही दिशा में प्रयास किए जाएं तो इसके प्रभाव को कम किया जा सकता है, भूकंप से बचना तो मुमकिन नहीं है, लेकिन अगर पहले से ही कुछ भूकंप मापने वाले यंत्र लगा दिए जाएं तो, पहले से ही भूकंप आने की जानकारी मिल सकेगी, जिससे लोगों को पहले से ही आगाह किया जा सकेगा।

अब तक आए सबसे बड़े भूकंप:

  • वाल्डिविया, चिली में 22 मई, 1960 को 9.5 की तीव्रता वाला भयंकर भूकंप आया था, जिसमें चिली समेत न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, फिलीपींस ने भारी तबाही मचाई थी और लाखों जिंदगियां इस भूंकप से बर्बाद हो गईं थी।
  • दक्षिण भारत में 9.2 की तीव्रता वाला भूकंप 26 दिसंबर, साल 2004 में आया था, जिसमें कई हजार लोगों की जान चली गई थी।
  • गुजरात के भुज में 26 जनवरी, 2001 में 7.7 की तीव्रता वाला विध्वंशकारी भूकंप आया था, जिसमें करीब 30 हजार से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी, और करोड़ों-अरबों रुपए की संपत्ति का नुकसान हुआ था।
  • हैती में 12 जनवरी, 2010 में 7 रिएक्टर की तीव्रता वाला भूकंप आया था, जिसमें करीब 1 लाख से ज्यादा लोग मारे गए थे।

भूकंप, जैसी भयावह और विध्वंशकारी आपदा को रोका तो नहीं जा सकता, लेकिन आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल कर इसका पूर्वानुमान लगाकर, इससे प्रभाव को कम जरूर किया जा सकता है।

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11 बड़े भूकंप कब आए और कहाँ आए?

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भूकंप पर निबंध – 10 lines (Earthquake Essay in Hindi) 100, 200, 300, 500, शब्दों में

Earthquake Essay in Hindi – भूकंप सबसे भयानक प्राकृतिक आपदाओं में से एक है। इसके स्रोत का पता पृथ्वी के निर्माण के शुरुआती दिनों में लगाया जा सकता है। यह जीवन और संपत्ति के बड़े नुकसान के लिए जिम्मेदार है। इसलिए, यह मानव जाति के लिए एक बड़ी समस्या है। भूकंप शब्द ग्रीक शब्दों से बना है, ‘पृथ्वी’ का अर्थ है जमीन और ‘भूकंप’ का अर्थ है हिलना या कांपना। इसलिए, भूकंप पृथ्वी का हिलना या कांपना है।

भूकंप पृथ्वी की सतह के नीचे स्थित टेक्टोनिक प्लेटों में गड़बड़ी के कारण होता है। भूकंप संक्षिप्त और हल्के या बड़े और विनाशकारी हो सकते हैं। हमारे ग्रह ने सदियों से कई गंभीर और हल्के भूकंपों का सामना किया है। भूकंप ज्यादातर संक्षिप्त होते हैं लेकिन सेकंड के भीतर बड़े पैमाने पर विनाश का कारण बन सकते हैं। अतीत में भूकंपों के कारण दुनिया भर के लोगों को अत्यधिक नुकसान उठाना पड़ा है।

बच्चों के लिए भूकंप पर 10 लाइनें (10 Lines On Earthquake For Kids in Hindi)

  • भूकंप एक प्राकृतिक आपदा है।
  • वे तब होते हैं जब कुछ तरकीबें पृथ्वी की सतह के नीचे चलती हैं, जिससे कंपन या भूकंपीय तरंगें पैदा होती हैं।
  • इससे हम अपने पैरों के नीचे से पूरी जमीन हिलती हुई महसूस कर सकते हैं। इससे इमारतें, पेड़ और अन्य ऊंची संरचनाएं टूट कर गिर सकती हैं।
  • भूकंप की तीव्रता या तीव्रता को उसका परिमाण कहते हैं और इसे रिक्टर स्केल पर 1 से 10 तक मापा जाता है।
  • भूकंप को सिस्मोग्राफ से मापा जा सकता है।
  • 6 या 7 परिमाण के भूकंप बहुत शक्तिशाली होते हैं और इससे बड़े पैमाने पर जान-माल का नुकसान हो सकता है।
  • जिस स्थान पर भूकंप की उत्पत्ति होती है, उसे उसका अधिकेंद्र कहा जाता है। यह स्थान आपदा के अधिकतम प्रभाव का सामना करता है।
  • भूकंप-प्रवण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को हमेशा खतरे का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए और आपदा प्रबंधन रणनीति बनानी चाहिए क्योंकि भूकंप की भविष्यवाणी करना मुश्किल है।
  • भूकंप के दौरान सुरक्षा सुनिश्चित करने का सबसे अच्छा तरीका खुले मैदान में दौड़ना है।
  • यदि आस-पास कोई खुली जगह नहीं है, तो आप एक मजबूत और मजबूत टेबल के नीचे झुक सकते हैं।

भूकंप पर 100 शब्दों का निबंध (100 Words Essay on Earthquake in Hindi)

भूकंप दुनिया में कहीं भी आ सकते हैं, और हालांकि उनकी घटना का अनुमान नहीं लगाया जा सकता है, कुछ चीजें हैं जो आप अपने आप को और अधिक तैयार करने के लिए कर सकते हैं यदि कोई हमला करता है। इसमें जाने के लिए एक भूकंप किट तैयार होना, यह जानना कि कैसे गिरना, ढकना और रुकना है, और अपने क्षेत्र में किसी भी संभावित जोखिम के बारे में सूचित रहना शामिल है। सुनिश्चित करें कि आपके पास भोजन, पानी और अन्य आपूर्तियों के साथ एक आपातकालीन किट है, और जानें कि भूकंप आने पर क्या करना चाहिए। यदि आप सुनिश्चित नहीं हैं कि क्या करना है, तो खिड़कियों और अन्य वस्तुओं से दूर रहना सबसे अच्छा है जो आप पर गिर सकते हैं और सुरक्षित स्थान पर जा सकते हैं।

भूकंप पर 200 शब्दों का निबंध (200 Words Essay on Earthquake in Hindi)

भूकंप एक प्राकृतिक आपदा है जो अपने साथ कई खतरे लेकर आती है। पृथ्वी के हिलने और हिलने से इमारतें गिर सकती हैं, जिससे लोग अंदर फंस सकते हैं। इस तरह के अचानक परिवर्तन के कारण होने वाला कंपन आमतौर पर बहुत मामूली होता है, लेकिन बड़े भूकंप कभी-कभी भूमि के बहुत बड़े झटकों का कारण बनते हैं। हिलती हुई लहरें उस स्थान से फैलती हैं जहां पहली बार चट्टान टूटना शुरू होती है; इस स्थान को भूकंप का केंद्र या हाइपोसेंटर कहा जाता है।

अगर भूकंप शुरू होने पर आप अंदर हों, तो जमीन पर लेट जाएं और अपने सिर को ढक लें। भूकंप का परिमाण एक भूकंपीय घटना में जारी भूकंपीय ऊर्जा की मात्रा से संबंधित है।

विभिन्न प्रकार के भूकंप

भूकंप तीन प्रकार के होते हैं:

उथला | उथला भूकंप तब होता है जब भूकंप का फोकस पृथ्वी की सतह के करीब होता है। ये भूकंप आमतौर पर अन्य दो प्रकारों की तुलना में कम शक्तिशाली होते हैं, लेकिन फिर भी बहुत अधिक नुकसान पहुंचा सकते हैं।

मध्यम | मध्यवर्ती भूकंपों का एक फोकस होता है जो सतह और पृथ्वी के आवरण के बीच स्थित होता है, और आमतौर पर उथले भूकंपों की तुलना में अधिक शक्तिशाली होता है।

दीप | गहरे भूकंपों का फोकस मेंटल में स्थित होता है, जो क्रस्ट के नीचे पृथ्वी की परत है। वे सबसे शक्तिशाली प्रकार के भूकंप हैं, और यहां तक ​​कि सतह पर नुकसान भी पहुंचा सकते हैं।

भूकंप पर 300 शब्दों का निबंध (300 Words Essay on Earthquake in Hindi)

भूकंप और ज्वालामुखी दो प्राकृतिक आपदाएं हैं जो पृथ्वी की सतह में परिवर्तन के कारण होती हैं। इन प्राकृतिक आपदाओं को लाने में मनुष्य की बहुत कम या कोई भूमिका नहीं है। भूकंप और ज्वालामुखियों का परस्पर संबंध कहा जाता है। यह देखा गया है कि ज्वालामुखी क्षेत्र भूकंप के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं जो अक्सर आसन्न ज्वालामुखी के चेतावनी संकेत के रूप में काम करते हैं।

भूकंप मूल रूप से पृथ्वी का हिलना है। भूकंप या तो पृथ्वी की सतह के नीचे टेक्टोनिक प्लेटों की गति के कारण या ज्वालामुखियों में मैग्मा की गति के कारण आते हैं। ज्वालामुखीय विस्फोट मैग्मा आंदोलनों के कारण हो सकते हैं। भूकंप कमजोर होने के साथ-साथ हिंसक भी हो सकते हैं। जबकि कमजोर ज्वालामुखियों को शायद ही महसूस किया जाता है, हिंसक लोगों के परिणामस्वरूप बड़ी इमारतों की तबाही और जीवन की भारी हानि हो सकती है। दुनिया के विभिन्न हिस्सों में कई भूकंप आए हैं जिससे गंभीर विनाश हुआ है।

ज्वालामुखी पृथ्वी की सतह से गर्म लावा का विस्फोट है। यह तब होता है जब पृथ्वी की पपड़ी फट जाती है। गर्म लावा, जहरीली गैसें और ज्वालामुखीय राख ज्वालामुखी विस्फोटों के माध्यम से निकलती हैं और विशाल विनाश का कारण बन सकती हैं। विभिन्न प्रकार के ज्वालामुखियों में सुपर ज्वालामुखी, उप-हिमनद ज्वालामुखी, पानी के नीचे के ज्वालामुखी और मिट्टी के ज्वालामुखी शामिल हैं।

ज्वालामुखीय भूकंप क्या है?

ज्वालामुखीय भूकंप जिसे ज्वालामुखी टेक्टोनिक भूकंप भी कहा जाता है, मैग्मा की गति के कारण होता है। यह आंदोलन दबाव डालता है और मैग्मा के चारों ओर चट्टान में परिवर्तन का कारण बनता है और यह अंततः ज्वालामुखीय भूकंप का कारण बनता है। इन भूकंपों को बड़े विनाश का कारण माना जाता है जिसमें जमीन की विकृति, इमारतों का उखड़ना और जमीन की दरारें शामिल हो सकती हैं।

भूकंप और ज्वालामुखी दोनों से मानव जाति को भारी नुकसान हो सकता है। जबकि वैज्ञानिक इन दोनों की भविष्यवाणी करने की पूरी कोशिश करते हैं, वे इन प्राकृतिक आपदाओं के समय और तारीख का निर्धारण करने में सफल नहीं हुए हैं। भूकंप और ज्वालामुखी प्रवण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहना चाहिए और इनका सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए और ऐसी समस्या होने पर शांति और समझदारी से काम लेना चाहिए।

भूकंप पर 500 शब्दों का निबंध (500 Words Essay on Earthquake in Hindi)

सीधे शब्दों में कहें तो भूकंप का अर्थ है पृथ्वी की सतह का हिलना। यह पृथ्वी की सतह का अचानक कांपना है। भूकंप निश्चित रूप से एक भयानक प्राकृतिक आपदा है। इसके अलावा, भूकंप जीवन और संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचा सकते हैं। कुछ भूकंप प्रकृति में कमजोर होते हैं और संभवत: उन पर किसी का ध्यान नहीं जाता है। इसके विपरीत, कुछ भूकंप बड़े और हिंसक होते हैं। प्रमुख भूकंप प्रकृति में लगभग हमेशा विनाशकारी होते हैं। सबसे उल्लेखनीय, भूकंप की घटना काफी अप्रत्याशित है। यही बात उन्हें इतना खतरनाक बनाती है।

भूकंप के प्रकार

टेक्टोनिक भूकंप : पृथ्वी की पपड़ी में असमान आकार की चट्टानों के स्लैब शामिल हैं। चट्टानों के ये स्लैब टेक्टोनिक प्लेट्स हैं। इसके अलावा, यहां ऊर्जा संग्रहित है। यह ऊर्जा टेक्टोनिक प्लेटों को एक दूसरे से दूर या एक दूसरे की ओर धकेलने का कारण बनती है। जैसे-जैसे समय बीतता है, ऊर्जा और गति दो प्लेटों के बीच दबाव बनाती है।

इसलिए, यह भारी दबाव फॉल्ट लाइन बनाने का कारण बनता है। साथ ही, इस गड़बड़ी का केंद्र बिंदु भूकंप का फोकस है। नतीजतन, ऊर्जा की तरंगें फोकस से सतह तक यात्रा करती हैं। इससे सतह का हिलना शुरू हो जाता है।

ज्वालामुखीय भूकंप : यह भूकंप ज्वालामुखी गतिविधि से संबंधित है। इन सबसे ऊपर, ऐसे भूकंपों की तीव्रता कमजोर होती है। ये भूकंप दो प्रकार के होते हैं। पहला प्रकार ज्वालामुखी-विवर्तनिक भूकंप है। यहां इंजेक्शन लगाने या मैग्मा निकालने से झटके आते हैं। इसके विपरीत दूसरा प्रकार दीर्घकालीन भूकंप है। यहाँ भूकंप पृथ्वी की परतों के बीच दबाव परिवर्तन के कारण होता है।

पतन भूकंप: ये भूकंप गुफाओं और खानों में होते हैं। इसके अलावा, ये भूकंप कमजोर परिमाण के हैं। खदानों के ढहने का कारण संभवत: भूमिगत विस्फोट हैं। इन सबसे ऊपर, खदानों के ढहने से भूकंपीय तरंगें उत्पन्न होती हैं। नतीजतन, ये भूकंपीय तरंगें भूकंप का कारण बनती हैं।

विस्फोटक भूकंप: ये भूकंप लगभग हमेशा परमाणु हथियारों के परीक्षण के कारण आते हैं। जब कोई परमाणु हथियार फटता है तो बड़ा धमाका होता है। इसके परिणामस्वरूप भारी मात्रा में ऊर्जा निकलती है। यह संभवतः भूकंप का परिणाम है।

भूकंप के प्रभाव

सबसे पहले, जमीन का हिलना भूकंप का सबसे उल्लेखनीय प्रभाव है। इसके अलावा, कंपन के साथ-साथ जमीन का फटना भी होता है। इससे आधारभूत सुविधाओं को भारी नुकसान होता है। भूकंप की गंभीरता भूकंप के परिमाण और अधिकेंद्र से दूरी पर निर्भर करती है। साथ ही, गंभीरता को निर्धारित करने में स्थानीय भौगोलिक परिस्थितियां एक भूमिका निभाती हैं। भूभंग पृथ्वी की सतह के दृश्य विखंडन को संदर्भित करता है।

भूकंप का एक अन्य महत्वपूर्ण प्रभाव भूस्खलन है। ढलान की अस्थिरता के कारण भूस्खलन होता है। यह ढलान अस्थिरता भूकंप के कारण होती है।

भूकंप मिट्टी के द्रवीकरण का कारण बन सकता है। यह तब होता है जब जल-संतृप्त दानेदार सामग्री अपनी ताकत खो देती है। इसलिए, यह ठोस से तरल में बदल जाता है। नतीजतन, कठोर संरचनाएं तरलीकृत जमा में डूब जाती हैं।

भूकंप के परिणामस्वरूप आग लग सकती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि भूकंप से बिजली और गैस की लाइनें क्षतिग्रस्त हो जाती हैं। सबसे बढ़कर, आग लगने के बाद उसे रोकना बेहद मुश्किल हो जाता है।

भूकंप कुख्यात सुनामी भी पैदा कर सकते हैं। सुनामी लंबी तरंगदैर्घ्य वाली समुद्री लहरें हैं। ये समुद्री लहरें बड़ी मात्रा में पानी की अचानक या अचानक गति के कारण होती हैं। यह समुद्र में भूकंप के कारण है। इन सबसे ऊपर, सुनामी 600-800 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से यात्रा कर सकती है। समुद्री तट से टकराने पर ये सूनामी भारी तबाही मचा सकती हैं।

अंत में, भूकंप पृथ्वी की एक महान और भयानक घटना है। यह प्रकृति के विरुद्ध मनुष्य की दुर्बलता को दर्शाता है। यह एक जबरदस्त घटना है जो निश्चित रूप से सभी को झकझोर कर रख देती है। इन सबसे ऊपर, भूकंप केवल कुछ सेकंड के लिए ही रहता है, लेकिन इससे अकल्पनीय क्षति हो सकती है।

भूकंप पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

Q1 विस्फोटक भूकंप क्यों आता है.

A1 परमाणु हथियारों के परीक्षण के कारण एक विस्फोटक भूकंप आता है।

Q2 भूकंप के कारण भूस्खलन क्यों होते हैं?

A2 भूस्खलन ढलान की अस्थिरता के कारण होता है। सबसे उल्लेखनीय, यह ढलान अस्थिरता भूकंप के कारण होती है।

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भूकंप पर निबंध

Essay on Earthquake in Hindi: हम यहां पर भूकंप पर निबंध शेयर कर रहे है। इस निबंध में भूकंप के संदर्भित सभी माहिति को आपके साथ शेअर किया गया है। यह निबंध सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार है।

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भूकंप पर निबंध | Essay on Earthquake in Hindi

भूकंप पर निबंध (250 words).

प्रकृति आपदा भूकंप एक खतरनाक आपदा है । धरती के अचानक हिलने से एक कंपन उत्पन्न होती है, इस घटना को भूकंप कहा जाता है। जब हमारी पृथ्वी की आंतरिक सतह अधिक गर्म हो जाती है, तो एक हलचल सी उत्पन्न होती है। तब उस स्थिति में भूकंप की स्थिति उत्पन्न होती है। भूकंप कभी – कभी बहुत ही धीमी गति से आता है, जिसका सिर्फ हमें आभास होता है कि भूकंप की कम्पन सी उत्पन होती है। कभी -कभी भूकंप अचानक बहुत तेजी से आता है, जिससे काफ़ी मात्रा में नुकसान होता है। Follow TheSimpleHelp at WhatsApp Join Now Follow TheSimpleHelp at Telegram Join Now

भूचालआने से हमारे जीवन मे बहुत अधिक दुष्प्रभाव पड़ता है, भूकंप आने से हमारा जीवन अस्त – व्यस्त हो जाता है।अभी कुछ सालों पहले गढ़वाल और महाराष्ट्र मे भूकंप आने से लोगों के पर जीवन बहुत गहरा प्रभाव पड़ा था। भूकंप  के कम्पन उत्पन्न होने से लोगों के मकान गिर गये। पशु,पक्षी आदि भूकंप की चपेट में आकर दबकर लाखों जीव – जंतुओ की मौत हो गई और महाराष्ट्र में आये हुये भूकंप के कारण मकान और पेड़ -पौधों कंपन के कारण गिरते है और उसकी चपेट मे काफ़ी लोग दब कर घायल हो जाते है और कुछ लोगों की मौत हो जाती है और जो लोग घायल होकर ठीक होते वह पैर से, तो कही हाथ से लाचार हो जाते है।

भूकंप पर निबंध (800 Words)

आज से लाखों वर्षों पहले पृथ्वी का निर्माण हुआ था। उस समय पृथ्वी एक जलता हुआ आग का पिंड या सबसे गर्म ग्रह होता था। समय के साथ पृथ्वी की सतह ठंडी हो गई और पृथ्वी का आंतरिक भाग तरल है, जिसके कारण पृथ्वी की आंतरिक सतह का तापमान बढ़ने लगता है। पृथ्वी की सतह का तापमान विभिन्न स्तरों में बदलता रहता है, पृथ्वी की सतह में गड़बड़ी की वजह से ही पृथ्वी की सतह गर्म हो जाती है और भूकंप आने के खतरा महसूस होने लगता है।

दुनिया के विभिन्न हिस्सों में आया भूकंप

दुनिया के किन-किन हिस्सों में आया भूकंप आइए जानते हैं,

1908 मे इटली शहर में भूकंप आने से लाखों लोगों की मौत हुई, उनमें से कुछ लोग घायल हुए और लोगों के घर – बार उजाड़ कर नष्ट हो गया, लोगों का काफ़ी नुकसान हुआ।

पेरू में सन 1960 में भूकंप आने के कारण काफ़ी लोग घायल हुये और 60,000 लोग भूकंप की चपेट में आये और उनकी दर्दनाक मौत हो गई।

चीन में सन 1958 मे भूकंप के आने के कारण 1 लाख लोगों की मौत हो गई।

लातूर में सन 1933 मे भूकंप के आने के कारण 1,50,000 लोग की मृत्यु हुई है।

गुजरात में सन 2001 मे भूकंप आने से 2लाख लोगों की मृत्यु हुई है।

भूकंप के आने से कई देशो में बहुत अधिक संख्या में लोगों की दर्दनाक मौते हुई है।

भूकंप आने के कारण

भूचाल कई कारणों से आता है, कि जैसे कि पृथ्वी में कई छोटे-बड़े टेक्निकल प्लेट्स होते हैं। जिनके कारण भूकंप विवर्तनिक प्लेट् से टकराकर ब्लेट में आ जाती है। ये प्लेट एक -दूसरे के दूर रहकर गति करती है, तो कभी एक – दूसरे के पास रहकर गति करती है। जिसके कारण यह आपस में टकराती है और झटके के साथ मुफ्त ऊर्जा के रूप में बाहर निकलती है और भूकंपी तरंगे उत्पन्न करती हैं। जिसको भूकंप कहा जाता है।

भूकंप आने का एक कारण ज्वालामुखी का विस्फोट भी होता है। ज्वालामुखी का जब किसी क्षेत्र में विस्फोट होता है, तो उसके प्रभाव कई क्षेत्रों में देखने को मिलते हैं। ज्वालामुखी विस्फोट के प्रभाव के कारण कुछ नजदीकी क्षेत्रों की भूमि में कंपन उत्पन्न होता है। जिसको भूकंप और ज्वालामुखी विस्फोट कहते है।

भूकंप के आने से नुकसान

धरती में भूकंप आने से हमें बहुत नुकसान होता है। पृथ्वी में विभिन्न प्रकार के हरे पेड़ -पौधों, जीव जंतुओं के होने से हमारी धरती बहुत ही सुन्दर प्रतीत होती है। लेकिन भूकंप के आने से पल भर में पेड़ -पौधे जीव – जंतु और ससब कुछ तहस – नहस हो जाते है। बड़ी -बड़ी बिल्डिंग, भवन, बिजली के खंभे, मंदिर, मस्जिद, चर्च, सरकारी पाठशालाएं, सरकारी कार्यस्थल आदि सभी भूकंप के कंपन आने से टूट- फूट कर सब कुछ नष्ट हो जाता है।

भूकंप के आने से बहुत से क्षेत्र प्रभावित होते हैं। पृथ्वी के सबसे कमज़ोर सतह पर भूकंप आने का खतरा अधिक होता है, क्योंकि कमजोर भूमिगत में भूकंप जल्दी आते है। वहां की भूमि कमज़ोर और दरार वाली होती है, जहां पर ज्वालामुखी के विस्फोट होने का खतरा अधिक रहता है। भूकंप के साथ कुछ प्राकृतिक आपदाएं भी होती हैं, जैसे -तेज तूफान चलना, बाढ़ का आना ये सभी प्राकृतिक आपदाएं है।

विद्युत लाइन टूट जाती है और आग भी लगने से काफ़ी नुकसान होता है, यदि आग एक बार लग गई तो उसको रोकना काफ़ी मुश्किल होता है और यदि ऐसे में जल का स्रोत विस्फोट हो जाये तो आग को फैलने से रोका जा सकता है और काफ़ी हद तक होने वाले नुकसान को भी रोका जा सकता है।

भूकंप से बचने के उपाय

भूकंप के आने से हमको ऐसा महसूस होता है, कि जैसे हम को कोई हिला रहा हो। अगर भूकंप कम तीव्रता से आता है, तो कुछ व्यक्तियों को पता भी नहीं चलता है और कभी -कभी बहुत तेज झटका देकर भूकंप आता है, जिससे पूरी धरती में कंपन उत्पन्न होने लगती है। जैसे ही भूकंप के झटके आने का खतरा महसूस होने लगे तो खुद के बचाव के लिए मजबूत टेबल, कुर्सी को पकड़कर बैठ जाये।

भूचाल के झटके आने पर हमें एक ही जगह पर रह कर स्वयं का बचाव करना चाहिये, और खिड़की और अलमारियों से दूर रहना चाहिए, ताकि वह हम पर झटके के कारण गिरे नहीं।

अगर आप कही है और कार चलाते है, तो उस समय आपको भूकंप के झटके आने मासूस होने लगते है, तो ऐसे में हमको एक जगह गाड़ी खड़ी करके तुरंत किसी खुले मैदान में बैठे जाना चाहिये, तब तक भूकंप के झटके आना बंद नहीं हो जाते है। और ऐसे में हमें लिफ्ट से ऊपर बिल्डिंग में जाने नहीं सोचना चाहिये, क्योंकि ऐसे में आप को झटके से आपको चोट भी आ सकती है। अगर आप बाजार, स्कूल के बीच मे फंस गये है तो ऐसे में खुले स्थान पर बैठे और बिजली के तार से दूर हो कर बैठे जब तक भूकंप के झटके आने खत्म नहीं हो जाते।

भारत मे भूकंप के आने से  काफ़ी नुकसान हुआ है। सिर्फ भूकंप के कारण लोग लाखों की सम्पति और घर सब कुछ खो देते है। भूकंप के कारण ऊँची बिल्डिंग, कर्मचारी कार्यालय, भवन, जीव -जंतु  और कई व्यक्तियों को काफी नुकसान हुआ है।

भूकंप सभी के जीवन में बहुत बुरा प्रभाव डालता है। यह एक प्राकृतिक आपदा होती है। इस पर कोई नियंत्रण नहीं कर सकता है। प्राकृतिक आपदा में कब क्या हो जाये इसका अनुमान कोई नहीं लगा सकता है।

हमने यहां पर “ भूकंप पर निबंध ( Essay on Earthquake in Hindi )   ” शेयर किया है। उम्मीद करते हैं कि आपको यह निबंध पसंद आया होगा, इसे आगे शेयर जरूर करें। आपको यह निबन्ध कैसा लगा, हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

पृथ्वी बचाओ पर निबंध

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Nice bohut bohut bohut acha

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भूकंप पर निबंध (प्राकृतिक आपदा)

[प्राकृतिक आपदा] भूकंप (Earthquake) पर छोटे व बड़े निबंध [Long & Short essay Writing on Earthquake in Hindi]

[प्राकृतिक आपदा] भूकंप (Earthquake)

पृथ्वी की सतह के हिलने और कांपने को भूकंप के रूप में जाना जाता है। भूकंप को सबसे खतरनाक प्राकृतिक आपदाओं में से एक माना जाता है क्योंकि वे जीवन और संपत्ति को बहुत नुकसान पहुंचाते हैं। भूकम पे निबंध छोटे बच्चो और कॉलेज छात्रों के लिए निबंध प्रस्तुत किया गया है।

#1. [100-150 Words] भूकंप -भूचाल (Bhukamp)

धरती के अचानक हिलने की घटना भूकंप कहलाती है। जब पृथ्वी के आंतरिक गर्म पदार्थों के कारण हलचल उत्पन्न होती है, तो भूकंप की स्थिति उत्पन्न होती है। कभी भूकंप हल्की तो कभी भारी तीव्रता का होता है। कम तीव्रता वाला भूकंप आने पर क्षेत्र-विशेष में धरती केवल हिलती महसूस होती है लेकिन इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं होता। अधिक तीव्रता वाला भूकंप कभी-कभी भारी क्षति पहुँचाता है। कच्चे और कमज़ोर मकान ढह जाते हैं, चल-अचल संपत्ति का भारी नुकसान होता है। सैंकड़ों मनुष्य मकान के मलबे में दबकर मर जाते हैं। हज़ारों घायल हो जाते हैं। लोग बेघर-बार होकर अस्थायी निवास में रहने के लिए विवश होते हैं। परिस्थितियों के सामान्य बनाने में कई महीने या कई वर्ष लग जाते हैं। भूकंप को रोका नहीं जा सकता परंतु सावधानियाँ बरतने से इससे होने वाली क्षति ज़रूर कम की जा सकती है। इससे बचाव के लिए भूकंपरोधी भवनों का निर्माण करना चाहिए। भूकंप आने पर घबराना नहीं चाहिए बल्कि आवश्यक सावधानियाँ बरतनी चाहिए। भूकंप एक प्राकृतिक आपदा है, इसका मिल-जुलकर मुकाबला करना चाहिए।

#2. [400-500 Words] भूकंप पर निबंध-essay on earthquake in Hindi

भूमिका : भूकंप पृथ्वी का अपनी धुरी से हिलकर कम्पन करने की स्थिति को भूकम्प या भूचाल कहा जाता है। कभी-कभी तो यह स्थिति बहुत भयावह हो जाती है। इसके परिणामस्वरूप पृथ्वी के ऊपर स्थित जड़-चेतन हर प्राणी और पदार्थ का या तो विनाश हो जाता है या फिर वह सर्वनाश की-सी स्थिति में पहुंच जाता है। जापान के विषय में तो प्रायः सुना जाता है कि वहां तो अक्सर भूकम्प आकर विनाशलीला प्रस्तुत करते ही रहते हैं। इस कारण लोग वहां लकड़ियों के बने घरों में रहते हैं। इसी प्रकार का एक भयानक भूकम्प बहुत वर्षों पहले अविभाजित भारत के कोटा नामक स्थान पर आया था। उसने शहर के साथ-साथ हजारों घर-परिवारों का नाम तक भी बाकी नहीं रहने दिया था।

अभी कुछ वर्षों पहले गढ़वाल और महाराष्ट्र के कुछ भागों को भूकम्प के दिल दहला देने वाले हादसों का शिकार होना पड़ा था। प्रकृति की यह कैसी लीला है कि वह मानव-शिशुओं के घर-घरौंदों को तथा स्वयं उनको भी कच्ची मिट्टी के खिलौनों की तरह तोड़-मरोड़कर रख देती है। पहले यह भूकम्प गढ़वाल के पहाड़ी इलाकों में आया था, जहां इसने बहुत नुकसान पहुंचाया था। थोड़े दिन पश्चात् महाराष्ट्र के एक भाग में फिर एक भूकम्प आया जिसने वहां सब कुछ मटियामेट कर दिया था। महाराष्ट्र में धरती के जिस भाग पर भूकम्प के राक्षस ने अपने पैर फैला दिए थे वहाँ तो आस-पास के मकानों के खण्डहर बन गए थे। उन मकानों में फंसे लोग कुछ तो काल के असमय ग्रास बन गए थे, कुछ लंगड़े-लूले बन चुके थे। एक दिन बाद समाचार में पढ़ा कि वहां सरकार और गैर-सरकारी स्वयं-सेवी संस्थाओं के स्वयंसेवक दोनों राहत कार्यों में जुटे हुए थे। ये संस्थाएं अपने साधनों के अनुरूप सहृदयता का व्यवहार करती हुई पीड़ितों को वास्तविक राहत पहुंचाने का प्रयास कर रही थीं।

भूकम्प कितना भयानक था यह दूरदर्शन में वहां के दृश्य देखकर अन्दाजा हो गया था। जिन भागों पर भूकम्प का प्रकोप था वहां सब कुछ समाप्त हो चुका था। हल जोतने वाले किसानों के पशु तक नहीं बचे थे। दुधारू पशुओं का अन्त हो चुका था। सैकड़ों लोग मकानों के ढहने और धरती के फटने से मृत्यु को प्राप्त हो गए थे। इस प्रकार हंसता-खेलता संसार वीरान होकर रह जाता है। सब ओर गहरा शून्य तथा मौत का-सा सन्नाटा छा जाता है। कभी-कभी मैं सोचता हूं कि जापान के लोग कैसे रहते होंगे जहां इस प्रकार के भयावह भूकम्प आए दिन आते रहते हैं।

26 जनवरी, 2001 को गुजरात सहित पूरे भारत ने भूकंप का कहर देखा। भुज सहित संपूर्ण गुजरात में भारी जान-माल का नुकसान हुआ। 8 अक्टूबर, 2005 को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर और उससे सटे भारतीय कश्मीर में दिल दहला देने वाला जो भूकंप आया उसमें जहाँ एक लाख से अधिक लोंग काल के गाल में समा गए, वहीं लाखों लोग घायल हुए। अरबों रुपए की संपत्ति की हानि हुई।

भूकंप वैज्ञानिकों का कहना है कि अभी तक ऐसा कोई उपकरण-यंत्र विकसित नहीं हुआ है, जिससे यह बात पता चल सके कि अमुक-अमुक क्षेत्रों में भूकंप आने वाला है। भूकंप के आते समय ‘रिक्टर स्केल’ पर सिर्फ उसकी क्षमता का ही माप लिया जा सकता है। जापान, पेरू व अमेरिका के कुछ राज्यों में जहां भूकंप के झटके अकसर महसूस किए जाते हैं, वहां के वैज्ञानिकों ने भूकंपरोधी मकानों (Earthquake Resistance) का निर्माण किया है। भारत के भूकम्प प्रमाणित क्षेत्रों में भी ‘भूकंपरोधी’ मकानों के निर्माण की प्रक्रिया शुरू करने के लिए सरकार को कारगर नीति बनानी चाहिए।

#3. [600-700 Words] Bhukamp par nibandh भूकंप निबंध हिंदी में

भूमिका : प्रकृती उस ईशवर की रचना होने के कारण अजय है। मनुष्य आदि काल से प्रकृति की शक्तियों के साथ संघर्ष करता रहा है। उसने अपनी बुद्धि साहस एवं शक्ति के बल पर प्रकृति के अनेक रहस्य का उद्घाटन करने में सफलता प्राप्त की है लेकिन इस प्रकृति की शक्तियों पर पूर्ण अधिकार करने की सामर्थ्य मनुष्य में नहीं है। प्रकृति अनेक रूपो में हमारे सामने आती है। ये कभी अपना कोमल और सुखदायी रूप दिखाती है। तो कभी ऐसा कठोर रूप धारण करती है कि मनुष्य इसके सामने विवश और असहाय हो जाता है। आंधी तूफान, अकाल, अनावृष्टि अतिवृष्टि तथा भूकम्प ऐसे ही प्रकोप है।

भूकम्प क्या है: भूमि के हिलने को भूचाल, भूकंप की संज्ञा दी जाती है। धरती का कोई भी अंग ऐसा नहीं बचा जहां कभी ना कभी भूकंप के झटके ना आए हो, भूकंप के हल्के झटके से तो विशेष हानि नहीं होती है। लेकिन जब कभी जोर के झटके आते हैं तो वे प्रलय कारी दृश्य उपस्थित कर देते हैं। कामायनी के महाकाव्य के रचयिता श्री जयशंकर प्रसाद में प्रकृति का प्रकोप का वर्णन करते हुए लिखा है।

हा – हा – कार हुआ क्रंदनमय कठिन कुलिश होते थे चूर हुए दिगंत वाघेर, भीषण रव बार-बार होता था क्रूर।।

भूकंप का कारण: भूकंप क्यों आते हैं यह एक ऐसा रहस्य है जिसका उद्घाटन आज तक नहीं हो सका वैज्ञानिकों ने प्रकृति को मनुष्य के अनुकूल बनाने का प्रयत्न किया है । वह गर्मी तथा सर्दी में स्वयं को बचाने के लिए वातावरण को अपने अनुकूल बना सकता है। लेकिन भूकंप तथा बाढ़ आदि ऐसे देवी प्रकोप है जिनका समाधान मनुष्य जाति सैकड़ों वर्षों के कठोर प्रयोत्नो के बावजूद भी नहीं कर पाई है।

भूकंप के कारण के विभिन्न मत: भूकम्प को विषय में लोगों के भिन्न-भिन्न मत है, भुगर्भ शास्त्रियों का मत है कि धरती के भीतर तरल पदार्थ है, जब अंदर की गर्मी के कारण तीव्रता से फैलने लगते हैं तो पृथ्वी हिल जाती है। कभी-कभी ज्वालामुखी का फटना भी भूकम्प का कारण बन जाता है। भारत एक धर्म प्रधान देश है, यहां के लोगों का मत है कि जब पृथ्वी के किसी भाग पर अत्याचार और अनाचार बढ़ जाते हैं तो उस भाग में देवी प्रकोप के कारण भूकंप आते है। देहातो में तो यह कथा भी प्रचलित है कि शेषनाग ने पृथ्वी को अपने सिर पर धारण कर रखा है। उसके सात सिर है जब एक सिर पृथ्वी के बोझ के कारण थक जाता है। तो उसे दूसरे सिर पर बदलना है उसकी इस क्रिया से पृथ्वी हिल जाती है। और भूकंप आ जाता है, अर्थशास्त्रियों का तर्क है कि जब पृथ्वी पर जनसंख्या जरूरत से अधिक बढ़ जाती है तब उसे संतुलित करने के लिए भूकम्प उत्पन्न करती हैं।

भूकंप से हानि: भूकंप का कारण कोई भी क्यों ना हो, पर इतना निश्चित है कि यह एक दैवी प्रकोप है जो अधिक विनाश का कारण बनता है यह जान लेवा ही नहीं बनता बल्कि मनुष्य की शताब्दीयो की मेहनत को भी नष्ट कर देता है। बिहार में बड़े विनाशकारी भूकंप देखे हैं हजारों लोग मौत के मुंह में चले गए भूमि में दरारें पड़ गई जिनमें जीवित प्राणी समा गए पृथ्वी के गर्भ से कई प्रकार की विषैली गैस उत्पन्न हूंई जिनमें प्राणियों का दम घुट गया। भूकंप के कारण जो लोग धरती में समा जाते हैं उनके मृत शरीरों को बाहर निकालने के लिए धरती की खुदाई करनी पड़ती है। यातायात के साधन नष्ट हो जाते हैं बड़े-बड़े भवन धराशाई हो जाते हैं लोग बेघर हो जाते हैं धनवान निर्धन बन जाते हैं और निर्धनों को जीने के लाले पड़ जाते हैं।

भूकंप का उल्लेख: सन 1935 में क्वेटा ने भूकंप का प्रलयकारी नृत्य देखा था। भूकंप के तेज झटकों के कारण देखते ही देखते एक सुंदर नगर नष्ट हो गया हजारों स्त्री पुरुष जो रात की सुखद नींद का आनंद ले रहे थे क्षण भर में मौत का ग्रास बन गए। मकान, सड़के ओर व्रक्ष आदि सब नष्ट हो गए सब कुछ बहुत दयनीय हो गया। बहुत से लोग अपंग हो गए। किसी का हाथ टूट गया तो किसी की टॉन्ग, कोई अँधा हो गया तो कोई बहरा। अनेक स्त्रियां विधवा हो गई। बच्चे अनाथ हो गए। भारत देश के गुजरात राज्य में सन 2001 का भूकंप ऐसा रहा कि जिससे हुई बर्बादी अभी तक किसी भी भूकम्प से हुई बर्बादी से अधिक है। आज भी जब उस भूकम्प की करुण कहानी सुनते है।तो ह्रदय कांप उठता है।

भूकंप क्यों आते हैं ? इस संबंध में भिन्न-भिन्न मत प्रचलित हैं। भूगर्भशास्त्रियों की राय है कि पृथ्वी के भीतर की तहों में सभी धातुएँ और पदार्थ आदि तरल रूप में बह रहे हैं। जब वे भीतर की गरमी के कारण अधिक तेजी से बहते और फैलते हैं तो धरती काँप उठती है। कभी-कभी ज्वालामुखी पर्वतों के फटने से भी भूकंप आ जाते हैं। एक अन्य मत यह भी प्रचलित है कि पृथ्वी के भीतर मिट्टी की तहों के बैठने (धसकने) से भी धरती हिल उठती है।

जापान आदि कुछ ऐसे देश है जहां भूकंप की संभावना अधिक रहती है यहां पर मकान पत्थर चुने तथा ईट के ना होकर लकड़ी तथा गत्ते के बनाए जाते हैं। ये साधन भूकम्प के प्रभाव को कम कर सकते हैं पर उसे रोक नहीं सकते है। भूकंप जब भी आता है जान और माल की हानि अवश्य होती है। टर्की में भी एक भीषण भूकंप आया था जिसके परिणाम स्वरूप हजारों मनुष्य दबकर मर गए थे भूकंप के हल्के झटके भी कम भयंकर नही होते उससे भवनों को क्षति पहुंचती है।

उपसंहार : आज का युग विज्ञान का युग कहलाता है। पर विज्ञान देवी प्रकोप के सामने विवश है। भूकम्प के मनुष्य कारण क्षण भर में ही प्रलय का दृश्य उपस्थित हो जाता है। ईश्वर की इच्छा के आगे सब विवश है। मनुष्य को कभी भी अपनी शक्ति और बुद्धि का घमंड नहीं करना चाहिए उसे हमेशा प्रकृति तथा ईश्वर की शक्ति के आगे नतमस्तक रहना चाहिए। ईश्वर की कृपा ही मानव जाति को ऐसे प्रकोप से बचा सकती है।

#4. [800-1000 Words Long essay] प्राकृतिक आपदा भूकंप पर निबंध

प्रस्तावना : मनुष्य अपने स्वार्थ सिद्धि और तरक्की के कारण पर्यावरण को बेहद नुकसान पहुंचा रहा है। पर्यावरण का संतुलन बिगड़ रहा है। इसके कारण कई प्राकृतिक आपदाओं को इसने जन्म दिया है। भूकंप एक भयंकर प्राकृतिक आपदा है। यह एक भीषण संकट है। भूकंप जैसे ही आता है , यह जीव जंतु , मनुष्य सभी की जान ले लेता है। पेड़ पौधे नष्ट हो जाते है। बड़ी बड़ी इमारतें कुछ ही मिनटों में ताश के पत्तों की तरह ढह जाती है। भूमि पर दरार पड़ जाती है। अचानक धरती पर तीव्र गति से कम्पन होती है कि एक ही झटके में सब कुछ नष्ट हो जाता है। कई परिवार भूकंप की इस भयावह आपदा के शिकार हो जाते है। हर तरफ त्र्याही त्र्याही मच जाती है। भूकंप दो अक्षरों -भू + कम्प से बना है। भू मतलब धरती और कम्प का अर्थ है कम्पन। इस प्रकार भूमि यानी धरती पर अचानक आये कम्पन को भूकंप कहते है।

लोग बेघर हो जाते है और इस विनाशकारी आपदा की वजह से घायल हो जाते है। भूकंप के समक्ष मनुष्य की हालत दयनीय और असहाय हो जाती है। अपने चारो तरफ वह विनाश देखने को बेबस हो जाता है। भूकंप , बड़े उन्नत शहरों को खंडहरों में बदल कर रख देता है। मनुष्य ने हर क्षेत्र में प्रगति कर ली मगर भूकंप पर विजय पाने में असफल रहा है। ज़्यादातर भूंकम्प ज्वालामुखी विस्फोटो से आते है। जब ज्वालामुखी विस्फोट होता है , धरती में कम्पन पैदा हो जाता है। भूंकम्प आने पर चट्टानें टूट जाती है। जहाँ पर यह भूकंप आता है , वहां पर बसे गाँव और शहर नष्ट हो जाते है। जान माल की प्रचुर हानि होती है। कई बार दरारे इतनी गहरी पड़ती है कि लोग जिन्दा दफ़न हो जाते है। संचार और यातायात के सभी साधन भूकंप की वजह से नष्ट हो जाते है।

भूकंप पीड़ित जगहों पर कई वर्षो तक खुशहाली लौटती नहीं है। जीवन सामान्य होने में वक़्त लगता है। धरती को कृषि योग्य बनाने के लिए सैंकड़ो सालों से की गयी परिश्रम एक पल में नष्ट हो जाती है। भूकंप की वजह से सागर में भयानक लहरें उठती है जो वहां के क्षेत्रों में बसे लोगो पर कहर बरसाती है। भूकंप के समय समुद्र में तैर रही जहाजों का बचना नामुमकिन हो जाता है।

भारत में गुजरात के भुज में 7.7 तीव्रता से विनाशकारी भूकंप आया था। इस भूकंप में तीस हज़ार से ज़्यादा लोगो की जान चली गयी थी।

चार परतो से मिलकर धरती का निर्माण होता है। क्रस्टल , मेन्टल , इनर कोर , आउटर कोर इन चार परतो के नाम है। जब घरती के अंदर यह टेकटोनिक प्लेट हिलती है भूंकम्प आता है। धरती पर कभी कभार इतना अधिक दबाव पड़ता है कि पहाड़ खिसकने लगते है। टेकटोनिक प्लेट की तरह पहाड़ो , महासागरों की भी विभिन्न प्लेट होती है। भूकंप तब भी आ सकता , जब ऐसी प्लेट्स एक दूसरे के संग टकराती है।

भूकंप आने के कुछ कारण , मनुष्य का परमाणु परीक्षण , अनियमित प्रदूषण खदानों में विस्फोट , गहरे कुएं से तेल प्राप्त करना , जगह -जगह पर बाँध का निर्माण करवाना है । भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल में मापी जाती है। भूकंप को जिस उपकरण से मापा जाता है , उसे सिस्मोमीटर कहा जाता है। अगर दो से तीन तक की रिक्टर स्केल की भूकंप आती है ,तो यह भूकंप इतनी तीव्र नहीं होती है। अगर भूकंप की तीव्रता सात रिक्टर या उससे ज़्यादा होती है , तो भीषण विनाश ले आती है। ऐसे भूकंप में जान माल का बहुत नुकसान होता है।

जिस जगह में जनसंख्या का घनत्व अधिक होती है , वहां भूकंप से भयानक हानि होती है। शहरों में बड़ी इमारते होती है ,वो ढह जाती है जिसमे कई लोग दब कर मर जाते है। जब भूकंप आता है , तो नदियों और समुन्दरो में लहरें बढ़ जाती है। इससे बाढ़ का भय बढ़ जाता है।

अगर अतिरिक्त कम्पन होता है , धरती का बुरी तरीके से फटना शुरू हो जाता है। भूकंप आने पर चारो तरफ तनाव और भय का माहोल उतपन्न हो जाता है। मनुष्य को ऐसे घरो का निर्माण करना चाहिए ,जो भूकंप की चपेट को झेल सके। भूकंप रोधी घर होने चाहिए। जैसी ही लोगो को भूकंप के झटके महसूस होते है , उन्हें अपने मकान से निकलकर , खुले स्थान पर जाना चाहिए। अगर देर हो रही है , तो किसी सख्त फर्नीचर के नीचे छिप जाए । एक बात का ध्यान रखे , भूकंप के समय लिफ्ट का उपयोग बिलकुल ना करे। बिजली की मैन स्विच बंद कर दे। भूकंप की वजह से बड़े बड़े घरो और पाइपलाइनो में भयंकर आग लग सकती है। इससे और अधिक लोगो की जान जा सकती है। कई तरह के बिजली उपकरणों के कारण और अधिक भयंकर हादसा हो सकता है। इसलिए सावधानी बरतनी ज़रूरी है। समुद्र में जब भूकंप आता है ,तो वहां ऊँची लहरों का निर्माण होता है। यह सब विनाश भूकंप की ही देन है।

भूकंप आने से पूर्व मनुष्य को कोई चेतावनी नहीं मिलती है। लोगो को भूकंप के बारे में पहले से कुछ जानकारी नहीं मिलती है। कभी भूकंप की गति कम होती है , लोग इसे भूल जाते है। जब भूकंप अपने चरम सीमा पर होता है , तो गंभीर घाव दे जाता है। भूकंप अचानक दस्तक देती है और सब कुछ तहस नहस कर देती है।

यह सबसे घातक प्राकृतिक आपदा है। इससे लोगो की जिंदगी और संपत्ति सब लूट जाती है। भूकंप की उत्पत्ति जहां होती है , उसे भूकंप केंद्र कहा जाता है। भूकंप जैसे महाविनाश को रोकना असंभव है। मनुष्य को इसके प्रभाव को कैसे कम किया जाए , इस पर विचार करना चाहिए। मनुष्य भूकंप के कष्टों को कम ज़रूर कर सकता है। सामाजिक संस्थाएं ग्रसित जगहों में जाकर पीड़ित लोगो की मदद करती है। सरकार पीड़ित लोगो के पुनः स्थापना के लिए सरकारी अनुदान देती है। राहत कोष जैसी सुविधाएं प्रदान की जाती है। मनुष्यो के औद्योगीकरण और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में तीव्र गति की उन्नति ने इन भयानक प्राकृतिक आपदाओं को जन्म दिया है। मनुष्य को इस पर नियंत्रण करना बहुत ज़रूरी है।

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1 thought on “भूकंप पर निबंध (प्राकृतिक आपदा)”

Well l think u could have posted 200-300 words limitation too. Coz there situation in which we don’t need much words and of course least words.So for that situation 200-300 words is perfect. I just wanted to make u know about it……..

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