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दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) - दीपावली पर निबंध हिंदी में Class 1 से 10 तक के लिए यहाँ देखें

दिवाली पर निबंध (Diwali Essay in Hindi) - दिवाली हिंदुओं का सबसे बड़ा त्योहर है। बुराई पर अच्छाई की विजय के प्रतीक इस त्योहार और इसकी खूबियों से छात्रों को परिचित कराने के लिए छोटी कक्षाओं में दिवाली पर निबंध (Diwali Essay in Hindi) का प्रश्न हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में पूछा जाता है। इस हिंदी दिवाली निबंध (Diwali Essay in Hindi) से उन युवा शिक्षार्थियों को फायदा मिलेगा जो दीवाली त्योहार पर हिंदी में निबंध (Diwali Essay in Hindi) लिखना चाहते हैं। हमने नीचे दिए गए निबंध में शुभ दिवाली त्योहार (Diwali Festival) के बारे में जानकारी उपलब्ध कराने का एक छोटा-सी कोशिश की है। बच्चे दिवाली पर हिंदी के इस निबंध (Diwali Essay in Hindi) से सीखकर लाभ उठा सकते हैं और वाक्यों को कैसे बनाए जाएँ और किन बातों को दीपावली निबंध में जगह दी जाए, जैसी बातों को समझने के साथ ही अपने हिंदी लेखन कौशल को भी बेहतर बना सकते हैं। Latest: रक्षाबंधन त्योहार से जुड़ी हर जानकारी पाने के लिए लिंक पर क्लिक करें। अग्निपथ योजना में रजिस्ट्रेशन के लिए यहाँ क्लिक करें। 10वीं के बाद किए जाने वाले लोकप्रिय कोर्स 12वीं के बाद किए जा सकने वाले लोकप्रिय कोर्स और कॅरियर विकल्प जानें। होली पर निबंध के लिए यह लेख पढ़ें।

दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) - प्रस्तावना (Introduction)

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हिंदी में निबंध- भाषा कौशल, लिखने का तरीका जानें

दिवाली हिंदुओं के सबसे लोकप्रिय व महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है, जिसे बड़े ही उत्साह तथा धूमधाम के साथ मनाया जाता है। बच्चों को दिवाली पर निबंध लिखकर उन्हें त्योहार के बारे में अपने आनंदमय अनुभव साझा करने का अवसर मिलता है। युवा आम तौर पर इस त्योहार को बहुत पसंद करते हैं क्योंकि यह सभी के लिए ढेर सारी खुशियाँ और उल्लास के पल लेकर आता है। वे अपने परिवार, दोस्तों और रिश्तेदारों से मिलते हैं और अपने प्रियजनों के साथ शुभकामनाएँ और उपहार साझा करते हैं। अधिकतर लोग इस दौरान ऑनलाइन साल 2023 में दिवाली कब है ढूंढते रहते हैं (What is the real date of Diwali in 2023?)। ऐसे में आपकी जानकारी के लिए बता दें कि वर्ष 2023 में दिवाली पर्व 12 नवंबर, 2023 को मनाया जाएगा। इस दिन विशेष रूप से धन की देवी माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। छात्र इस लेखे में नीचे दिए गए दिवाली त्योहार पर निबंध (Essay of Diwali Festival) की जांच कर सकते हैं और दिवाली त्योहार के बारे में अपने व्यक्तिगत अनुभव व्यक्त करने या साझा करने के लिए इस विषय पर कुछ पंक्तियां लिखने का प्रयास कर सकते हैं।

दिवाली के अवसर पर धन की देवी माँ लक्ष्मी, गणेश जी, कुबेर जी की विधि-विधान से पूजा करने का विशेष महत्व माना गया है। लक्ष्मी पूजन प्रदोष काल में करने को सर्वाधिक फलदायक माना जाता है। इसके अलावा प्रदोष काल के दौरान स्थिर लग्न में लक्ष्मी पूजन विशेष फलदायक होता है। ऐसी मान्यता है कि स्थिर लग्न में की गई अपनी पूजा-आराधना से प्रसन्न होकर माता लक्ष्मी आराधक के घर में निवास करने लगती हैं। साल 2023 में दिवाली के अवसर पर 12 नवंबर को लक्ष्मी पूजन मुहूर्त गृहस्थजनों के लिए सायं 05:41 मिनट से रात 07:37 मिनट तक है। लक्ष्मी पूजन मुहूर्त की कुल अवधि लगभग 01 घंटे 55 मिनट रहेगी। वहीं साल 2022 में, 24 अक्टूबर को दिवाली का त्योहार देश भर में मनाया गया था।

महत्वपूर्ण लेख:

यहां बच्चों के लिए दिवाली पर हिंदी में निबंध दिया गया है, जिसे युवा स्वयं निबंध लिखते समय देख सकते हैं:

दीपावली का अर्थ: दिवाली जिसे "दीपावली" के नाम से भी जाना जाता है, भारत और दुनिया भर में रहने वाले हिंदुओं के सबसे पवित्र त्योहारों में से एक है। ‘दीपावली' संस्कृत के दो शब्दों से मिलकर बना है – दीप + आवली। ‘दीप’ का अर्थ होता है ‘दीपक’ तथा ‘आवली’ का अर्थ होता है ‘श्रृंखला’, जिसका मतलब हुआ दीपों की श्रृंखला या दीपों की पंक्ति। दीपावली का त्योहार कार्तिक मास के अमावस्या के दिन मनाया जाता है। यह त्योहार दुनिया भर के लोगों द्वारा बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है। हालांकि इसे हिंदू त्योहार माना जाता है, लेकिन विभिन्न समुदायों के लोग भी पटाखे और आतिशबाजी के जरिए इस उज्ज्वल त्योहार को मनाते हैं।

दीपावली त्योहार की तैयारी: दीपावली त्योहार की तैयारियां दिवाली से कई दिनों पहले ही आरंभ हो जाती है। दीपावली के कई दिनों पहले से ही लोग अपने घरों की साफ-सफाई व रंगाई-पुताई करने में जुट जाते हैं क्योंकि ऐसी मान्यता है कि जो घर साफ-सुथरे होते हैं, उन घरों में दिवाली के दिन माँ लक्ष्मी विराजमान होती हैं तथा अपना आशीर्वाद प्रदान करके वहां सुख-समृद्धि में बढ़ोत्तरी करती है। दिवाली के नजदीक आते ही लोग अपने घरों को दीपक और तरह-तरह के लाइट्स से सजाना शुरू कर देते हैं।

दिवाली में पटाखों का महत्व: दीपावली को "रोशनी का त्योहार" कहा जाता है। इस दिन लोग मिट्टी के बने दीपक जलाते हैं और अपने घरों को विभिन्न रंगों और आकारों की रोशनी से सजाते हैं, जिसे देखकर कोई भी मंत्रमुग्ध हो सकता है। इस पर्व में बच्चों को पटाखे जलाना और विभिन्न तरह के आतिशबाजी जैसे फुलझड़ियां, रॉकेट, फव्वारे, चक्री आदि बहुत पसंद होते हैं।

दिवाली का इतिहास : हिंदू मान्यताओं के अनुसार, दिवाली के दिन ही भगवान श्री राम 14 वर्षों के वनवास के बाद अपनी पत्नी सीता, भाई लक्ष्मण और उनके उत्साही भक्त हनुमान के साथ अयोध्या लौटे थे, अमावस्या की रात होने के कारण दिवाली के दिन काफी अंधेरा होता है, जिस वजह से उस दिन पुरे अयोध्या को दीपों और फूलों से भगवान श्री राम चंद्र के लिए सजाया गया था, ताकि भगवान राम के आगमन में कोई परेशानी न हो, तब से लेकर आज तक इसे दीपों का त्योहार और अंधेरे पर प्रकाश की जीत के रूप में मनाया जाता है।

इस शुभ अवसर पर, बाजारों में भगवान गणेश जी, लक्ष्मी जी, राम जी आदि की मूर्तियों की खरीदारी की जाती है। इस दौरान बाजारों में खूब चहल-पहल होती है। लोग इस अवसर पर नए कपड़े, बर्तन, मिठाइयां आदि खरीदते है। हिंदुओं द्वारा देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है, क्योंकि व्यापारी दिवाली के पर्व पर नई खाता बही की शुरुआत करते हैं। साथ ही, लोगों का मानना है कि यह खूबसूरत त्योहार सभी के लिए धन, समृद्धि और सफलता लाता है। लोग दिवाली के त्योहार के अवसर पर अपने परिवार, दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ उपहारों का आदान-प्रदान करने के लिए तत्पर रहते हैं।

दीपवाली से जुड़ी सामाजिक कुरीतियां

दीपावाली जैसे धार्मिक महत्व वाले पर्व के पावन अवसर पर भी कुछ असामाजिक तत्व अपने बुरी आदत जैसे शराब का सेवन, जुआ खेलना, टोना-टोटका करना और पटाखों के गलत इस्तेमाल से इसे ख़राब करने में जुटे रहते हैं। अगर समाज में दीपावाली के दिन इन कुरीतियों को दूर रखा जाए तो दिवाली का पर्व वास्तव में शुभ दीपावली हो जाएगा।

दिवाली स्वयं के अंदर के अंधकार को मिटा कर समूचे संसार को प्रकाशमय बनाने का त्योहार है। बच्चे इस दिन अपनी इच्छानुसार बम, फुलझड़ियाँ तथा अन्य पटाखे खरीदते हैं और आतिशबाजी का आनंद उठाते हैं। हमें इस बात को समझना होगा कि दीपावली के त्योहार का अर्थ दीप, प्रेम और सुख-समृद्धि से है। ऐसे में पटाखों का इस्तेमाल सावधानी पूर्वक और अपने बड़ों के सामने रहकर करना चाहिए। दिवाली का त्योहार हमें हमेशा आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। दीपावली का त्योहार सांस्कृतिक और सामाजिक सद्भाव का प्रतीक है। इस त्योहार के कारण लोगों में आज भी सामाजिक एकता बनी हुई है। हिंदी साहित्यकार गोपालदास नीरज ने भी कहा है, "जलाओ दिए पर रहे ध्यान इतना, अँधेरा धरा पर कहीं रह न जाए।" इसलिए दीपावली पर प्रेम और सौहार्द को बढ़ावा देने के प्रयत्न करने चाहिए।

दीपावली के साथ मनाए जाने वाले उत्सव (Celebrations celebrated with Deepawali)

ये भी देखें :

1) दीपावली को दीपों का त्योहार या दीपोत्सव भी कहा जाता है।

2) दिवाली भारत के सबसे लोकप्रिय और महत्वपूर्ण त्यौहारों में से एक है।

3) यह त्यौहार भगवान राम की याद में मनाया जाता है जो चौदह वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे।

4) इस अवसर पर हिंदू अनुयायी मिट्टी के दीपक जलाते हैं और अपने घरों को रंगोली से सजाते हैं।

5) बच्चे इस त्योहार पर पटाखे जलाकर बहुत खुश होते हैं।

6) हिंदुओं में इस अवसर पर धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं।

7) बच्चे, बूढ़े और जवान, सभी इस दिन धन की देवी माता लक्ष्मी और विघ्नहर्ता भगवान श्री गणेश की पूजा करते हैं।

8) इस दिन सभी लोग अपने दोस्तों और पड़ोसियों को मिठाइयाँ और उपहार देते हैं।

9) भारत में इस दिन सार्वजनिक अवकाश रहता है और लोग इस त्योहार को बड़े धूम-धाम के साथ मनाते हैं।

10) यह हिंदुओं के सबसे प्रिय और आनंददायक त्योहारों में से एक है, जिसे अन्य धर्म और संप्रदाय के लोग भी आपस में मिलजुल कर मनाते हैं।

इन्हें भी देखें

Frequently Asked Question (FAQs)

दिवाली 14 साल के वनवास के बाद भगवान राम की अयोध्या वापसी और साथ ही अंधकार पर रोशनी का प्रतीक है। अपने घरों की सफाई और उन्हें तरह तरह के लाइट से सजाने के बाद लक्ष्मी गणेश की पूजा के साथ दीपावली का त्योहार धूम धाम से मनाया जाता है, तथा रात के समय बच्चे आतिशबाजी का भी लुफ्त उठाते हैं।

इस त्योहार के दौरान, लोग अपने घरों को रंगोली और तेल के दीयों से सजाते हैं, जिन्हें दीपक कहा जाता है। सभी एक दूसरे को बधाई देते हैं, अच्छे अच्छे पकवान बनाते हैं, पटाखों से आतिशबाजी करते हैं और मिल-जुल कर सौहार्द के साथ दिवाली के पर्व को मनाते हैं।

दीपावली' संस्कृत के दो शब्दों से मिलकर बना है – दीप + आवली। ‘दीप’ अर्थात ‘दीपक’ और ‘आवली’ अर्थात ‘श्रृंखला’, जिसका मतलब हुआ दीपकों की श्रृंखला या दीपों की पंक्ति।

आप इस लेख की सहायता से दिवाली पर हिंदी में निबंध लिख सकते है, पूरे लेख को ध्यान से पढ़ें और समझें की आप किस तरह से दिपावली पर हिंदी निबंध लिख सकते हैं।  

दिवाली का त्योहार मिट्टी के दीप या फिर तरह -तरह के लाइट और रंगोली से अपने घर को सजा कर, खुशियां बाँट कर, लक्ष्मी गणेश की पूजा करके, अच्छे अच्छे पकवान बना कर हर्ष और उल्लास के साथ दिवाली का त्योहार मनाया जाता है।

साल 2023 में दिवाली 12 नवंबर को मनाई जाएगी। इस दिन लक्ष्मी पूजन मुहूर्त गृहस्थजनों के लिए सायं 05:41 मिनट से रात 07:37 मिनट तक है। लक्ष्मी पूजन मुहूर्त की कुल अवधि लगभग 01 घंटे 55 मिनट रहेगी।

लक्ष्मी पूजन प्रदोष काल में करना सर्वाधिक फलदायक माना जाता है। प्रदोष काल के दौरान स्थिर लग्न में लक्ष्मी पूजन का और विशेष महत्व है। साल 2023 में दिवाली के अवसर पर 12 नवंबर को लक्ष्मी पूजन मुहूर्त गृहस्थजनों के लिए सायं 05:41 मिनट से रात 07:37 मिनट तक है। लक्ष्मी पूजन मुहूर्त की कुल अवधि लगभग 01 घंटे 55 मिनट रहेगी। 

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Application Date : 15 March,2023 - 30 August,2023

International Informatics Olympiad

Application Date : 16 March,2023 - 30 August,2023

International Olympiad of Mathematics

International olympiad of english language, national institute of open schooling 12th examination.

Others : 20 May,2023 - 19 June,2023

Explore Career Options (By Industry)

Electrical power engineer

Researching and maintaining electrical power plant systems form the basis of an electrical engineers career. Career in electrical engineering involves interaction, designing, and maintenance of systems and components like electrical reactors, electrical power plants, or electrical weapons. Electrical power job also includes the study of medical and other applications of radiation, particularly ionizing radiation, electrical safety, heat/thermodynamics transport, electrical fuel, or other related technology and the problems of electrical power proliferation.

Data Administrator

Database professionals use software to store and organise data such as financial information, customer shipping records. Individuals who opt for a career as data administrators ensure that data is available for users and secured from unauthorised sales. DB administrator may work in various types of industries. It may involve computer systems design, service firms, insurance companies, banks and hospitals.

Geothermal Engineer

Individuals who opt for a career as geothermal engineers are the professionals involved in the processing of geothermal energy. The responsibilities of geothermal engineers may vary depending on the workplace location. Those who work in fields design facilities to process and distribute geothermal energy. They oversee the functioning of machinery used in the field.

Bio Medical Engineer

The field of biomedical engineering opens up a universe of expert chances. An Individual in the biomedical engineering career path work in the field of engineering as well as medicine, in order to find out solutions to common problems of the two fields. The biomedical engineering job opportunities are to collaborate with doctors and researchers to develop medical systems, equipment, or devices that can solve clinical problems. Here we will be discussing jobs after biomedical engineering, how to get a job in biomedical engineering, biomedical engineering scope, and salary. 

GIS officer work on various GIS software to conduct a study and gather spatial and non-spatial information. GIS experts update the GIS data and maintain it. The databases include aerial or satellite imagery, latitudinal and longitudinal coordinates, and manually digitized images of maps. In a career as GIS expert, one is responsible for creating online and mobile maps.

Locomotive Engineer

Individuals who opt for a career as Locomotive Engineers must be aware of the products that the train transports, since various types of merchandise demand various travelling styles, depending on rail conditions. Locomotive Engineer jobs are to drive cargo or passenger trains among various locations. Individuals who opt for a career as a locomotive engineer continue driving long-distance train services and passenger trains but not subway trains. Many locomotive engineers operate diesel-electric engines.

Are you searching for how to become locomotive engineer? Scroll and read the article. 

Geotechnical engineer

The role of geotechnical engineer starts with reviewing the projects needed to define the required material properties. The work responsibilities are followed by a site investigation of rock, soil, fault distribution and bedrock properties on and below an area of interest. The investigation is aimed to improve the ground engineering design and determine their engineering properties that include how they will interact with, on or in a proposed construction. 

The role of geotechnical engineer in mining includes designing and determining the type of foundations, earthworks, and or pavement subgrades required for the intended man-made structures to be made. Geotechnical engineering jobs are involved in earthen and concrete dam construction projects, working under a range of normal and extreme loading conditions. 

Graphic Designer

Within the graphic design and graphic arts industry, a graphic designer is a specialist who designs and builds images, graphic design, or visual effects to develop a piece of artwork. In career as graphic designer, individuals primarily generate the graphics for publishing houses and printed or electronic digital media like pamphlets and commercials. There are various options for industrial graphic design employment. Graphic design career includes providing numerous opportunities in the media industry.

Bank Probationary Officer (PO)

A career as Bank Probationary Officer (PO) is seen as a promising career opportunity and a white-collar career. Each year aspirants take the Bank PO exam . This career provides plenty of career development and opportunities for a successful banking future. If you have more questions about a career as  Bank Probationary Officer (PO),  what is probationary officer  or how to become a Bank Probationary Officer (PO) then you can read the article and clear all your doubts. 

Bank Branch Manager

Bank Branch Managers work in a specific section of banking related to the invention and generation of capital for other organisations, governments, and other entities. Bank Branch Managers work for the organisations and underwrite new debts and equity securities for all type of companies, aid in the sale of securities, as well as help to facilitate mergers and acquisitions, reorganisations, and broker trades for both institutions and private investors.

Risk Management Specialist

Individuals who opt for a career as a risk management specialist are professionals who are responsible for identifying risks involved in business that may include loss of assets, property, personnel or cash flow. Credit risk manager responsibilities are to identifies business opportunities and eliminates issues related to insurance or safety that may cause property litigation. A risk management specialist is responsible for increasing benefits.

Securities Broker

A career as a securities broker is filled with excitement and plenty of responsibilities. One cannot afford to miss out on the details. These types of brokers explain to their clients the complex details related to the securities or the stock market. Choosing to become a securities broker is a good career choice especially due to the liberalization as well as economic growth. There are several companies and organizations in India which hire a securities broker. If you are also thinking of making a career in this field then continue reading the article, it will answer all your questions related to the field. 

Product Manager

A Product Manager is a professional responsible for product planning and marketing. He or she manages the product throughout the Product Life Cycle, gathering and prioritising the product. A product manager job description includes defining the product vision and working closely with team members of other departments to deliver winning products.  

Bank clerks tend to be the first (and possibly only) bank staff that the customer interacts with. Additionally, a bank clerk work is to maintain important customer and financial records to ensure that the bank branch remains efficient and follows reporting and financial management laws and guidelines. It is one of the dignified and most desired jobs as the bank officer is a secure job with a lot of perks and benefits compared to any other profession. 

If you have more questions regarding a career as bank clerk or how to become a bank clerk, what is the bank clerk qualification, bank clerk vacancy, and bank clerk exams then in this article we will discuss everything mentioned here.  

Credit Management refers to the process of granting credit, setting the terms it’s granted on, recovering the credit when it’s due, and confirming compliance with the organization's credit policy, among other credit-related operations. Individuals who opt for a career as Credit Manager should have hands-on experience with accounting software, a solid understanding of lending procedures, excellent analytical skills with the ability to create and process financial spreadsheets, negotiation skills, and a bachelor’s or master’s degree in a field relevant to finance or accounting. Ultimately, Credit Management job is to help organizations minimize bad debts and increase revenues from the loan.

Investment Banker

An Investment Banking career involves the invention and generation of capital for other organizations, governments, and other entities. Individuals who opt for a career as Investment Bankers are the head of a team dedicated to raising capital by issuing bonds. Investment bankers are termed as the experts who have their fingers on the pulse of the current financial and investing climate. Students can pursue various Investment Banker courses, such as Banking and Insurance , and  Economics to opt for an Investment Banking career path.

Transportation Planner

A career as Transportation Planner requires technical application of science and technology in engineering, particularly the concepts, equipment and technologies involved in the production of products and services. In fields like land use, infrastructure review, ecological standards and street design, he or she considers issues of health, environment and performance. A Transportation Planner assigns resources for implementing and designing programmes. He or she is responsible for assessing needs, preparing plans and forecasts and compliance with regulations.

An expert in plumbing is aware of building regulations and safety standards and works to make sure these standards are upheld. Testing pipes for leakage using air pressure and other gauges, and also the ability to construct new pipe systems by cutting, fitting, measuring and threading pipes are some of the other more involved aspects of plumbing. Individuals in the plumber career path are self-employed or work for a small business employing less than ten people, though some might find working for larger entities or the government more desirable.

Construction Manager

Individuals who opt for a career as construction managers have a senior-level management role offered in construction firms. Responsibilities in the construction management career path are assigning tasks to workers, inspecting their work, and coordinating with other professionals including architects, subcontractors, and building services engineers.

Carpenters are typically construction workers. They stay involved in performing many types of construction activities. It includes cutting, fitting and assembling wood.  Carpenters may help in building constructions, bridges, big ships and boats. Here, in the article, we will discuss carpenter career path, carpenter salary, how to become a carpenter, carpenter job outlook.

An individual who opts for a career as a welder is a professional tradesman who is skilled in creating a fusion between two metal pieces to join it together with the use of a manual or fully automatic welding machine in their welder career path. It is joined by intense heat and gas released between the metal pieces through the welding machine to permanently fix it. 

Environmental Engineer

Individuals who opt for a career as an environmental engineer are construction professionals who utilise the skills and knowledge of biology, soil science, chemistry and the concept of engineering to design and develop projects that serve as solutions to various environmental problems. 

Naval Architect

A Naval Architect is a professional who designs, produces and repairs safe and sea-worthy surfaces or underwater structures. A Naval Architect stays involved in creating and designing ships, ferries, submarines and yachts with implementation of various principles such as gravity, ideal hull form, buoyancy and stability. 

Welding Engineer

Welding Engineer Job Description: A Welding Engineer work involves managing welding projects and supervising welding teams. He or she is responsible for reviewing welding procedures, processes and documentation. A career as Welding Engineer involves conducting failure analyses and causes on welding issues. 

Orthotist and Prosthetist

Orthotists and Prosthetists are professionals who provide aid to patients with disabilities. They fix them to artificial limbs (prosthetics) and help them to regain stability. There are times when people lose their limbs in an accident. In some other occasions, they are born without a limb or orthopaedic impairment. Orthotists and prosthetists play a crucial role in their lives with fixing them to assistive devices and provide mobility.

Veterinary Doctor

A veterinary doctor is a medical professional with a degree in veterinary science. The veterinary science qualification is the minimum requirement to become a veterinary doctor. There are numerous veterinary science courses offered by various institutes. He or she is employed at zoos to ensure they are provided with good health facilities and medical care to improve their life expectancy.

Gynaecologist

Gynaecology can be defined as the study of the female body. The job outlook for gynaecology is excellent since there is evergreen demand for one because of their responsibility of dealing with not only women’s health but also fertility and pregnancy issues. Although most women prefer to have a women obstetrician gynaecologist as their doctor, men also explore a career as a gynaecologist and there are ample amounts of male doctors in the field who are gynaecologists and aid women during delivery and childbirth. 

ENT Specialist

Individuals who opt for a career as ENT specialists are medical professionals who specialise in treating disorders that are related to functioning of ears, nose, sinus, throat, head and neck. Such disorders or diseases result in affecting fundamental functions of life such as hearing and balance, swallowing and speech, breathing and sleep. Individuals who opt for a career as an ENT specialist are also responsible for treating allergies and sinuses, head and neck cancer, skin disorders and facial plastic surgeries.

Pathologist

The career in pathology in India is filled with several responsibilities as it is a medical branch and affects human lives. The demand for pathologists has been increasing from the past few years as people are getting more aware of different diseases. Not only that, an increase in population and lifestyle changes have also contributed to the increase in a pathologist’s demand. The pathology careers provide an extremely huge number of opportunities and if you want to be a part of the medical field you can consider being a pathologist. If you want to know more about a career in pathology in India then continue reading this article.

An oncologist is a specialised doctor responsible for providing medical care to patients diagnosed with cancer. He or she uses several therapies to control the cancer and its effect on the human body such as chemotherapy, immunotherapy, radiation therapy and biopsy. An oncologist designs a treatment plan based on a pathology report after diagnosing the type of cancer and where it is spreading inside the body.

Prosthodontist

If a person enjoys being in a healthcare setting then the career as a prosthodontist can be filled with excitement. In the field of prosthodontics, one undergoes a long study cycle to reach his or her position therefore, after acquiring so much knowledge and practice the career opportunities are immense. A prosthodontist in India can be hired in both governments as well as private organisations, along with military and research-based institutions. Not only that an individual also has the option of taking the experience of a couple of years in the organisation of his or her choice and then setting up a private practice of his or her own. Here, in this article, we will discuss prosthodontics opportunities, maxillofacial prosthodontist jobs, and prosthodontist salary in India.

Individuals who opt for a career as a surgeon perform elective surgery involves a non-life-threatening situation and is usually done by appointment depending on the surgeon’s availability. The general surgeon's job performing semi-elective surgery involves avoiding permanent disability or death but can be put off for a short time. Exploratory surgeries are performed to help in confirming a diagnosis. Students can pursue Paediatric Surgery , Ayurvedic Medicine and Surgery to become surgeons. 

Individuals who opt for a career as actor, his or her primary responsibility is to completely speak to the character he or she is playing and to persuade their crowd that the character is genuine by connecting with them and bringing them into the story. This applies to significant roles and littler parts, as all roles join to make an effective creation. Here in this article, we will discuss how to become an actor, actor qualification, acting career salary in India, and actor jobs.

Video Game Designer

Career as a video game designer is filled with excitement as well as responsibilities. A video game designer is someone who is involved in the process of creating a game from day one. He or she is responsible for fulfilling duties like designing the character of the game, the several levels involved, plot, art and similar other elements. Individuals who opt for a career as a video game designer may also write the codes for the game using different programming languages. Depending on the video game designer job description and experience they may also have to lead a team and do the early testing of the game in order to suggest changes and find loopholes.

Talent Agent

The career as a Talent Agent is filled with responsibilities. A Talent Agent is someone who is involved in the pre-production process of the film. It is a very busy job for a Talent Agent but as and when an individual gains experience and progresses in the career he or she can have people assisting him or her in work. Depending on one’s responsibilities, number of clients and experience he or she may also have to lead a team and work with juniors under him or her in a talent agency. In order to know more about the job of a talent agent continue reading the article.

If you want to know more about talent agent meaning, how to become a Talent Agent, or Talent Agent job description then continue reading this article.

Radio Jockey

Radio Jockey is an exciting, promising career and a great challenge for music lovers. If you are really interested in a career as radio jockey, then it is very important for an RJ to have an automatic, fun, and friendly personality. If you want to get a job done in this field, a strong command of the language and a good voice are always good things. Apart from this, in order to be a good radio jockey, you will also listen to good radio jockeys so that you can understand their style and later make your own by practicing.

A career as radio jockey has a lot to offer to deserving candidates. If you want to know more about a career as radio jockey, and how to become a radio jockey then continue reading the article.

Individuals who opt for a career as acrobats create and direct original routines for themselves, in addition to developing interpretations of existing routines. The work of circus acrobats can be seen in a variety of performance settings, including circus, reality shows, sports events like the Olympics, movies and commercials. Individuals who opt for a career as acrobats must be prepared to face rejections and intermittent periods of work. The creativity of acrobats may extend to other aspects of the performance. For example, acrobats in the circus may work with gym trainers, celebrities or collaborate with other professionals to enhance such performance elements as costume and or maybe at the teaching end of the career.

Individuals in author career path are someone who chooses a field to write in and can go about it according to his or her wish. It is considered one of the most careers for writers. Being an author and writing something which breaks all possible records is entirely in the hands of an individual. It is one of those careers where one gets to ‘be his or her own boss’. Not only an author could also be a freelancer or could do the job as a hobby or passion. Careers for writers are not just limited to writing novels or poems but also includes several other career options like screenwriter, copywriter, playwright, so on and so forth.

A career as an announcer is a creative profession and requires a lot of mind musing in terms of creativity as well as critical and analytical aspects. Also, the announcers working on television and radio networking sites are required to constantly maintain a social media presence. Having a social media presence not only helps them in establishing a strong public image but they are also able to engage in a better way with their audience. Through social media presence, they are able to know their audience’s feedback, what interests them, music requests, or programme contests.

Talent Director

Individuals who opt for a career as a talent director are professionals who work in the entertainment industry. He or she is responsible for finding out the right talent through auditions for films, theatre productions, or shows. A talented director possesses strong knowledge of computer software used in filmmaking, CGI and animation. A talent acquisition director keeps himself or herself updated on various technical aspects such as lighting, camera angles and shots. 

Individuals who opt for a career as a reporter may often be at work on national holidays and festivities. He or she pitches various story ideas and covers news stories in risky situations. Students can pursue BMC (Bachelor of Mass Communication) , B.M.M. (Bachelor of Mass Media) , MAJMC (MA in Journalism and Mass Communication) to become a reporter. While we sit at home reporters travel to locations to collect information that carries a news value.  

Advertising Manager

Advertising managers consult with the financial department to plan a marketing strategy schedule and cost estimates. We often see advertisements that attract us a lot, not every advertisement is just to promote a business but some of them provide a social message as well. There was an advertisement of a washing machine brand that implies a story that even a man can do household activities. And of course how could we even forget those jingles which we often sing while working.

Careers in journalism are filled with excitement as well as responsibilities. One cannot afford to miss out on the details. As it is the small details that provide insights into a story. Depending on those insights a journalist goes about writing a news article. A journalism career can be stressful at times but if you are someone who is passionate about it then it is the right choice for you. If you want to know more about the media field and journalist career then continue reading this article.

News Anchor

A career as news anchor requires to be working closely with reporters to collect information, broadcast newscasts and interview guests throughout the day. A news anchor job description is to track the latest affairs and present news stories in an insightful, meaningful and impartial manner to the public. A news anchor in India needs to be updated on the news of the day. He or she even works with the news director to pick stories to air, taking into consideration the interests of the viewer.

For publishing books, newspapers, magazines and digital material, editorial and commercial strategies are set by publishers. Individuals in publishing career paths make choices about the markets their businesses will reach and the type of content that their audience will be served. Individuals in book publisher careers collaborate with editorial staff, designers, authors, and freelance contributors who develop and manage the creation of content.

In a career as a vlogger, one generally works for himself or herself. However, once an individual has gained viewership there are several brands and companies that approach them for paid collaboration. It is one of those fields where an individual can earn well while following his or her passion. Ever since internet cost got reduced the viewership for these types of content has increased on a large scale. Therefore, the career as vlogger has a lot to offer. If you want to know more about the career as vlogger, how to become a vlogger, so on and so forth then continue reading the article. Students can visit Jamia Millia Islamia , Asian College of Journalism , Indian Institute of Mass Communication to pursue journalism degrees.

Public Relation Executive

Public relation officer qualifications should enable him or her to handle various activities like developing, implementing, monitoring, and evaluating communications strategy in order to support the communication objectives and maximize positive exposure in local, national, and international markets. The day-to-day tasks in the career as a public relations officer can vary depending on the industry, active PR campaigns, PR team size, and other factors. However, the job of PR officer often includes, writing press releases to announce company-related news, creating fact sheets and media kits about the company to send to media teams for brand-building and several other activities. In the career a public relations officer, individuals are also responsible for tracking and measuring their PR efforts.

A career as a gemologist is as magnificent and sparkling as gemstones. A gemologist is a professional who has knowledge and understanding of gemology and he or she applies the same knowledge in his everyday work responsibilities. He or she grades gemstones using various equipment and determines its worth. His or her other work responsibilities involve settling gemstones in jewellery, polishing and examining it. 

Production Manager

Production Manager Job Description: A Production Manager is responsible for ensuring smooth running of manufacturing processes in an efficient manner. He or she plans and organises production schedules. The role of Production Manager involves estimation, negotiation on budget and timescales with the clients and managers. 

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Corporate Executive

Are you searching for a Corporate Executive job description? A Corporate Executive role comes with administrative duties. He or she provides support to the leadership of the organisation. A Corporate Executive fulfils the business purpose and ensures its financial stability. In this article, we are going to discuss how to become corporate executive.

A QA Lead is incharge of the QA Team. The role of QA Lead comes with the responsibility of assessing services and products in order to determine that they meet the quality standards. He or she develops, implements and manages test plans. 

A Team Leader is a professional responsible for guiding, monitoring and leading the entire group. He or she is responsible for motivating team members by providing a pleasant work environment to them and inspiring positive communication. A Team Leader contributes to the achievement of the organisation’s goals. He or she improves the confidence, product knowledge and communication skills of the team members and empowers them.

Merchandiser

A career as a merchandiser requires one to promote specific products and services of one or different brands, to increase the in-house sales of the store. Merchandising job focuses on enticing the customers to enter the store and hence increasing their chances of buying a product. Although the buyer is the one who selects the lines, it all depends on the merchandiser on how much money a buyer will spend, how many lines will be purchased, and what will be the quantity of those lines. In a career as merchandiser, one is required to closely work with the display staff in order to decide in what way a product would be displayed so that sales can be maximised. In small brands or local retail stores, a merchandiser is responsible for both merchandising and buying. 

Quality Systems Manager

A Quality Systems Manager is a professional responsible for developing strategies, processes, policies, standards and systems concerning the company as well as operations of its supply chain. It includes auditing to ensure compliance. It could also be carried out by a third party. 

Computer Programmer

Careers in computer programming primarily refer to the systematic act of writing code and moreover includes wider computer science areas. The word 'programmer' or 'coder' has entered into practice with the growing number of newly self-taught tech-enthusiast. Computer programming careers involve the use of designs created by software developers and engineers and transforming them into commands that can be implemented by computers. These commands result in regular usage of social media sites, word processing applications and browsers.

ITSM Manager

ITSM Manager is a professional responsible for heading the ITSM (Information Technology Service Management) or (Information Technology Infrastructure Library) processes. He or she ensures that operation management provides appropriate resource levels for problem resolutions. The ITSM Manager oversees the level of prioritisation for the problems, critical incidents, planned as well as proactive tasks. 

Web Analyst

Web Analyst Job Description: A Web Analyst utilises his or her analytics skills to pull data collections from varying websites concerning visitors’ behaviour and performance of web servers. He or she oversees link management, SEO statistics and keyword density. 

Project Consultant

A Project Consultant is responsible for contributing operational, strategic or technical expertise to projects. He or she provides consultation to clients and determines project parameters, developing project plans concerning business objectives. Project Consultants provide support in assigning tasks and resources. 

Big Data Analytics Engineer

Big Data Analytics Engineer Job Description: A Big Data Analytics Engineer is responsible for collecting data from various sources. He or she has to sort the organised and chaotic data to find out patterns. The role of Big Data Engineer involves converting messy information into useful data that is clean, accurate and actionable. 

Integration Architect

Career  as  Integration Architect is responsible for integrating various systems and technologies into the whole. He or she creates technical designs for complex systems as well as plans for security, scalability and back up procedures. Integration Architect oversees all stages of the software development process concerning from planning to deployment. 

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दिवाली पर निबंध – Essay on Diwali in Hindi 2022

Essay on Diwali in Hindi  : दोस्तो आज हमने दिवाली पर निबंध कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, 11, 12 के विद्यार्थियों के लिए लिखा है। इस निबंध के माध्यम से हमने भारतवर्ष में मनाया जाने वाला सबसे बड़ा त्यौहार Diwali के बारे में जानकारी दी है कि यह कब मनाया जाता है और क्यों मनाया जाता है।

दिवाली का त्यौहार पूरे भारतवर्ष में मनाया जाता है इस त्यौहार को सभी धर्मों ने स्वीकारा है और खूब उत्साह है और हर्षोल्लास से हर वर्ष इस त्योहार को मनाते है।

दिवाली के इस निबंध को हमने अलग अलग शब्द सीमा मी लिखा है जिससे सभी विद्यार्थियों को निबंध लिखने में आसानी हो। आप दिवाली पर कविता भी पढ़ सकते है

essay on diwali in hindi

Get Some Best Essay on Diwali in hindi for students 100, 200, 500, 2000 words।

10 Line Essay on Diwali in Hindi For Class 2,3,4

(1) भारत में हिंदू धर्म के लोगों द्वारा बनाया जाने वाला सबसे बड़ा त्यौहार दिवाली है।

(2) प्रत्येक वर्ष दीपावली अमावस्या के दिन सितंबर से अक्टूबर माह के मध्य में मनायी जाती है।

(3) भगवान श्री राम के 14 वर्ष के वनवास काटने के बाद अयोध्या लौटने पर उनके स्वागत में यह त्योहार मनाया जाता है।

(4) यह त्यौहार पांच दिनों तक चलता है जिसमें धनतेरस गोवर्धन पूजा भैया दूज इत्यादि उत्सव शामिल होते है।

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(5) इन दिन सभी लोगों सभी लोग अपने घरों की साफ-सफाई करते है रंग-बिरंगे फूलों और लाइटों से घर को सजाते है।

(6) दिवाली के दिन संध्या के समय भगवान श्री गणेश, महालक्ष्मी और मां सरस्वती की पूजा की जाती है।

(7) दीपावली किस दिन को प्रकाश पर्व भी कहा जाता है क्योंकि इसमें सभी लोग अपने घरों में दीपक जलाते है जिससे चारों तरफ रोशनी ही रोशनी फैल जाती है।

(8) यह भारत देश का सबसे बड़ा त्यौहार है इसलिए इस उपलक्ष में राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया जाता है।

(9) यह त्यौहार बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है सभी लोग नये कपड़े पहनते है बच्चे पटाखे छुड़ाते है और बड़े लोग एक दूसरे को गले लगाकर दिवाली की बधाइयां देते है।

(10) दिवाली बुराई पर अच्छाई की विजय के रूप में भी मनाया जाता है।

Short Essay on Diwali in Hindi For Class 5,6

भारत एक विशाल देश है जहां पर प्रत्येक दिन कोई ना कोई त्यौहार मनाया जाता है। इनमें सबसे बड़ा त्योहार Diwali को माना जाता है। दिवाली का त्योहार सितंबर से अक्टूबर माह के बीच में आता है। इस त्यौहार को प्रमुख रूप से हिंदू धर्म के लोगों द्वारा खूब धूमधाम से मनाया जाता है।

इस त्योहार को मनाने के लिए लोग महीने भर पहले से ही तैयारियां करनी चालू कर देते है। सभी लोग अपने घरों दुकानों और अपने आसपास के क्षेत्र की सफाई करते है और अपने घरों को रंग बिरंगे रंगों से रंगते है।

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दीपावली के त्योहार को मनाने की प्रमुख वजह यह है कि इस दिन भगवान राम 14 वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या लौट कर आए थे और वहां की निवासियों ने उनके स्वागत के लिए घी के दीपक जलाए थे जिसके कारण पूरा अयोध्या रोशनी से चमक उठा था।

इसीलिए दीपावली के दिन घोर अंधेरे को पराजित करने के लिए दीपक जलाए जाते है। दीपावली के दिन प्रमुख रूप से मां लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है साथ ही भगवान गणेश और मां सरस्वती की भी पूजा की जाती है।

दीपावली के दिन पूरा भारत रोशनी से जगमग हो उठता है चारों ओर खुशहाली ही खुशहाली छाई रहती है।

Diwali Par Nibandh in Hindi for Class 7, 8,9

भूमिका –

भारत विभिन्न, परंपराओं, संस्कृतियों, विचारों, भाषाओं एवं धर्मों वाला देश है यहां पर प्रत्येक धर्म का त्यौहार सभी लोग खूब धूमधाम से मनाते है। दिवाली का त्यौहार हिंदू धर्म के लोगों का सबसे बड़ा त्यौहार माना जाता है और यह पूरे देश में मनाया जाता है।

दिवाली का त्यौहार दशहरे के 21 दिन बाद सितंबर से अक्टूबर माह के बीच में अमावस्या के दिन मनाया जाता है। दिवाली का त्यौहार वर्षा ऋतु के समाप्त होने और शरद ऋतु की प्रारंभ होने का संकेत होता है दीपावली के त्योहार पर मौसम गुलाबी ठंड के लिए भी रहता है जिससे चारों और खुशहाली का मौसम बनता है।

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दिवाली त्यौहार की पौराणिक मान्यता –

इस त्योहार को सिख, बौद्ध और जैन धर्म के लोग भी मनाते है जैन धर्म के लोग इसे महावीर के मोक्ष दिवस के रूप में मनाते है क्योंकि इसी दिन जैन धर्म के भगवान महावीर ने मोक्ष की प्राप्ति की थी तथा सिख समुदाय इसे बन्दी छोड़ दिवस के रूप में मनाता है क्योंकि इसी दिन सिख समुदाय के छठे गुरु हरगोबिन्द सिंह जी को जेल से रिहा किया गया था।

दिवाली के दिन मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है पौराणिक मान्यताओं के अनुसार मां लक्ष्मी को धन-धान्य एवं सुख संपदा की देवी माना जाता है और साथ में भगवान गणेश और मां सरस्वती की पूजा भी की जाती है।

दिवाली का त्यौहार आने से पहले ही लोग अपने घरों की साफ-सफाई और रंगाई पुताई का काम प्रारंभ कर देते है।

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार Diwali के दिन महालक्ष्मी सभी साफ-सुथरे एवं स्वच्छ घरों में आती है और अपने साथ सुख समृद्धि भी लेकर आती है इसीलिए महालक्ष्मी की पूजा के समय सभी लोग अपने घर के दरवाजे खुले छोड़ देते है।

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दिवाली का आयोजन – 

यह त्यौहार 5 दिनों तक की लंबी अवधि तक चलने वाला त्यौहार है। पहले दिन लोग धनतेरस के रूप में मनाते हैं इस दिन में बाजार से कुछ वस्तुएं खरीद के लाते है दीपावली का दूसरा दिन नारक चतुर्दशी या छोटी दिपावली के रूप में मनाया जाता है क्योंकि इस दिन भगवान कृष्ण ने नरकासुर का वध करके बुराई पर अच्छाई की जीत का परचम लहराया था।

इस त्यौहार का तीसरा दिन बहुत प्रमुख होता है क्योंकि इसी दिन दीपावली का ऐतिहासिक पर्व मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान राम 14 वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या में पधारे थे इसलिए अयोध्या वासियों ने अपने भगवान राम को खुश करने के लिए उनके स्वागत में सभी जगह फूलों की बरसात कर दी और जी के दीपक जला दिए।

इसीलिए दिवाली के दिन भी दीपक जलाए जाते है वर्तमान में दीपक की जगह मोमबत्तियां और चाइनीज लाइटों ने ले ली है। दिवाली के चौथे दिन गोवर्धन पूजा की जाती है माना जाता है कि इसी दिन भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठाकर भगवान इंद्र के क्रोध से हुई भारी वर्षा से बचाया था।

दिवाली का अंतिम दिन भैया दूज के रूप में मनाया जाता है इस दिन सभी भाई बहन एक दूसरे से मिलते है।

उपसंहार –

Diwali के इस पर्व के उपलक्ष में सभी लोग नए कपड़े पहनते है और अपने रिश्तेदारों को मिलते है जिससे समाज में सदभावना उत्पन्न होती है यह त्यौहार धार्मिक परंपरा के साथ साथ सामाजिक भावनाओं के साथ भी जुड़ा हुआ है।

Essay on Diwali in Hindi for Class 10,11,12

प्रस्तावना –.

दीपावली का त्यौहार खुशियों और सुख-समृद्धि का त्यौहार है। यह पांच दिवसीय हिंदुओं द्वारा मनाया जाने वाला सबसे बड़ा त्यौहार है। दिवाली के त्यौहार को भारत के प्रत्येक राज्य में मनाया जाता है। इस दिन अमावस्या की काली रात होने के बावजूद भी पूरा भारत रोशनी से जगमगाया हुआ होता है।

Diwali का त्यौहार असत्य पर सत्य की जीत और अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है। इस त्यौहार को सिर्फ हमारे देश में ही ही ही विदेशों में भी मनाया जाता है इससे इसकी प्रमुखता का पता लगाया जा सकता है। केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं है बल्कि इसका सामाजिक, आध्यात्मिक, पौराणिक, ऐतिहासिक और आर्थिक महत्व भी है।

दिवाली के त्यौहार को हिंदू धर्म के लोगों के साथ साथ वर्तमान में अन्य लोगों द्वारा भी बहुत ही धूमधाम है और हर्षोल्लास से मनाया जाता है। दिवाली के दिन सभी लोग अपने दुख दर्द भुला कर खुशी से इस त्योहार को मनाते है।

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वर्ष 2022 में दीपावली कब है – Diwali Kab Hai

इस वर्ष दीपावली का त्यौहार 24 अक्टूबर 2022 को मनाया जाएगा । दिवाली के इस पवित्र पर्व को हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक कृष्ण अमावस्या के दिन मनाया जाएगा।

दिवाली त्योहार का इतिहास – History of Diwali in hindi

दीपावली का त्यौहार भारत में प्राचीन समय से ही मनाया जाता रहा है इस त्यौहार का इतिहास अलग-अलग राज्यों के लोग भिन्न-भिन्न मानते है लेकिन अधिकतर लोगों का मानना है कि जब भगवान राम 14 वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या लौटे थे तब अयोध्या वासियों ने उनके स्वागत के लिए घी के दीपक प्रज्वलित किए थे और साथ ही अयोध्या के हर रास्ते को सुनहरे फूलों से सजा दिया गया था।

जिस दिन भगवान राम अयोध्या लौट कर आए थे उस दिन अमावस्या की काली रात थी जिसके कारण वहां पर कुछ भी नहीं दिखाई दे रहा था इसलिए अयोध्या वासियों ने वहां पर दीपक जलाए थे इसलिए इस दिन को अंधकार पर प्रकाश की विजय भी माना जाता है।

और यह सच भी है क्योंकि इस दिन पूरा भारत अमावस्या की काली रात होने के बावजूद भी दीपको की रोशनी से जगमगाता रहता है। जैन धर्म के लोग दीपावली के त्यौहार को इसलिए मनाते हैं क्योंकि इस दिन चौबीसवें तीर्थंकर, महावीर स्वामी को इस दिन मोक्ष की प्राप्ति हुई थी और संयोगवश इसी दिन उनके शिष्य गौतम को ज्ञान प्राप्त हुआ था।

सिख धर्म के लोग भी इस त्यौहार को बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं वे लोग त्यौहार को इसलिए मनाते है क्योंकि इसी दिन ही अमृतसर में 1577 में स्वर्ण मन्दिर का शिलान्यास हुआ था साथ ही सिक्खों के छठे गुरु हरगोबिन्द सिंह जी को भी इसी दिन जेल से रिहा किया गया था

दिवाली त्योहार की तैयारी –

Deepavali के त्यौहार की तैयारियां भारत में महीने भर पहले ही प्रारंभ कर दी जाती है क्योंकि भारत में ज्यादातर है हिंदू धर्म को मानने वाले लोग रहते हैं इसलिए यह त्यौहार उनका सबसे बड़ा त्यौहार होता है। इस त्यौहार की तैयारियों को लेकर लोग इतने उत्सुक रहते हैं कि वह महीना भर पहले ही अपने घर और प्रतिष्ठानों की साफ सफाई करने लग जाते है।

हिंदू धर्म के लोगों का मानना है कि अगर घर में साफ सफाई होगी तो मां लक्ष्मी उनके घर पर आएगी और साथ में सुख समृद्धि भी लेकर आएगी।

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आजकल लोग Diwali के कुछ दिन पहले ही घरों की रंगाई पुताई करवाते हैं साथ ही रंग बिरंगी लाइट ओं और फूलों द्वारा अपने घर और प्रतिष्ठान को सजाते है। बाजारों में इस त्यौहार के पहले एक अलग ही रौनक आ जाती है बाजार भीड़ से खचाखच भरे रहते है हर तरफ लोग खरीदारी करते दिखाई देते है।

दीपावली के त्यौहार को धूमधाम से मनाने के लिए लोग इस दिन के लिए नए कपड़े खरीदते हैं बच्चे खेलने के लिए खिलौने एवं पटाखे खरीदते है। दीपावली का यह त्यौहार 5 दिनों तक चलता है जिस के पहले दिन धनतेरस होती है।

धनतेरस के दिन लोग ज्यादा से ज्यादा खरीदारी करना पसंद करते हैं यह दिल लोग अपने घर कुछ ना कुछ बर्तन जरूर लेकर जाते है साथी लोग इस दिन सोने और चांदी के आभूषण खरीदना भी पसंद करते है। लोगों का मानना है कि इस दिन खरीदारी करने से घर में बरकत होती है।

दीपावली का दूसरा दिन नरक चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है क्योंकि इस दिन भगवान कृष्ण ने राक्षस नरकासुर को मार गिराया था। कुछ लोगों द्वारा इस दिन को छोटी दिवाली के रूप में भी मनाया जाता है इस दिन घर के बाहर 5 दीपक जलाए जाते है। प्राचीन परंपरा के अनुसार इस दिन लोग दीपक का काजल अपनी आंखों में डालते है उनका मानना है कि इसे आंखें खराब नहीं होती है।

तीसरा दिन दीपावली त्यौहार का मुख्य दिन होता है एक दिन महालक्ष्मी की पूजा की जाती है साथ ही विद्या की देवी मां सरस्वती और भगवान गणेश की पूजा की जाती है। इस दिन घर में रंगोली बनाई जाती है और तरह-तरह की मिठाइयां बनाई जाती है।

दिवाली के दिन सभी लोग शाम के समय मां लक्ष्मी की पूजा करते है। इस दिन घर को दीपक जलाकर रोशनी से जगमग आ दिया जाता है भारत में इस दिन रात के समय सबसे ज्यादा रोशनी होती है जिसका उदाहरण अंतरिक्ष से ली गई फोटो में आप देख सकते हैं –

india space photo on diwali

दिवाली त्योहार का आखिरी दिन भाई दूज के रूप में मनाया जाता है इस दिन बहन ने भाई को रक्षा सूत्र बनती हैं साथ ही तिलक लगाकर मिठाई खिलाती है और बदले में भाई उनकी रक्षा का वचन देते हैं और उन्हें अच्छा उपहार भी देते है। यह दिन कुछ कुछ रक्षाबंधन त्यौहार की तरह ही होता है।

दीपावली का महत्व – Importance of Diwali in hindi

दीपावली का त्योहार सभी वर्गों के लोगों के लिए महत्वपूर्ण होता है यह हिंदू धर्म का सबसे बड़ा त्यौहार माना गया है। सबसे बड़ा त्यौहार होने के कारण सभी की आस्था इस समय से जुड़ी हुई है यह त्यौहार सभी तरह के महत्व अपने अंदर समेटे हुए हैं इसके महत्व का वर्णन हमने नीचे किया है –

आध्यात्मिक महत्व –

दीपावली त्यौहार की आध्यात्मिक महत्व जुड़ा हुआ है यह त्योहार अनेक धार्मिक ऐतिहासिक और कहानियों से मिलकर बना है। इस त्योहार की नीव अच्छाई पर टिकी हुई है इसलिए यह त्योहार जब भी आता है तो सभी लोगों में एक अलग ही खुशी और आस्था होती है।

दीपावली के त्यौहार को हिंदू, जैन, सिख आदि धर्मों द्वारा भी बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है इन सभी धर्मों में दीपावली के दिन ही ऐसी कोई ना कोई घटना हुई है जिससे अंधकार पर प्रकाश, अज्ञान पर ज्ञान और निराशा पर आशा बुराई पर अच्छाई की विजय हुई है।

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दीपावली का त्यौहार पूजा पाठ हो रहा अच्छाई से जुड़ा हुआ है इसलिए लोग इस पर्व पर आध्यात्मिकता की ओर बढ़ते है और इससे अच्छे विचारों को उद्गम होता है।

सामाजिक महत्व –

Diwali के त्योहार का सामाजिक महत्व भी बहुत बड़ा है क्योंकि इस त्योहार पर सभी धर्मों के लोग मिलजुलकर त्योहार को मनाते है। इस दिन सभी लोग पूजा करते हैं एक दूसरे से मिलने जाते है जिससे सामाजिक सद्भावना उत्पन्न होती है।

आजकल की भीड़भाड़ जिंदगी में लोगों को एक दूसरे से मिलने का कोई मिलता है इसलिए इस दिन लोग एक दूसरे से स्नेह मिलन के रूप में मिलते हैं साथ में एक दूसरे को मिठाइयां बांटते हैं और गले मिलते हैं जिसे लोगों को एक दूसरे की भावनाओं और धर्मों को समझने में रुचि उत्पन्न होती है।

दीपावली के दिन छोटे बच्चे बड़ों के पैर छूते हैं और बड़े उन्हें आशीर्वाद देते है। इस त्योहार के दिन लोग एक दूसरे के साथ इतना घुल मिल जाते है जैसे कई रंग एक दूसरे में घुल गए हो, इसलिए इस त्योहार का सामाजिक महत्व भी बढ़ जाता है।

आर्थिक महत्व –

दीपावली के त्यौहार पर भारतीय लोग जमकर खरीदारी करते हैं वे अपने घरों में सभी सुख सुविधाओं की चीजें लेकर जाते है। सभी लोग अपने घरों में उपहार, सोने-चांदी के आभूषण, बर्तन, राशन का सामान, कपड़े, मिठाइयां इत्यादि लेकर जाते है। इस पर्व पर लोग वर्ष के सभी दिनों से ज्यादा खरीदारी करते है।

हिंदू धर्म के लोगों का मानना है कि दिन खरीदारी करने से घर में किसी भी वस्तु की कमी नहीं रहती है और इस दिन खरीदारी करने से वह वस्तु फलदाई रहती है। इसलिए बाजारों में इस दिन ज्यादा चहल-पहल और अधिक खरीदारी होती है जिसके कारण लोगों की आमदनी बढ़ जाती है।

दीपावली त्योहार के पीछे सबसे पुराना आर्थिक महत्व इस बात पर जुड़ा हुआ है कि भारत में लगभग सभी फसलें मानसून पर निर्भर करती है इसलिए गर्मियों की फसल इस त्यौहार के पर्व से कुछ दिन पहले ही पक कर तैयार हो जाती है तो किसान इस फसल को काटकर बाजारों में बेचकर आमदनी कमाता है।

चूँकि भारत में अधिकतर लोग खेती करते हैं इसलिए कई दिनों बाद फसल को बेचकर इस चमार पर उन्हें अच्छी आमदनी होती है इसलिए इस बार का आर्थिक महत्व और भी बढ़ जाता है।

ऐतिहासिक महत्व –

दीपावली के त्यौहार के इस दिन बहुत सी ऐतिहासिक घटनाएं घटी है जिसके कारण इस त्योहार का महत्व और भी बढ़ जाता है। इस दिन भगवान राम 14 वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या में लौटे थे और वे श्रीराम से मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम कहलाए थे।

इसी दिन समुंदर मंथन के दौरान मां लक्ष्मी का जन्म हुआ था जिन्हें धन और सुख-समृद्धि की देवी भी कहा जाता है। स्वामी रामतीर्थ का जन्म व महाप्रयाण दोनों दीपावली के दिन ही हुए थे। दीपावली के पावन अवसर पर आर्य समाज की स्थापना हुई थी।

इसी दिन मुगल समाज के सबसे बड़े बादशाह है अकबर ने दौलत खाने में 40 फीट ऊंचा आकाश दीप जलाकर दीपावली त्यौहार को मनाना शुरू किया था। इस कारण हिंदू और मुसलमान धर्म के लोगों में एक दूसरे के प्रति नफरत खत्म हो गई थी।

1619 में दीवाली के दिन सिक्खों के छठे गुरु हरगोबिन्द सिंह जी को जेल से रिहा किया गया था। महावीर स्वामी को इस दिन मोक्ष की प्राप्ति हुई थी।

विदेशों में दिवाली का त्यौहार – Diwali festival abroad

मलेशिया – दीपावली के पर्व पर मलेशिया में भारत की तरह सार्वजनिक अवकाश घोषित किया जाता है। यहां पर सभी धर्मों के लोगों द्वारा मिलकर इस चौहान को बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है इस त्यौहार के दिन सभी लोगों द्वारा सभी के लिए भोजन की व्यवस्था की जाती है और पूरे दिन भर लोग अच्छे खाने का आनंद उठाते हैं और एक दूसरे से मिलते है।

दिवाली के इस त्योहार को मलेशिया में सामाजिक सद्भावना के रूप में मनाया जाता है

संयुक्त राज्य अमेरिका –

अमेरिका में भी भारतीय मूल के बहुत से लोग बसे हुए हैं इसलिए वहां पर भी Diwali के त्यौहार को उत्साह और धूमधाम से मनाया जाता है। सन 2003 में अमेरिका के व्हाइट हाउस में पहली बार दिवाली का त्यौहार मनाया गया था। उसके बाद से लगभग पूरे अमेरिका ने इस त्योहार को अपना लिया। अमेरिका में 4 लाख भारतीय लोग रहते है।

नेपाल –

हमारे भारत देश का पड़ोसी देश नेपाल एक छोटा सा देश है जहां पर हमारी दीपावली के पर्व के दिन ही नव वर्ष मनाया जाता है। नेपाल में दीपावली को “तिहार” या “स्वन्ति” के रूप में जाना जाता है और वहां पर भी इसे 5 दिनों तक मनाया जाता है इस पर्व पर यहां के लोग दान धर्म करते हैं और पशु पक्षियों को भी खाना खिलाते है।

नेपाल के लोगों का मानना है कि इस दिन दान धर्म करने से पूरा साल अच्छा व्यतीत होता है। भारत का पड़ोसी देश होने के कारण नेपाल में भी भारतीय संस्कृति देखने को मिलती है। यहां पर भी पूरे विधि विधान के साथ मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है।

सिंगापुर –

सिंगापुर में दीपावली के त्यौहार के उपलक्ष में राजपत्रित अवकाश होता है। यहां पर भारतीय मूल के तमिल समुदाय के लोग रहते हैं जो कि दीपावली के त्यौहार को बड़ी धूम-धाम से मनाते है। दीपावली के त्यौहार पर सिंगापुर के बाजारों में भी रोनक देखने को मिलती है।

यहां पर भी भारतीय बाजारों की तरह ही सजावट की जाती है और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होते है। सिंगापुर सरकार द्वारा भी सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करवाए जाते है।

मॉरीशस –

इस देश की लगभग 44% आबादी भारतीय लोगों की है जिसके कारण यहां पर हिंदू संस्कृति बहुत बड़े पैमाने पर देखने को मिलती है साथ ही यहां पर दीपावली के त्यौहार के दिन सार्वजनिक अवकाश होता है। इस देश में हिंदी भाषा भी बोली जाती है।

श्रीलंका –

श्रीलंका में भी दीपावली के त्यौहार के उपलक्ष में सार्वजनिक अवकाश होता है यहां पर भारतीय मूल के तमिल लोग अधिक मात्रा में रहते हैं जिसके कारण यहां पर भारतीय संस्कृति की झलक देखने को मिलती है। यहां पर भी दीपावली को खूब हर्षोल्लास से मनाया जाता है दीपावली के दिन यहां पर महालक्ष्मी की पूजा की जाती है और चारों तरफ मोमबत्तियां और दीपक जलाए जाते है।

इस त्योहार से हमें हमेशा आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती रहती है यह त्यौहार हमें सिखाता है कि कभी भी अंधकार से नहीं डरना चाहिए क्योंकि एक छोटे से दीपक की लौ भी काले अंधकार को प्रकाश में बदल सकती है। इसलिए समय हमेशा जीवन में आशावादी रहना चाहिए और अपने जीवन में हमेशा खुश रहना चाहिए।

दीपावली का त्यौहार सांस्कृतिक इन सामाजिक सौहार्द का प्रतीक है इस त्यौहार से सभी के जीवन में खुशियां आती है इसी त्यौहार के कारण लोगों में आज भी सामाजिक एकता बनी हुई है।

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मेरा नाम नरेन्द्र वर्मा है मैं राजस्थान के एक कस्बे का रहने वाला हूँ। मैंने स्नातक (कॉमर्स) की पढ़ाई की है। मेरी रूचि नए लेख लिखना है। मुझे 7 वर्ष से भी अधिक SEO का अनुभव होने के साथ ही 5 वर्ष का कंटेंट राइटिंग का अनुभव है।

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दिवाली पर निबंध (Diwali Essay in Hindi)

दिवाली

दीपावली (Deepawali) या दिवाली का अर्थ है दीपों की अवली मतलब दीपों की पंक्ति। यह पर्व विशेष कर भारत और भारत के पड़ोसी देश नेपाल में बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है। इसके अतिरिक्त अन्य देशों में (जहां हिंदू निवास करते हैं) भी यह विधि पूर्वक मनाया जाता है। यह पर्व अपने साथ खुशी, उत्साह और ढ़ेर सारा उमंग लेकर आता है। कार्तिक माह के अमावस्या को दिवाली का पर्व अनेक दीपों के प्रकाश के साथ मनाया जाता है। इस विशेष दिन पर अमावस्या की काली रात दिपों के जगमगाहट से रौशन हो जाती है। दिपावली पर पुराने रीत के अनुसार सभी अपने घरों को दीपक से सजाते हैं।

दिवाली पर 10 वाक्य   || दिवाली के कारण होने वाला प्रदूषण पर निबंध

दीपावली 2021 पर छोटे-बड़े निबंध (Short and Long Essay on Diwali 2021 in Hindi, Deepawali par Nibandh Hindi mein)

निबंध – 1 (300 शब्द).

प्रभु राम के चौदह वर्ष का वनवास पूर्ण कर अयोध्या वापस आने के उपलक्ष्य में दिवाली मनाया गया, तब से प्रति वर्ष दिवाली मनाया जाने लगा। स्कंद पुराण के अनुसार दिवाली से जुड़ी अनेक कथाएं प्रचलित हैं। अतः आध्यात्मिक दृष्टि से दिवाली हिंदुओं का बहुत अधिक महत्वपूर्ण त्योहार है।

दीपावली (Deepawali) के उपलक्ष्य में विभिन्न प्रचलित कथाएं (इतिहास)

दिवाली का इतिहास बहुत पुराना है, इससे जुड़ी अनेक पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं जैसे कुछ लोगों के अनुसार सतयुग में भगवान नृसिंह ने इस दिन हिरण्यकश्यप का वध किया था इस उपलक्ष्य में दिवाली मनाया जाता है। कुछ लोगों का मानना है द्वापर में कृष्ण ने नरकासुर का वध कार्तिक आमवस्या को किया था इसलिए मनाया जाता है। कुछ के अनुसार इस दिन माता लक्ष्मी दूध सागर से प्रकट हुई थी, एवं अन्य के अनुसार माँ शक्ति ने उस दिन महाकाली का रूप लिया था इसलिए मनाया जाता है।

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दीपावली की सर्वाधिक प्रचलित कथा

दिवाली मनाए जाने वाले कारणों में सबसे प्रचलित कहानी त्रेता युग में प्रभु राम के रावण का वध कर चौदह वर्ष पश्चात माता सीता और भाई लक्ष्मण के साथ अयोध्या लौटने के उपलक्ष्य में पूरी अयोध्या नगरी को फूलों और दीपों से सजाया गया। तब से प्रति वर्ष कार्तिक अमावस्या को दिवाली मनाया जाने लगा।

दीपावली कब मनाई जाती है

उत्तरी गोलार्द्ध में शरद ऋतु के कार्तिक माह की पूर्णिमा को यह दिपोत्सव धूम-धाम से मनाया जाता है। ग्रेगोरी कैलेंडर के अनुसार यह त्योहार अक्टूबर या नवम्बर माह में मनाया जाता है।

दीपावली (Deepawali) का महत्व

दिवाली की तैयारी के वजह से घर तथा घर के आस-पास के स्थानों की विशेष सफाई संभव हो पाती है। साथ ही दिवाली का त्योहार हमें हमारे परंपरा से जोड़ता है, हमारे आराध्य के पराक्रम का बोध कराता है। इस बात का भी ज्ञान कराता है कि, अंत में विजय सदैव सच और अच्छाई की होती है।

दिवाली के साथ जुड़ी अनेक पौराणिक कहानियां इसके महत्व को और अधिक बढ़ा देती हैं। इस त्योहार से हम सभी को सच के राह पर चलने की सीख प्राप्त होती है।

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निबंध – 2 (400 शब्द)

दीपावली (Deepawali), स्वयं में अपनी परिभाषा व्यक्त करने वाला एक शब्द है, जिसे हम सब त्योहार के रूप में मनाते हैं। यह दीपों और रोशनी का त्योहार है। हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की अमावस्या को हम दीवाली के रुप में मनाते हैं। इसे सभी हिंदू देशों जैसे की भारत, नेपाल, आदि में बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है। परन्तु इस वर्ष कोरोना के कारण दीवाली की परिभाषा थोड़ी अलग होगी। खुशियां तो आएंगी परंतु अभी लोगों से दूरी बनाने में ही समझदारी है।

2020 की कोरोना वाली दीवाली

इस वर्ष जहां एक ओर पूरा विश्व कोरोना नामक महामारी से लड़ रहा है तो वही त्योहारों का मौसम भी ज़ोर पर है। त्योहारों का आनंद जरूर उठाये परन्तु यह याद रखें की सावधानी हटी, दुर्घटना घटी अर्थात कोरोना किसी भी रूप में आप तक पहुंच सकता है इस लिये कुछ नियमों का पालन करें जैसे:

अपकी दीवाली केवल परिवार के साथ

दीवाली रोशनी का त्योहार तो है ही, साथ में खुशियां भी लाती है। बच्चों से लेकर बूढ़ों तक हर कोई इस दिन का बेसबरी से इंतजार करता है। नए कपड़ों, रंग-बिरंगी मिठाइयों और रंगोली के सामान से बाजारों में रौनक आ जाती है। लोग जम कर खरीदारी करते हैं और अपने-अपने घरों को भी सजाते हैं। इस दिन पूरे देश में खुशी का माहौल रहता है।

इस दीवाली खुद भी सुरक्षित रहें और दूसरों को भी रखें इस लिये इस वर्ष किसी के घर न जाएं सब को फ़ोन पर ही बधाई दे दें। अच्छा भोजन खाएं, ज्यादा बाज़ार के उत्पाद न खाएं घर पर बना खाना खाएं और स्वास्थ्य का विशेष ध्यान दें और परिवार के साथ इसका आनंद लें।

हर त्योहार की अपनी खासियत होती है, ठीक इसी प्रकार रोशनी के इस पर्व को समृद्धि का सूचक माना जाता है। ज्यादातर घरों में इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना की जाती है और धन-धान्य का वरदान मांगा जाता है। इस वर्ष पर्यावरण और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए एक शांत और रोशनी से भरपूर त्योहार अपने-अपने परिवार के साथ मनाएं।

Diwali Essay

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निबंध – 3 (500 शब्द)

दीपावली (Deepawali) धन, धान्य, सुख, चैन व ऐश्वर्य का त्योहार है। भारत के विभिन्न राज्य इस अवसर पर पौराणिक कथाओं के आधार पर विशेष तरह की पूजा करते हैं। दिवाली, भारत तथा नेपाल में प्रमुख रूप से मनाया जाता है। इसके अलावा अन्य देशों में भी उत्साह के साथ मनाया जाता है।

भारत के विभिन्न स्थान पर दिपावली मानाने की वजह

भारत के विभिन्न राज्यों में दिवाली मानाने की अलग-अगल वजह है। उन में से कुछ प्रमुख निम्नवत् हैं-

विदेश में दिपावली का स्वरूप

इन सब के अतिरिक्त अमेरिका, न्यूजीलैंड, मॉरिशस, सिंगापुर, रीयूनियन, फिजी में बसे हिंदुओं द्वारा यह पर्व मनाया जाता है।

दीपावली (Deepawali) पर ध्यान रखने योग्य बातें

विशेषकर लोग दीपावली (Deepawali)पर पटाखे जलाते हैं, यह पटाखे अत्यधिक खतरनाक होते हैं। मस्ती में होने के वजह से अनचाही दुर्घटना होने का खतरा बना रहता है। अतः त्योहार के धूम-धाम में व्यक्ति को सुरक्षा का भी पूर्ण खयाल रखना चाहिए।

दीपावली (Deepawali)पर अभद्र व्यवहार न करें

कई लोगों का मानना है, दिपावली के अवसर पर जुआ खेलने से घर में धन की बाढ़ आ जाती है। इस कारणवश अनेक लोग इस अवसर पर जुआ खेलते हैं। यह उचित व्यवहार नहीं है।

अत्यधिक पटाखो का जलाया जाना

पटाखों के आवाज से अनेक बेजुबान जानवर बहुत अधिक डरते हैं। इसके अलांवा बड़े-बुजुर्ग और गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीज़ भी इन ध्वनि से परेशानियों का सामना करते हैं। इसके साथ ही दिवाली के दूसरे दिन प्रदुषण में वृद्धि हो जाती है।

दिवाली खुशीयों का त्योहार है। इससे जुड़ी प्रत्येक चीज हमें खुशी देती है। हम सभी को समाज के ज़िम्मेदार नागरिक होने के नाते यह कर्तव्य बनता है की हमारे मस्ती और आनंद के वजह से किसी को भी किसी प्रकार का कष्ट न होने पाए।

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दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) – दिवाली हिंदुओं का सबसे बड़ा त्योहर है। जिसे बहुत उत्साह और खुशी के साथ मनाया जाता है। बुराई पर अच्छाई की विजय के प्रतीक इस त्योहार और इसकी खूबियों से छात्रों को परिचित कराने के लिए छोटी कक्षाओं में  दिवाली पर निबंध (Diwali Essay in Hindi) का प्रश्न हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में  पूछा जाता है। इस  हिंदी दिवाली निबंध (Diwali Essay in Hindi) से  उन युवा शिक्षार्थियों को फायदा मिलेगा जो  दीवाली त्योहार पर हिंदी में निबंध   (Diwali Essay in Hindi)  लिखना चाहते हैं।

Essay on Diwali in Hindi – बच्चों के पास Diwali पर एक निबंध लिखने के लिए बहुत अच्छा समय होता है क्योंकि उन्हें त्योहार के बारे में अपने आनंदमय अनुभव साझा करने का अवसर मिलता है। युवा आमतौर पर इस त्योहार को पसंद करते हैं क्योंकि यह सभी के लिए ढेर सारी खुशियाँ और आनंदमय क्षण लेकर आता है।

दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) – वे अपने परिवार, दोस्तों और रिश्तेदारों से मिलते हैं और अपने प्रियजनों के साथ बधाई और उपहार साझा करते हैं। दिवाली पर हिन्दी में एक निबंध बच्चों को अपने विचार व्यक्त करने और शुभ त्योहार के सार के बारे में अपनी भावनाओं को व्यक्त करने में मदद करता है।

2023 में दिवाली कब है?

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, दिवाली हर साल कार्तिक महीने के 15वें दिन अमावस्या को मनाई जाती है। दीपावली पूजा या लक्ष्मी गणेश पूजन के हिस्से के रूप में, इस दिन देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है।

इस साल दिवाली 12 नवंबर को पूरे देश में मनाई जाएगी। लक्ष्मी पूजा मुहूर्त – शाम 06:11 बजे से रात 08:15 बजे तक।

अमावस्या तिथि 12 नवंबर 2023 को दोपहर 02:44 बजे से शुरू हो रही है।

अमावस्या तिथि 13 नवंबर, 2023 को दोपहर 02:56 बजे समाप्त होगी।

दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi)दीपावली पर निबंध 10 पंक्तियाँ (Essay on Diwali 10 Lines in Hindi)

दीपावली पर निबंध 150 शब्द (Short Essay on Diwali in Hindi)

यहां बच्चों के लिए दिवाली 2023 पर एक लघु निबंध दिया गया है, जिसे युवा स्वयं निबंध लिखते समय देख सकते हैं:

Essay on Diwali in Hindi – रोशनी का त्योहार दिवाली काफी समय से चल रहा है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान राम इस दिन राक्षस राजा रावण का वध करके अयोध्या लौटे थे। अपने राजा के आगमन पर, अयोध्या के निवासियों ने इस अवसर को मनाने के लिए सड़कों और घरों को तेल के दीयों से रोशन किया। तब से, हिंदू इस त्योहार को धूमधाम से मनाकर परंपरा का पालन कर रहे हैं। Essay on Diwali यह बच्चों के लिए आसानी से पसंदीदा त्योहार है क्योंकि उन्हें अपनी पसंदीदा मिठाई खाने और नए कपड़े पहनने को मिलता है।

यह त्योहार हमें सिखाता है कि अच्छाई की हमेशा बुराई पर जीत होती है और हमें प्रकाश से अंधकार को मिटाना चाहिए। हर भारतीय घर में दिवाली के दौरान उत्सव का माहौल देखा जा सकता है। हर कोई घरों की सफाई करने, मिठाइयां बनाने या दीया जलाने में लगा हुआ है। एक धार्मिक समारोह आमतौर पर शाम को समारोह से पहले होता है।

इसके बारे मे भी जाने

दीपावली पर निबंध 200 शब्द (Essay on Diwali 200 words in Hindi)

Essay on Diwali in Hindi – भारत त्योहारों और मेलों का देश है। दिवाली या दीपावली भारत के सबसे महत्वपूर्ण और रंगीन त्योहारों में से एक है। इसे रोशनी का त्योहार कहा जाता है। दीवाली 14 साल के वनवास में रहने के बाद भगवान राम, सीता और लक्ष्मण की अयोध्या वापसी का जश्न मनाती है। अयोध्या के लोग बड़ी संख्या में उनका स्वागत करने के लिए खुशी से झूम उठे। यह पर्व भगवान राम के समय से ही मनाया जाता रहा है। लोग अपने घरों, दुकानों और अन्य इमारतों की सफेदी और पेंटिंग करके महान त्योहार की तैयारी करते हैं।

दिवाली के दिन घरों, दुकानों और अन्य इमारतों को मोमबत्ती, दीयों और छोटे बल्बों से सजाया जाता है। हम चारों तरफ रोशनी देख सकते हैं। दिवाली के दिन, लोग अच्छे कपड़े पहनते हैं, वे खुश दिखते हैं और उत्सव के मूड में होते हैं। वे मिलते हैं और अपने रिश्तेदारों और दोस्तों के साथ बधाई का आदान-प्रदान करते हैं। वे मिठाइयों का आदान-प्रदान भी करते हैं।

दीपावली की रात को, धन की देवी भगवान गणेश और लक्ष्मी की पूजा की जाती है। पटाखों और फुलझड़ियों से खेल रहे लोग। धन, स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए प्रार्थना। यह त्यौहार पूरे भारत में मनाया जाता है। सभी लोग, चाहे वे किसी भी जाति या रचना के हों, उत्सव में शामिल होते हैं। इस त्योहार को मनाने के लिए दूसरे देशों में रहने वाले भारतीय समुदाय।

दीपावली पर निबंध 250 शब्द – 300 शब्द (Essay on Diwali 250 – 300 words in Hindi)

दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali ) – त्यौहार मानव जीवन का एक बहुत ही महत्वपूर्ण पहलू हैं। वे भाईचारे, साझा करने और मनुष्यों की सामाजिक प्रकृति का जश्न मनाते हैं। ऐसा ही एक त्योहार है दिवाली। यह हिंदुओं द्वारा राक्षस राजा रावण के साथ एक भयंकर और खूनी लड़ाई के बाद अयोध्या के राजा राम के आगमन को चिह्नित करने के लिए मनाया जाता है। यह अंधेरे के खिलाफ प्रकाश की जीत के मूल विषय का जश्न मनाता है। हमारे मानव मन सामाजिक और व्यवहारिक पैटर्न के लोकाचार से सुसज्जित हैं जो हमारे आसपास के लोगों के साथ जटिल संबंध बनाते हैं।

त्यौहार अपने पड़ोसियों को जानने और उनके साथ जश्न मनाने का सही तरीका है। दिवाली हमें हर किसी के प्रति दयालु होना सिखाती है और अच्छे परिणाम आने की प्रतीक्षा करने के लिए धैर्यवान दिल और दिमाग रखती है। हमारे विश्वास हमारे मन को आकार देते हैं; इसलिए हमें कभी भी त्योहारों में विश्वास नहीं खोना चाहिए। दिवाली लंबे समय से पटाखे फोड़ने से जुड़ी हुई है, लेकिन क्या यह जरूरी है? बिलकूल नही! दिवाली अभी भी आश्चर्यजनक रूप से मनाई जा सकती है यदि हम सभी घर पर रहें और अपने दोस्तों और परिवार के साथ हार्दिक डिनर का आनंद लें। पटाखों को जलाने से वातावरण में हानिकारक गैसें निकलती हैं जो अंततः वायु प्रदूषण का कारण बनती हैं।

पटाखों से हमारे आसपास रहने वाले जानवरों को नुकसान होता है। हमें दूसरों की सुरक्षा से समझौता किए बिना जिम्मेदारी से त्योहार मनाना चाहिए। दिवाली के दौरान, घर ताजा पके हुए भोजन से उठने वाली स्वादिष्ट सुगंध की महक से भर जाते हैं। त्योहार के दौरान स्वादिष्ट व्यंजनों को पकाया और खाया जाता है। हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि त्योहार हमारे बीच भाईचारे की महत्वपूर्ण भावना को बढ़ावा देने के लिए बनाए गए हैं न कि उत्सव के नाम पर हमारे परिवेश को नष्ट करने के लिए।

निबंध पर दिवाली 400 शब्द – 500 शब्द (Long Essay on Diwali in Hindi)

दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali ) – सबसे पहले यह समझ लें कि भारत त्योहारों का देश है। हालांकि, कोई भी त्योहार दिवाली के करीब नहीं आता है। यह निश्चित रूप से भारत के सबसे बड़े त्योहारों में से एक है। यह शायद दुनिया का सबसे चमकीला त्योहार है। विभिन्न धर्मों के लोग Diwali मनाते हैं। सबसे उल्लेखनीय, त्योहार अंधेरे पर प्रकाश की जीत का प्रतीक है। इसका अर्थ बुराई पर अच्छाई की जीत और अज्ञान पर ज्ञान की जीत भी है। इसे रोशनी के त्योहार के रूप में जाना जाता है। नतीजतन, दिवाली के दौरान पूरे देश में चमकदार रोशनी होती है। दिवाली पर इस निबंध में, हम दिवाली के धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व को देखेंगे।

दीपावली का धार्मिक महत्व (Religious Significance of Diwali in Hindi)

इस त्योहार के धार्मिक महत्व में अंतर है। यह भारत में एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में भिन्न होता है। दिवाली के साथ कई देवी-देवताओं, संस्कृतियों और परंपराओं का जुड़ाव है। इन भिन्नताओं का कारण संभवतः स्थानीय फसल उत्सव हैं। इसलिए, इन फसल त्योहारों का एक अखिल हिंदू त्योहार में एक संलयन था।

रामायण के अनुसार दिवाली राम की वापसी का दिन है। इस दिन भगवान राम अपनी पत्नी सीता के साथ अयोध्या लौटे थे। यह वापसी राम द्वारा राक्षस राजा रावण को हराने के बाद की गई थी। इसके अलावा, राम के भाई लक्ष्मण और हनुमान भी विजयी होकर अयोध्या वापस आए।

दिवाली के कारण एक और लोकप्रिय परंपरा है। यहां भगवान विष्णु ने कृष्ण के अवतार के रूप में नरकासुर का वध किया था। नरकासुर निश्चित रूप से एक राक्षस था। सबसे बढ़कर, इस जीत ने 16000 बंदी लड़कियों को रिहा कर दिया।

इसके अलावा, यह जीत बुराई पर अच्छाई की जीत को दर्शाती है। यह भगवान कृष्ण के अच्छे होने और नरकासुर के दुष्ट होने के कारण है।

देवी लक्ष्मी के लिए दिवाली का संबंध कई हिंदुओं की मान्यता है। लक्ष्मी भगवान विष्णु की पत्नी हैं। वह धन और समृद्धि की देवी भी होती है।

एक पौराणिक कथा के अनुसार दिवाली लक्ष्मी विवाह की रात है। इस रात उसने विष्णु को चुना और शादी की। पूर्वी भारत के हिंदू दिवाली को देवी दुर्गा या काली से जोड़ते हैं। कुछ हिंदू दिवाली को नए साल की शुरुआत मानते हैं।

दीपावली का आध्यात्मिक महत्व (Spiritual Significance of Diwali)

दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali ) – सबसे पहले तो कई लोग दिवाली के दौरान लोगों को माफ करने की कोशिश करते हैं। यह निश्चित रूप से एक ऐसा अवसर है जहां लोग विवादों को भूल जाते हैं। इसलिए दिवाली के दौरान दोस्ती और रिश्ते और भी मजबूत हो जाते हैं। लोग अपने दिल से नफरत की सभी भावनाओं को दूर कर देते हैं।

यह खूबसूरत त्योहार समृद्धि लाता है। दीपावली पर हिंदू व्यापारी नई खाता बही खोलते हैं। इसके अलावा, वे सफलता और समृद्धि के लिए भी प्रार्थना करते हैं। लोग अपने लिए और दूसरों के लिए भी नए कपड़े खरीदते हैं।

यह प्रकाश पर्व लोगों में शांति लाता है। यह हृदय में शांति का प्रकाश लाता है। दिवाली निश्चित रूप से लोगों को आध्यात्मिक शांति प्रदान करती है। खुशी और खुशी बांटना दिवाली का एक और आध्यात्मिक लाभ है। रोशनी के इस त्योहार में लोग एक दूसरे के घर जाते हैं। वे खुश संचार करते हैं, अच्छा खाना खाते हैं, और आतिशबाजी का आनंद लेते हैं।

अंत में, संक्षेप में, दिवाली भारत में एक बहुत ही खुशी का अवसर है। इस गौरवमयी पर्व के रमणीय योगदान की कोई कल्पना भी नहीं कर सकता। यह निश्चित रूप से दुनिया के सबसे महान त्योहारों में से एक है।

दिवाली पर अनुच्छेद पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

दिवाली क्यों मनाई जाती है.

राक्षस राजा रावण को हराने के बाद भगवान राम के अयोध्या आगमन के उपलक्ष्य में दिवाली मनाई जाती है।

दिवाली कब मनाई जाती है?

‘कार्तिक’ के महीने में। यह हिंदू कैलेंडर में एक महीना है और अक्टूबर के अंत और नवंबर के बीच कहीं पड़ता है।

दिवाली कैसे मनाई जाती है?

हमारे घरों को पारंपरिक तेल के दीयों से सजाकर दिवाली मनाई जाती है। आप स्वादिष्ट व्यंजन भी बना सकते हैं और उन्हें अपने परिवार और दोस्तों के साथ साझा कर सकते हैं।

आप दिवाली के लिए कैसे बचत कर सकते हैं?

इसके पारंपरिक तरीकों और प्रथाओं से चिपके हुए और पटाखों से दूर रहकर हमारे पास एक सुरक्षित और मजेदार दिवाली है।

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दीपावली पर निबंध हिंदी में (Diwali Essay In Hindi 2022)

Diwali Essay In Hindi 2022 Diwali Par Nibandh: दिवाली कब है दिवाली भारत का सबसे बड़ा त्योहार है और इस साल दिवाली 2022 में 24 अक्टूबर को मनाई जाएगी। दिवाली पर माता लक्ष्मी के साथ भगवान कुबेर की पूजा की जाती है। दिवाली का महत्व काफी अधिक है, क्योंकि यह उजाला और उल्लास का प्रतिक है। स्कूल में दिवाली पर निबंध प्रतियोगिता आयोजित की जाती है, जिसमें बच्चों को दिवाली पर निबंध लिखना होता है। ऐसे में अगर आपको भी स्कूल के लिए दिवाली पर निबंध लिखना है तो इसी पेज पर नीचे दिवाली पर निबंध का ड्राफ्ट दिया गया है, जिसकी मदद से आप आसानी से दिवाली पर निबंध लिख सकते हैं। तो आइये जानते हैं दिवाली पर निबंध कैसे लिखें...

दीपावली पर निबंध हिंदी में (Diwali Essay In Hindi 2022)

निबंध लिखने से बच्चों में लिखने की आदत विकसित हो जाती है जिसे कम उम्र में ही ठीक करना बहुत जरूरी है। निबंध लिखने के लिए छात्रों को उत्साहित किया जाना चाहिए। यह विचार विकास में मदद करता है और उन्हें अभिव्यक्ति की शक्ति देता है। निबंध लेखन से शब्दावली और व्याकरण में भी सुधार होता है। वेदांतु स्कूली बच्चों के लिए आसान निबंधों का एक मुफ्त भंडार प्रदान करता है। हमारी वेबसाइट पर दिवाली पर सबसे सरल और अच्छी तरह से लिखा गया निबंध प्राप्त करें। वेदांतु ऐप मुफ्त में डाउनलोड करें!

500 शब्द का दीपावली पर निबंध | Essay On Diwali In 500 Words In Hindi दिवाली रोशनी का त्योहार है। यह मुख्य रूप से भारत में मनाए जाने वाले सबसे बड़े और भव्य त्योहारों में से एक है। दिवाली खुशी, जीत और सद्भाव को चिह्नित करने के लिए मनाया जाने वाला त्योहार है। दिवाली, जिसे दीपावली के नाम से भी जाना जाता है, अक्टूबर या नवंबर के महीने में आती है। यह दशहरा उत्सव के 20 दिनों के बाद मनाया जाता है। 'दीपावली' शब्द एक हिंदी शब्द है जिसका अर्थ है दीपों की एक सरणी ('दीप' का अर्थ है मिट्टी के दीपक और 'अवली' का अर्थ है एक कतार या एक सरणी)।

दिवाली भगवान रामचंद्र के सम्मान में मनाई जाती है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान राम 14 साल के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे। इस निर्वासन अवधि के दौरान, उन्होंने राक्षसों और राक्षस राजा रावण के साथ युद्ध किया, जो लंका के शक्तिशाली शासक थे। राम की वापसी पर, अयोध्या के लोगों ने उनका स्वागत करने और उनकी जीत का जश्न मनाने के लिए दीये जलाए। तभी से दीपावली बुराई पर अच्छाई की जीत की घोषणा के रूप में मनाई जाती है।

दिवाली की पूर्व संध्या पर लोग देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की भी पूजा करते हैं। विघ्नों के नाश करने वाले भगवान गणेश की पूजा बुद्धि और बुद्धि के लिए की जाती है। साथ ही दिवाली के मौके पर धन और समृद्धि के लिए देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है। कहा जाता है कि दिवाली पूजा इन देवताओं के आशीर्वाद का आह्वान करती है। त्योहार की तैयारी त्योहार से कई दिन पहले शुरू हो जाती है। इसकी शुरुआत घरों और दुकानों की पूरी तरह से सफाई से होती है। बहुत से लोग सभी पुराने घरेलू सामानों को भी त्याग देते हैं और त्योहार की शुरुआत से पहले सभी नवीनीकरण कार्य करवाते हैं।

यह एक पुरानी मान्यता है कि देवी लक्ष्मी दिवाली की रात लोगों के घर उन्हें आशीर्वाद देने के लिए जाती हैं। इसलिए, सभी भक्त त्योहार के लिए अपने घरों को परी रोशनी, फूल, रंगोली, मोमबत्तियां, दीये, माला आदि से साफ और सजाते हैं। यह त्योहार आमतौर पर तीन दिनों तक मनाया जाता है। पहले दिन को धनतेरस कहा जाता है, जिस दिन नई वस्तुओं, विशेषकर आभूषणों को खरीदने की परंपरा है। अगले दिन दिवाली मनाने के लिए हैं जब लोग पटाखे फोड़ते हैं और अपने घरों को सजाते हैं। अपने दोस्तों और परिवारों से मिलने और उपहारों का आदान-प्रदान करने का भी रिवाज है। इस मौके पर ढेर सारी मिठाइयां और भारतीय व्यंजन बनाए जाते हैं।

दिवाली एक ऐसा त्योहार है जिसका आनंद सभी लेते हैं। सभी उत्सवों के बीच, हम यह भूल जाते हैं कि पटाखे फोड़ने से ध्वनि और वायु प्रदूषण होता है। यह बच्चों के लिए बहुत खतरनाक हो सकता है और जानलेवा भी हो सकता है। पटाखे फोड़ने से कई जगहों पर वायु गुणवत्ता सूचकांक और दृश्यता कम हो जाती है जो अक्सर त्योहार के बाद होने वाली दुर्घटनाओं के लिए जिम्मेदार होते हैं। इसलिए, सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल दिवाली होना महत्वपूर्ण है। दिवाली को सही मायने में प्रकाश का त्योहार कहा जाता है क्योंकि इस दिन पूरी दुनिया जगमगाती है। त्योहार खुशी लाता है और इसलिए, यह मेरा पसंदीदा त्योहार है!

Happy Diwali Essay In Hindi 2022

300 शब्दों का दिवाली पर निबंध कैसे लिखें ? How To Write Essay On Diwali 2022 In Hindi सबसे पहले, यह समझें कि भारत त्योहारों की भूमि है। हालांकि, कोई भी त्योहार दिवाली बराबर नहीं है। यह निश्चित रूप से भारत में सबसे बड़े त्योहारों में से एक है। दिवाली दुनिया का सबसे बड़ा त्योहार है। विभिन्न धर्मों के लोग दिवाली का त्योहार मनाते हैं। दिवाली का त्योहार अंधेरे पर प्रकाश की जीत का प्रतीक है। इसका मतलब यह भी है कि बुराई पर अच्छाई की जीत और अज्ञान पर ज्ञान की जीत। इसे रोशनी के त्योहार के रूप में जाना जाता है। दीवाली के दौरान पूरे देश में रोशनी की जाती है। इस त्योहार के धार्मिक महत्व में अंतर है। यह भारत में एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में भिन्न होता है। दीवाली के साथ कई देवताओं, संस्कृतियों और परंपराओं का जुड़ाव है।

इन मतभेदों का कारण संभवतः स्थानीय फसल त्योहार हैं। इसलिए, इन कटाई त्योहारों का एक पान-हिंदू त्योहार में संलयन था। रामायण के अनुसार, दिवाली राम की वापसी का दिन है। इस दिन भगवान राम अपनी पत्नी सीता के साथ अयोध्या लौटे थे। यह वापसी राम द्वारा राक्षस राजा रावण को पराजित करने के बाद की गई थी। इसके अलावा, राम के भाई लक्ष्मण और हनुमान भी अयोध्या विजयी हुए। दिवाली के कारण एक और लोकप्रिय परंपरा है। यहां भगवान विष्णु ने कृष्ण के अवतार के रूप में नरकासुर का वध किया। नरकासुर निश्चय ही एक राक्षस था।

इसके अलावा, यह जीत बुराई पर अच्छाई की जीत दिखाती है। इसका कारण भगवान कृष्ण का अच्छा होना और नरकासुर का दुष्ट होना है। देवी लक्ष्मी को दीवाली का संघ कई हिंदुओं की मान्यता है। लक्ष्मी भगवान विष्णु की पत्नी हैं। वह धन और समृद्धि की देवी भी बनती है। एक पौराणिक कथा के अनुसार, दिवाली लक्ष्मी विवाह की रात है। इस रात उसने विष्णु को चुना और विदा किया। पूर्वी भारत के हिंदू दिवाली को देवी दुर्गा या काली के साथ जोड़ते हैं। कुछ हिंदू दीवाली को एक नए साल की शुरुआत मानते हैं।

आप सभी को दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएं | Happy Diwali Wishes In Hindi

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Diwali Essay in Hindi- दीपावली | दिवाली पर निबंध हिंदी में

In this article, we are providing Diwali Par Nibandh | Diwali Essay in Hindi दीपावली | दिवाली पर निबंध हिंदी | Nibandh in 100, 200, 250, 300, 500 words For Students & Children.

दोस्तों हमने Deepawali Par Nibandh | Essay on Diwali in Hindi लिखा है दीपावली | दिवाली पर निबंध हिंदी में कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, और 11, 12 के विद्यार्थियों के लिए है। 8 Simple Essay on Diwali in Hindi language.

Diwali Essay in Hindi- दिवाली पर निबंध हिंदी में

दीपावली पर निबंध हिंदी में 10 लाइन- Diwali Essay in Hindi 10 lines for Child & Kids ( 100 words )

1. दीपावली हिंदुओं का पावन त्योहार है।

2. यह अक्टूबर-नवंबर के महीने में आता है।

3. दीपावली के दिन ही श्री राम चौदह वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या लौटे थे।

4. उनके आने पर पूरी अयोध्या नगरी को दीपों से सजाया गया था।

5. दीपावली के आने की तैयारी घर और दुकानों की साफ़-सफ़ाई और रंग-रोगन से होती है।

6. दीपावली से दो दिन पहले धनतेरस के अवसर पर लोग अपने घरों के लिए नया सामान खरीदते हैं।

7. सभी मित्र-संबंधी आपस में मुँह मीठा करवाते हैं।

8. दीपावली के दिन गणेश-लक्ष्मी का पूजन होता है।

9. सभी रात में अपने घर को दीपों से सजाते हैं और पटाखे चलाते हैं।

10. दीपावली की रात रोशनी की रात होती है।

10 lines दीपावली पर निबंध कक्षा 3

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दीपावली पर निबंध 150 शब्द- Diwali Par Nibandh | Diwali Essay in Hindi 150 words

परिचय : दीपावली हिन्दू जाति का प्रधान पर्व है। इसकी प्रतीक्षा लोग बड़ी उत्सुकता से करते हैं।

वर्णन : यह कार्तिक की अमावस्या को खूब धूम-धाम से मनायी जाती है। सबलोग इस दिन संध्या को अपने-अपने घरों को रंग-बिरंगी बत्तियों से सजाते हैं। आज के दिन व्यापारी लोग अपना कार्य शुरू करना शुभ मानते हैं।

लाभ : दीपावली सफाई का त्योहार है। दीपावली के पहले ही घरों एवं दुकानों की लिपाई-पुताई की जाती है। दुकानदारों के पुरान बकाए वसूल हो जाते हैं। लोग मित्रों और संबंधियों से मिलते-जुलते हैं। इससे प्रेम और भाई-चारा बढ़ता है।

हानि : कुछ लोग दीपावली के दिन जुआ खेलना अच्छा समझते हैं लेकिन यह गन्दी आदत है। वे लोग जुआ खेलकर अपना सब कुछ गँवा बैठते हैं। आतिशबाजी के कारण लड़के जल जाते हैं एवं कहीं-कहीं आग लगने की दुर्घटना घट जाती है।

उपसंहार : दीपावली हमारे जीवन में नवीन प्रकाश लाती है। यह हमें भाई-चारा, सहयोग, सुख और शान्ति का सन्देश देती है।

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Short Essay on Diwali in Hindi – दीपावली पर निबंध हिंदी में ( 180 words )

दीपावली हिन्दुओं का एक मुख्य त्योहार है। यह कार्तिक मास की अमावास्या के दिन मनाया जाता है।

भगवान राम चौदह वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे। अयोध्या के लोगों ने खुशी में घी के दीपक जलाए। तब से दीपावली मनाते हैं।

दीपावली आते ही खुशी की लहर दौड़ जाती है। घरों और दुकानों की साफ सफाई की जाती है। उन्हें सुन्दर तरीके से सजाया जाता है। घर में अनेक तरह के पकवान और मिठाईयाँ बनती हैं। नए कपड़े खरीदे जाते हैं। इस दिन गाँव एवं नगर दीयों और रंगीन बल्बों के प्रकाश से जगमग करते हैं।

बच्चों को दीपावली बहुत पसंद है। परिक्षाएँ खत्म हो चुकी रहती है और पाठशालाओं में छुट्टियाँ हो जाती है। बच्चे पटाखे खरीदते हैं जैसे -अनार, रॉकेट, फुलझड़ी, चरखी आदि। दीपावली के दो-चार दिन पहले से ही वे पटाखे जलाने लगते हैं । कुछ पटाखे खतरनाक होते हैं। पटाखे सदा बड़ों के संरक्षण में जलाने चाहिए।

दीपावली खुशियों और प्रेम का त्योहार है। इसे हिलमिलकर मनाना चाहिए।

Deepawali Essay in Hindi

Diwali Essay in Hindi

दिवाली पर निबंध हिंदी में- Hindi Essay on Diwali in 200 words

दीपावली या दीवाली हिन्दुओं का एक बहुत पवित्र तथा महत्वपूर्ण त्यौहार है। यह सारे भारत में बड़े धूमधाम और उत्साह से मनाया जाता है। कार्तिक माह की अमावस्या को दीपावली मनाई जाती है।

दीपों, मिठाइयों, लक्ष्मीपूजन और पटाखों का यह दिन सचमुच अद्भुत है। इस दिन के लिए बहुत पहले से ही तैयारियाँ प्रारंभ हो जाती हैं। घर-द्वार की सफाई, रंग-रोगन, दूकानों की सजावट, नये वस्त्रों, बरतनों, गहनों आदि की खरीद इस अवसर पर की जाती है। लोग-बाग उदारता से धन खर्च करते हैं और आनन्द मनाते हैं।

इसी दिन भगवान राम अपने 14 वर्ष के वनवास के पश्चात सीता के साथ अयोध्या लौटे थे। राम ने दुष्ट रावण का वध किया था। उन्होंने संतों, सज्जनों और दूसरे सभी अच्छे लोगों को रावण के भय से मुक्त किया था। इसी याद में सारी रात दीपक मालायें जलाई जाती हैं, सजावट की जाती है, मिलन मनाया जाता है और पकवान पकाये जाते हैं।

धनी और व्यापारी वर्ग इस दिन धन की देवी लक्ष्मी तथा विद्या के देवता गणेश का पूजन करते हैं। कुछ लोग इस दिन जुआ खेलते हैं। यह एक बड़ी सामाजिक बुराई है। हमें इससे बचना चाहिये। जैन धर्म के महान प्रवर्तक वर्धमान महावीर का देहावसान इसी दिन हुआ था।

इसी दिन आर्य समाज के प्रवर्तक स्वामी दयानन्द सरस्वती ने देह त्याग किया था।

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दिवाली पर निबंध हिंदी में- Essay on Diwali in Hindi Language ( 250 words )

दिवाली या दीपावली एक मुख्य त्योहार है। यह केवल भारत में ही नहीं, विदेशों में भी मनायी जाती है। लोग’ आश्वयुज अमावास्या के दिन यह पर्व मनाते हैं। दिवाली का अर्थ दीपों की पंक्ति है।

उत्तर भारत में यह पर्व पाँच दिनों का है। आन्ध्र प्रदेश में यह तीन दिन मनाया जाता है। दिवाली के एक दिन पूर्व नरक चतुर्दशी पर्व और दिवाली के बाद दूसरे दिन भैया-दूज पर्व मनाया जाता है। नरक चतुर्दशी पर्व मनाने के सम्बन्ध में एक कथा प्रचलित है। श्रीकृष्ण की पत्नी सत्यभामा ने नरक नामक राक्षस का वध किया था। उस घटना की स्मृति में नरक चतुर्दशी पर्व मनाया जाता है।

दिवाली पर्व के सम्बन्ध में यह कथा प्रचलित है। रावण-वध के बाद जब राम अयोध्या लौटे तब पुरजनों ने उनके स्वागत में दीपों का आयोजन किया था। तब से दिवाली प्रचलित हुई। यह पर्व बूढ़े-बच्चे, स्त्री-पुरुष सब बड़े आनंद से मनाते हैं। इस दिन सब स्नान करके नये कपड़े पहनते हैं। वे मीठे पकवान खाते हैं। वे पटाखे जलाते हैं। रात को दीप जलाते हैं और लक्ष्मी की पूजा करते हैं।

भैया-दूज भाई-बहन का त्योहार है। भाई बहन के घर जाकर खाना खाता है। बहन भाई को कपड़े देती है। भाई बहन को उपहार देता है। इस प्रकार यह पर्व भाई-बहन के प्रेम को बढ़ाने वाला है।

संक्षेप में दिवाली प्रकाश का पर्व है। यह आनंद का त्यौहार है। यह पर्व हमें यह सन्देश देता है कि ज्ञान रुपी प्रकाश अज्ञान रुपी अन्धकार कि दूर करता है।

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दिवाली पर निबंध- Diwali Essay in Hindi for Class 10 ( 300 to 350 words )

दीपावली हिन्दुओं का अत्यन्त प्रमुख पर्व है। यह त्यौहार कार्तिक मास। के कष्ण पक्ष की अमावस्या को समारोह पूर्वक समस्त भारत में मनाया जाता है। यह धन-धान्य की देवी लक्ष्मी की पूजा का पर्व है, इस कारण भी इसका अधिक महत्त्व है।

यह त्यौहार कब से और क्यों मनाया जाता है ? इस सम्बन्ध में एक विचार यह है कि श्रीराम चौदह वर्ष के वनवास के पश्चात् इसी दिन अयोध या लौटे थे। नगर निवासियों ने उनके स्वागत में दीप जलाए थे, तभी से यह पर्व मनाया जाता है। वैसे यह एक ऋतु पर्व है। वर्षा ऋतु में जो अन्न बोए जाते हैं, वे इस समय तक पक कर तैयार हो जाते हैं। किसानों के घर नए अन्न से भर जाते हैं, उन्हें इसकी प्रसन्नता होती है। किसान के साथ ही व्यापारी और जनता को भी इसकी प्रसन्नता होती है। अतः अन्न और धन-लक्ष्मी के स्वागत का ही यह त्यौहार है।

इसी दिन भगवान् श्रीकृष्ण ने नरकासुर का वध किया था और समुद्र मंथन से लक्ष्मी की उत्पत्ति भी इसी दिन हुई थी। दीपावली अपने साथ कई त्यौहार लेकर आती है। दीपावली से दो दिन पूर्व धन त्रयोदशी होती है। इसके पश्चात् नरक चतुर्दशी (छोटी दीपावली) आती है। अमावस्या को दीपावली का मुख्य उत्सव होता है। अगले दिन अन्नकूट या गोवर्धन पूजा का उत्सव होता है और उससे अगले दिन द्वितीया को भैया दूज का उत्सव मनाया जाता है।

दीपावली से पूर्व लोग घरों की सफाई करवाते हैं। इस दिन प्रातः काल से ही घरों में बड़ी चहल-पहल होती है। लोग बाजार से मिठाइयाँ, फल, खील-बताशे और दीवे लाते हैं। बच्चे फुलझड़ियाँ और पटाखे खरीदते हैं।

सायं होते ही लोग घर की मुंडेरों पर सरसों के तेल के दीपकों की पंक्तियाँ जलाते हैं। बिजली के लटू या मोमबत्ती भी जलाये जाते हैं। दीपकों के प्रकाश से अन्धेरी राम भी पूर्णिमा की राम की तरह चमक उठती है। रात को लोग घरों और दुकानों पर लक्ष्मी पूजन करते हैं। लक्ष्मी पूजन के पश्चात् प्रसाद वितरण होता है। बच्चे फुलझड़ी और पटाखे चलाते हैं। इस अवसर पर मित्रों और सम्बन्धियों को भी मिठाई दी जाती है।

वास्तव में यह आनन्द और उत्साह का अनुपम पर्व है।

दिवाली पर निबंध- Deepawali par Nibandh Hindi mein ( 350 to 400 words )

भारत वास्तव में त्यौहारों तथा मेलों का देश है। यहाँ विभिन्न धर्म, जाति तथा सम्प्रदाय के लोग निवास करते हैं। ये लोग समय-समय पर अपने त्यौहार तथा पर्व मनाते हैं। ये पर्व ही भारत की संस्कृति की असली तस्वीर हैं। दीपावली भारतीय त्यौहारों में अपना प्रमुख स्थान रखता है। यह हिन्दुओं का मुख्य त्यौहार है। पूरे भारत वर्ष में यह अत्यंत हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। यह त्यौहार श्रीरामचन्द्रजी के चौदह वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या वापस लौटने की खुशी में मनाया जाता है। ऐसा विश्वास है कि जब श्रीराम ने लंका के राक्षसपति रावण को हरा दिया तथा सीता माता को उसके चंगुल से मुक्त करा लिया तब वह अपने भाई लक्ष्मण तथा सेवक हनुमान के साथ अयोध्या लौटे थे। तब जनता ने खुशी में घी के दिये जलाकर प्रकाश किया तथा उनका अयोध्या में स्वागत किया। श्री राम के आने से अयोध्या की जनता अत्यंत प्रसन्न थी।

दीपावली आने से पहले लोग अपने घरों में साफ-सफाई तथा पुताई करते हैं। दीपावली से दो दिन पूर्व का दिन धनतेरस माना जाता है। इस दिन बर्तन खरीदना, जेवर या अन्य कोई नयी चीज खरीदना शुभ माना जाता है। दीपावली की रात को लोग लक्ष्मी देवी तथा गणेश की पूजा करते हैं। घरों में दिये, लैम्प आदि जलाये जाते हैं। पकवान बनते हैं तथा मिठाईयाँ पड़ोसियों व रिश्तेदारों में बाँटी जाती हैं। दीपावली की रात को बच्चों की तो मौज होती है। वे मिठाई, पकवान खाते घूमते हैं तथा पटाखे, अनार, फुलझड़ियाँ चलाते हैं। अगले दिन गोवर्धन पूजा होती है। उसके बाद भाई दौज आता है। इस दिन बहनें भाइयों के तिलक लगाती हैं। भाई बहनों को कुछ रुपये उपहार स्वरूप देते हैं।

दीपावली एक पावन पर्व है। लेकिन कुछ लोग जुआ और शराब में अपना पूरा त्यौहार निकाल देते हैं। वे इस दिन डटकर शराब पीते हैं तथा जुआ खेलते हैं। जुए में बहुत सी रकम हार जाते हैं। क्रोध में बीवी, बच्चों को मारते-पीटते हैं। इस पवित्र दिन यह अपिवत्र बातें नहीं करनी चाहिये। मर्यादा और गरिमा की सीमा में रहकर त्यौहार का आनन्द उठाना चाहिये। अत्यधिक धन खर्च करके पटाखे फोड़ना भी गलत है। इसमें से कुछ धन बचाकर दान दे देना चाहिये। ताकि निर्धन लोग भी खुशी के साथ त्यौहार का आनन्द उठा सकें।

दीपों का त्यौहार दिवाली पर निबंध- Essay on Diwali in Hindi with Headings (500 words )

भारतवर्ष त्यौहारों-पर्वो तथा उत्सवों का देश है। भारतीय त्यौहारों में दीपावली का विशेष महत्त्व है। यह इस देश का सांस्कृतिक एवं राष्ट्रीय त्यौहार है। दीपावली दीपों का त्यौहार है। दीपावली का बिगड़ा हुआ रूप है ‘दीवाली’। इसका अर्थ है दीपों की अवली अर्थात् दीपों की कतार (पंक्ति)। इस दिन हिन्दू लोग अपने घरों में दीये, मोमबत्तियाँ तथा बिजली के बल्बों को जलाकर, उनकी पंक्तियाँ अर्थात् कतार लगा देते हैं।

दीपावली कब मनाई जाती है? Diwali ka tyohar kab manaya jata hai

यह त्यौहार कार्तिक मास की अमावस्या को सारे भारतवर्ष में बहुत धूमधाम तथा उल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन सभी ओर इतनी अधिक रोशनी की जाती है जिससे अमावस्या की काली रात भी पूर्णमासी की तरह जगमगाने लगती है। दीपावली से पूर्व ‘धनतेरस’ तथा इसके बाद ‘गोवर्धन पूजा’ और ‘भैया दूज’ के त्यौहार मनाए जाते हैं।

दीपावली क्यों मनाई जाती है? Diwali kyon manai jati hai

इस दिन भगवान श्रीराम चौदह वर्षों का वनवास काटकर तथा लंका पर विजय प्राप्त करके सीता तथा लक्ष्मण सहित अयोध्या लौटे थे। इस तिथि को श्रीरामचन्द्र जी का राजतिलक किया गया था। अतः इस दिन सारे अयोध्यावासियों ने इसी खुशी में आनन्दोत्सव मनाया था तथा अपने हर्षोल्लास को प्रकट करने के लिए दीप जलाए थे और मिठाइयाँ बाँटी थीं। जैन धर्म के महावीर स्वामी तथा आर्य समाज के स्वामी दयानन्द सरस्वती जी को भी इसी दिन मुक्ति मिली थी। इसीलिए जैनी तथा आर्य समाज के लोग भी इस त्यौहार को बहुत धूमधाम से मनाते हैं। यह भी कहा जाता है कि महाराज युधिष्ठिर का राजसूय यज्ञ भी इसी तिथि को सम्पन्न हुआ था।

दीपावली कैसे मनाई जाता हैं? Diwali Kaise manai jaati hai

इस दिन लोग अपने घरों व दुकानों को सजाते हैं। गलियों तथा बाजारों को भी सजाया जाता है बाजारों में हलवाइयों की दुकानें खूब सजी होती हैं और सभी लोग मिठाइयाँ खरीदते हैं। इस दिन बाजारों से सुन्दर-सुन्दर खिलौने व बर्तन आदि भी खरीद कर लाए जाते हैं। इस दिन स्त्रियाँ अपने घरों में पकवान भी बनाती हैं। बच्चे व युवक आतिशबाजी चलाते हैं। घरों में आस्थावान लोग गणेश और लक्ष्मी की पूजा करते हैं। लोग दीवाली पूजन के बाद अपने इष्ट मित्रों व सम्बन्धियों के घर मिठाइयाँ भेजते हैं। व्यापारी बन्धु इस दिन अपना नए वर्ष का नया बहीखाता बनाते हैं।

दीपावली के दिन कुछ लोग जुआ खेलना व शराब पीना अच्छा मानते हैं। यद्यपि इस कारण से अनेक घर बर्बाद हो जाते हैं। एक ओर लक्ष्मी की पूजा करके लोग उससे धन-प्राप्ति की प्रार्थना करते हैं तो दूसरी ओर बहुत से लोग जुआ खेल कर धन हार जाते हैं। फिर भी यह पर्व धनी-निर्धन, राजा-रंक एवं शिक्षित-अशिक्षित सभी के लिए हर्षोल्लास प्रदान करने वाला त्यौहार है।

दिवाली पर निबंध- Long Essay on Diwali in Hindi with Headings (650 words )

भारत वर्ष में अनेक धर्मो, विश्वासों और आस्थावाले लोग रहते हैं। इसलिए यहाँ अनेक त्यौहार मनाए जाते हैं। भारत में पर्वो की गौरवशाली परंपरा है। सभी लोग अपने-अपने त्यौहार उल्लास और आनंद से मनाते हैं। हिन्दू बहुसंख्यक हैं, इसलिए उनके त्यौहार भी अधिक हैं। कुछ त्यौहार क्षेत्रीय हैं और कुछ राष्ट्रीय। हिन्दुओं के प्रमुख त्यौहार हैं— दीपावली, विजयदशमी (दुर्गापूजा) रक्षा बन्धन और होली। दीपावली हिन्दुओं का प्रमुख त्यौहार है। यह कहना असंगत न होगा कि दीपावली भारत का राष्ट्रीय पर्व है।

परिचय | Dipawali ka arth 

दीपावली मनाने के बारे में एक कहानी प्रचलित है। कहते हैं कि इसी दिन श्री रामचन्द्र जी लंका पर विजय प्राप्त कर अयोध्या लौटे थे। इस खुशी में अयोध्या-वासियों ने घर-घर दीप जलाए थे और आनंद मनाया था। तभी से यह त्यौहार पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।

Dipawali ka Itihas

दीपावली पर्वो का समूह है। यह शरद ऋतु में मनाई जाती है। दीपावली का त्यौहार कार्तिक कृष्ण पक्ष 13 से लेकर कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया तक अर्थात 5 दिनों तक मनाया जाता है। इस त्यौहार का पहला दिन ‘धन तेरस’ कहलाता है। इस दिन लोग नए-नए बर्तन खरीदते हैं। घर-घर में यमराज की पूजा होती हैं और दीप जलाकर घर के द्वार पर रखा जाता है। चतुर्दशी का दिन ‘नरक चौदस’ कहलाता है। कहा जाता है कि भगवान विष्णु ने नरसिंह अवतार लेकर अत्याचारी राजा हिरण्य कश्यप का वध किया था और भक्त प्रहलाद की रक्षा की थी। एक अन्य घटना के अनुसार इसी दिन भगवान कृष्ण ने नरकासुर को मारा था। इस दिन घरों की सफाई की जाती है। मुख्य पर्व कार्तिक अमावस्या को मनाया जाता है। उस दिन शाम को लक्ष्मी जी का पूजन किया जाता है और घर-घर दीप जलाये जाते हैं। बच्चे फुलझड़ियाँ और पटाखे छोड़ते हैं। लोग स्वादिष्ट भोजन करते हैं। बच्चे प्रेम से मिठाइयाँ खाते हैं। चौथा दिन ‘गोवर्द्धन पूजन’ का होता है। इसी दिन श्रीकृष्ण ने गोवर्द्धन पर्वत उठाकर इन्द्र के कोप से गोकुल के लोगों की रक्षा की थी। दीपावली का पाँचवाँ दिन ‘भैया दूज’ या ‘यम द्वितीया’ के नाम से प्रसिद्ध है। इस दिन बहनें अपने भाइयों को तिलक लगाती हैं और मिठाइयाँ खिलाती हैं। कहा जाता है कि इस दिन यमुना नदी में स्नान करने से यमराज के चक्कर से बचा जा सकता है।

पर्व की विशेषता | Dipawali parv ka mahatva 

यह पर्व वर्षा समाप्त होने के बाद आता है। बरसात के कारण अनेक मकान टूट-फूट जाते हैं इनकी लोग मरम्मत करते हैं। महीनों पहले से घरों की लिपाई-पुताई और सफाई होने लगती है। सभी घर तरह-तरह से सजाए जाते हैं। बाजारों को साफ-सुथरा करके सजाया जाता है। रंग-बिरंगे फूल-पत्तियों और बल्बों से शहर वाले अपने मकानों, दुकानों और गलियों को सुसज्जित करते हैं। हर ओर प्रसन्नता और आपसी वैर-भाव भूलकर प्रेमपूर्वक लोग एक दूसरे से मिलते हैं और शुभकामनाएँ देते हैं। सभी के मन और हृदय शुद्ध और स्वच्छ हो जाते हैं। सफाई से रोग फैलाने वाले कीड़ों-पतंगों का नाश हो जाता है। आतिशबाजी और पटाखों की गंध और धुएँ से कीटाणु नष्ट हो जाते हैं।

पर्व के दुरुपयोग से हानियाँ

वह लोग जो जोश में आकर अपनी हैसियत से अधिक खर्च कर देते हैं, वे कर्ज से लद जाते हैं। वे वर्ष भर कष्ट पाते हैं। कई लोग दीपावली पर जुआ खेलना आवश्यक समझते हैं। जुआ खेलने से धन-दौलत हार जाते हैं। इससे उन्हें बहुत आर्थिक हानि हो जाती है, जिससे उनका जीवन दुःखी हो जाता है। कतिपय लोग इस अवसर पर नशीले पदार्थों का सेवन करते हैं, जो उनके लिए हानिप्रद होता है। लापरवाही से आतिशबाजी छोड़ने से कभी-कभी आग लग जाती है, जिससे जन-धन का बहुत नुकसान होता है।

दीपावली आनंद का पर्व है। इसे प्रेम पूर्वक और सावधानी से मनाना चाहिए। साज-सज्जा, आतिशबाजी आदि पर व्यर्थ पैसे खर्च करना बुरा है। जुआ खेलने तथा दूसरे दुर्व्यसनों से बचना चाहिए। आतिशबाजी छोड़ते समय सावधानी बरतनी चाहिए जिससे दुर्घटनाएँ न हों। यह त्यौहार हमें अंधकार पर प्रकाश की विजय का संदेश देता है। इसलिए हमें ऐसा कार्य नहीं करना चाहिए जो हमारे लिए हानिप्रद हो।

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इस लेख के माध्यम से हमने Diwali Par Nibandh | Diwali Essay in Hindi का वर्णन किया है और आप यह निबंध नीचे दिए गए विषयों पर भी इस्तेमाल कर सकते है।

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3+ Diwali Essay in Hindi | दीवाली पर निबंध (2022)

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भारत में त्योहारों का बहुत महत्व है कोई भी त्योहार हो मन में उमंग और उत्साह भर देता है। दीवाली का त्योहार धन धान्य का त्योहार है इसमे माँ लक्ष्मी जी पूजा की जाती है। दीवाली का त्योहार स्वच्छता का प्रतीक है। हमारे विद्यालय में दीवाली का निबंध हमेशा से पढ़ाया जाता रहा है । इसलिए आज की पोस्ट में आपके लिए diwali essay in hindi निबंध लेकर आए हैं।

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दीवाली पर निबंध Diwali Essay In Hindi-

diwali essay in hindi

दीपावली का त्यौहार भारतवर्ष मे बड़े धूमधाम के साथ मनाया जाता है यह दीप का त्यौहार है इस दिन भगवान राम लंका पर विजय प्राप्त करके आयोध्य वापस लोटे थे तो अयोध्यावासियों ने उनका स्वागत तेल के दिये जलाकर किया था।

इसलिए सभी लोग अपने घरो को दियो से सजाते हैं दीवाली दिन सभी के घरो मे तरह -तरह के पकवान बनते है और सभी लोग एक दूसरे के घर जाकर शुभकामनाएं देते है और मिठाई और गिफ्ट्स देते है दीवाली के दिन शाम को लक्ष्मी पुजन होता है।

लक्ष्मी पुजन के बाद बच्चे पटाखे चलाते है इस दिन पूरी रात जगमग रहती है । पटाखे त्यौहारो की भूमि के रूप मे जाने वाला महान देश है । यहाँ प्रसिद्ध और सबसे मनाया जाने वाले त्यौहारो मे से एक दीपावली है।

दिवाली हिन्दुओ का एक महत्वपूर्ण त्यौहार हैए जो देशभर मे और साथ ही देश के बाहर हर साल मनाया जा रहा है । यह रोशनी का त्यौहार है, जो की लक्ष्मी के घर आने और बुराई से सच्चाई की जीत का प्रतीक है।

इस दिन भगवान राम-सीता और लक्ष्मण १४ वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लोटे थे, तो इस खुशी में अयोध्या वासियों ने दीप जलाकर उनका स्वागत किया था, तभी से दीवाली मनाने की प्रथा आरंभ हुई । यही कारण है की इसे प्रकाश का महोत्सव कहा जाता है ।

इस दिन भगवान राम ने लंका के राक्षस राजा रावण को मार डाला ताकि पृथ्वी को बुरी गतिविधियो से बचाया जा सके यह हिन्दू कैलेंडर द्वारा हर साल कार्तिक के महीने की अमावस्या पर मनाया जाता है । दीवाली के दिन हर कोई खुश होता है और एक दूसरे को बधाई देता है।

लक्ष्मी जी का स्वागत करने के लिए लोग अपने घरो, कार्यालयों और दुकानों को साफ करते है और सफेदी भी करवाते है वे अपने घरो को सजाते है और दीपक जलाकर माता लक्ष्मी का स्वागत करते हैं दीवाली के त्यौहार मे पाँच दिन का जश्न है । जिसे आनंद और प्र्सन्नता के साथ मनाया जाता है ।

1- पहला दिन धनतेरस के रूप मे जाना जाता 2- दूसरे दिन नारक चतुदर्शी या छोटी दीवाली 3- तीसरा दिन मुख्य दीपावली या लक्ष्मी पूजा 4- चौथे दिन गोबर्धन पूजा 5- पांचवे दिन भैया दौज

दीवाली समारोह के पाँच दिनो मे से प्रत्येक का अपना धार्मिक और सांस्कृतिक विश्वाश है । दीवाली समारोह के पाँच दिनो मे से प्रत्येक का अपना धार्मिक और सांस्कृतिक विश्वाश है। दीवाली समारोह हमारे देश के कोने-कोने में मनाया जाता हैं।

दीपावली का त्यौहार लोगो के बीच अपनापन और एकता की भावना को उजागर करता है, भारत एक ऐसा देश हैं जो हज़ारो सालों से दीवाली को हर्ष और उल्लास के साथ मनाता आ रहा हैं और आगे भी हमेशा मनाता रहेगा, क्यूकी यह हमें बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश देता है।

“ जब तक रहे ये दुनिया, जब तक चले संसार हर घर में मनाया जाए दीवाली का त्यौहार , दुख दर्द उदासी से हर दिल महरूम रहे पग पग उजियालों में जीवन की ज्योति जले “

दीपावली पर दूसरा निबंध हिंदी में Essay on diwali-

भारत को त्यौहारों का देश माना जाता है। भारत के प्रमुख त्यौहार होली, रक्षाबंधन, दशहरा और दीपावली हैं पर इन सभी त्यौहारों में दीपावली सबसे अधिक प्रमुख त्यौहार है।

दीपावली या दिवाली हर साल शरद ऋतु में मनाया जाने वाला एक प्राचीन हिंदू त्योहार है। दिवाली कार्तिक माह की अमावस्या को मनाई जाती है जो ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार अक्टूबर या नवं बर के महीने में आती है।

दीपावली दीपों का त्योहार है। आध्यात्मिक रूप से यह अंधकार पर प्रकाश की विजय को दर्शाता है। यह त्यौहार दीपों का पर्व है। जब हम अज्ञान रूपी अंधकार को हटाकर ज्ञान रूपी प्रकाश प्रज्ज्वलित करते हैं तो हमें एक असीम और आलौकिक आनन्द का अनुभव होता है।

दीपावली भी ज्ञान रूपी प्रकाश का प्रतीक है।इस दिन दीप जलाये जाते हैं इसलिए दीपावली का त्यौहार पांच दिन तक मनाया जाता है।

दशहरे के त्यौहार के बाद से ही दीपावली की तैयारियां की जाने लगती हैं। दशहरे के त्यौहार के बाद से ही दीपावली की तैयारियां की जाने लगती हैं।

इस पर्व के दिन लोग रात को दीपक जलाकर प्रकाश करतें है, दीपकों की रोस्नी से ऐसा लगता हैं मानो की रात दिन में बदल गई हो, यह नज़ारा बहुत ही मनोहर होता है, यह नज़ारा केवन दीवाली में ही देखने को मिलता है।

दीपावली का अर्थ-

दीपावली शब्द संस्कृत से लिया गया है। दीपावली दो शब्दों दीप और अवली से मिलकर बना है जिसका अर्थ है दीपों से सजा हुआ। दीपावली को रोशनी का त्यौहार और दीपोत्सव भी कहा जाता है क्यूकी इस दिन असंख्य दीपक अपनी रोशनी से जगमगाते हुऐ अमावस्या की रात को दिन में बदल देते हैं।

दीपावली का यह पर्व कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है, इस पर्व को शीत ऋतू के आगमन के रूप में भी मनाया जाता है।

दीपावली पर्व का महत्व-

भारत में दीवाली को बहुत ही सुंदर और पारंपरिक तरीके से मनाया जाता है, क्यूकी इस दिन भगवान राम ने लंकापति रावन को मारकर हमे बुराई पर अच्छी की जीत का संदेश दिया था ।

और जब भगवान श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण 14 वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या लौटे थे, तो अयोध्यावासियों ने उनके स्वागत में लाखों दीपक जलाए, जिससे अमावस्या की काली रात दिल में बदल गई।

उसी दिन की पावन स्मृति में यह दिन बड़े ही उत्साह से मनाया जाता है। इस दिन समुद्र मंथन के समय लक्ष्मी जी का जन्म हुआ था, इसीलिए दीपावली के दिन लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है और घर में सुख-समृद्धि की कामना की जाती है।

दीपावली की तैयारियां-

दिवाली की तैयारी लोग दशहरे से ही शुरू कर देते हैं। दिवाली से पहले सभी लोग अपने घरों की सफाई करते हैं और घर को रंग-रोगन करवाते हैं।दीपावली के अवसर पर लोग अपने लिए नए कपड़े, मोमबत्तियां, खिलौने, पटाखे, मिठाईयां, रंगोली बनाने के लिए रंग और घरों को सजाने के लिए बहुत सा सामान खरीदते हैं।

दिवाली के दिन पहनने के लिए नए कपड़े बनाए जाते हैं, मिठाइयां बनाई जाती हैं, घरों को सजाने के लिए बिजली की बत्तियों का प्रयोग किया जाता है।

दिवाली भारत में खुशियों और मनोरंजन का सबसे बड़ा त्योहार है। इस दिन बच्चों से लेकर बूढ़ों तक खुशी की लहर दौड़ जाती है और पटाखों की आवाज से पूरा आसमान गूंज उठता है।

चारों तरफ होगा खुशियो का नज़ारा सजेगा हर आँगन दीपक का उजाला । डलेगी रंगो की रागोली हर एक द्वार ऐसा है हमारा दीपावली का त्यौहा र ।

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दीपावली का वर्णन-

दीपावली त्यौहार कार्तिक माह की अमावस्या के दिन मनाया जाता है। दीपावली का त्यौहार पांच दिनों तक चलने वाला सबसे बड़ा त्यौहार होता है ।दिवाली से तीन दिन पहले धनतेरस आता है।

दीपावली के दिन लोग अपने घर के पुराने बर्तनों को बेचतें हैं, नयी-नयी वस्तुएँ खरीदतें हैं और घर की पुताई करतें है, धनतेरस के दिन व्यापारी अपने नये बहीखाते बनाते हैं, नरक चौदस के दिन सूर्योदय से पहले स्नान करना अच्छा माना जाता है, अमावस्या के दिन मा लक्ष्मीजी की पूजा की जाती है।

पूजा में खील-बताशे का प्रसाद चढाया जाता है। नए कपड़े पहने जाते हैं। असंख्य दीपों की रंग-बिरंगी रोशनियाँ मन को मोह लेती हैं।दुकानों, बाजारों और घरों की साज-सज्जा दर्शनीय रहती है।

अगले दिन आपसी मुलाकात का दिन है। एक दूसरे को गले लगाकर दीपावली की बधाई दीजाती है। गृहिणियां अतिथियों का स्वागत करती हैं। बड़े-छोटे, अमीर-गरीब का भेद भुलाकर लोग मिलजुलकर इस पर्व को मनाते हैं।

स्वच्छता का प्रतीक-

दीपावली जहां आंतरिक ज्ञान का प्रतीक है, वहीं बाहरी स्वच्छता का भी प्रतीक है। मच्छर, खटमल, पिस्सू आदि धीरे-धीरे घरों में अपना घर बना लेते हैं। मकड़ी के जाले लग जाते हैं, इसलिए दिवाली से कई दिन पहले घरों की सफाई, पेंटिंग, सफेदी और सफेदी शुरू हो जाती है। सफाई से पूरा घर साफ हो जाता है।

दीपावली हमारा धार्मिक त्यौहार है। दीपावली का पर्व सभी पर्वों में एक विशिष्ट स्थान रखता है। हमें अपने पर्वों की परम्पराओं को हर स्थिति में सुरक्षित रखना चाहिए। परम्पराएँ हमें उस पर्व के आदिकाल में पहुंचा देती हैं जहाँ पर हमें अपनी आदिकालीन संस्कृति का ज्ञान होता है।

आज हम अपने त्यौहारों को भी आधुनिक सभ्यता का रंग देकर मनाते हैं लेकिन हमें उसके आदि स्वरूप को बिगाड़ना नहीं चाहिए। इसे हमेशा यथोचित रीति से मनाना चाहिए।

जुआ और शराब का सेवन बहुत ही बुरा होता है हमें सदैव इससे बचना चाहिए। आतिशबाजी पर अधिक व्यय नहीं करना चाहिए। हम सभी का कर्तव्य होता है कि हम अपने पर्वों की पवित्रता को बनाये रखें।

दीपावली पर तीसरा निबंध Diwali essay in hindi for child-

यही है रौशनी का अभिवादन, अँधेरे को दूर भगाओ पहले सब पर प्यार बरसाओ, फिर खुशियों का दीप जलाओ।

essay on diwali 1

दीपावली पूरे भारत में बहुत ही धूमधाम से मनाई जाती है। दीपों का विशेष पर्व होने के कारण इसे दीपावली या दिवाली का नाम दिया गया है।दिवाली का दिन भारतवासियों के लिए विशेष महत्व रखता है।

भारत में हर धर्म के लोग रहते हैं और भारतवासी सभी धर्मों का सम्मान करते हैं। दिवाली का त्यौहार एक तरह से हिन्दुओं का विशेष त्यौहार है। परंतु भारत में प्रायः सभी धर्मो के लोगों द्वारा दीपावली का त्योहार मनाया जाता हैयह त्यौहार 5 दिनों तक चलता है। इसकी ख़ुशी हर भारतीय को होती है।

भारत में दिवाली-

भारत विभिन्न संस्कृतियों, विचारों, भाषाओं, परंपराओं, रीति-रिवाजों और विभिन्न धर्मों वाला देश है। यहां सभी धर्मों के त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाए जाते हैं। हिन्दू धर्म में दिवाली का विशेष महत्व है।

यह हिन्दू धर्म का सबसे बड़ा त्यौहार माना जाता है और ये हर हिन्दू द्वारा मनाया जाता है। आज के समय में दिवाली का त्यौहार सभी धर्मों के लोग मनाने लग गये हैं। सभी धर्मों के लोगों ने इसका महत्व समझना शुरू कर दिया है।

विभिन्न धर्मों में दिवाली का महत्व-

हिंदू धर्म- हिंदू धर्म के लोग इस दिन को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मानते हैं। दिवाली का त्योहार कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है। इस दिन पूर्ण अंधकार रहता है। इसी दिन भगवान राम रावण का वध करके और अपना 14 वर्ष का वनवास पूरा करके अयोध्या लौटे थे।

इस दिन अयोध्यावासियों ने राम के आगमन की खुशी में पूरे अयोध्या को अमावस्या के अंधकार से मुक्त कराया था। भगवान राम के स्वागत के लिए पूरा अयोध्या शहर रोशनी से जगमगा उठा। उस दिन भगवान राम बुराई पर अच्छाई जीतकर अयोध्या लौट रहे थे।

जैन धर्म- जैन धर्म के लोग इस दिन दिवाली मनाते हैं क्योंकि भगवान महावीर को इसी दिन मोक्ष की प्राप्ति हुई थी और किसी संयोग से उनके शिष्य गौतम को भी इसी दिन ज्ञान प्राप्त हुआ था।

सिख धर्म- सिख धर्म के लोग दिवाली इस लिए मानते हैं क्योंकि इसी दिन ही 1577 में पंजाब के अमृतसर में स्वर्ण मंदिर का शि लन्यास हुआ था और इसी दिन ही सिखों के छठे गुरु गुरू हरगोबिन्द साहब जी को जेल से रिहा किया गया था।

दिवाली कैसे मनाते हैं-

दिवाली का नाम सुनते ही सबके चेहरे पर एक अलग ही खुशी है। इस दिन सभी लोग अपने घरों, दुकानों आदि की साफ-सफाई करते हैं। उन्हें नए रंग से रंगते हैं। इस दिन घरों को दीयों से सजाया जाता है और यह त्योहार 5 दिनों तक चलता है।

लोग अपने घरों में नई चीजें खरीदते हैं और कई अन्य सामान, कपड़े, वाहन और जरूरी चीजें खरीदते हैं। इस दिन को घर में लक्ष्मी के आने का संकेत माना जाता है और इस दिन धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। जाती है।

घरों में मिठाइयां बनाई जाती हैं । इस दिन मां लक्ष्मी के साथ गणेश जी की भी पूजा की जाती है।

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दिवाली पर चौथा निबंध Short essay on diwali in hindi-

दीपावली का पर्व सुख-समृद्धि का पर्व है। यह हिंदुओं द्वारा मनाया जाने वाला सबसे बड़ा त्योहार है। दिवाली का त्योहार भारत के हर राज्य में मनाया जाता है। इस दिन काली अमावस्या की रात होते हुए भी पूरा भारत रोशनी से जगमगाता है।

दीपावली का त्योहार असत्य पर सत्य की जीत और अंधकार पर प्रकाश की जीत का प्रतीक है। यह त्यौहार हमारे देश में ही नहीं विदेशों में भी मनाया जाता है, इससे इसकी प्रमुखता का पता लगाया जा सकता है। यह न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है बल्कि इसका सामाजिक, आध्यात्मिक, पौराणिक, ऐतिहासिक और आर्थिक महत्व भी है।

दिवाली त्यौहार का इतिहास-

दिवाली का त्योहार भारत में प्राचीन काल से मनाया जाता रहा है। अलग-अलग राज्यों के लोग इस त्योहार के इतिहास को अलग-अलग मानते हैं, लेकिन ज्यादातर लोगों का मानना ​​है कि जब भगवान राम 14 साल के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे, तो अयोध्या के लोगों ने उनके स्वागत के लिए घी के दीपक जलाए थे।

अयोध्या की हर सड़क को सुनहरे फूलों से सजाया गया था। जिस दिन भगवान राम अयोध्या लौटे, उस दिन काली अमावस्या की रात थी, जिसके कारण वहां कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था, इसलिए अयोध्या के लोगों ने वहां दीपक जलाए। इस दिन को अंधकार पर प्रकाश की जीत भी माना जाता है।

जैन धर्म के लोग दीपावली का त्योहार इसलिए मनाते हैं क्योंकि इस दिन चौबीसवें तीर्थंकर महावीर स्वामी को मोक्ष की प्राप्ति हुई थी और संयोग से इसी दिन उनके शिष्य गौतम को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी।

सिख धर्म के लोग भी इस त्योहार को बहुत धूमधाम से मनाते हैं, वे इस त्योहार को मनाते हैं क्योंकि इस दिन 1577 में अमृतसर में स्वर्ण मंदिर की आधारशिला रखी गई थी और साथ ही सिखों के छठे गुरु हरगोबिंद सिंह जी को भी जेल से रिहा किया गया था।

दिवाली कैसे मनाते हैं?

भारत में दिवाली के त्योहार की तैयारियां एक महीने पहले से ही शुरू कर दी जाती हैं क्योंकि भारत में ज्यादातर हिंदू धर्म को मानने वाले लोगों का वास है।

इसलिए यह त्योहार उनका सबसे बड़ा त्योहार है। लोग इस त्योहार की तैयारियों को लेकर इतने उत्सुक हैं कि वे एक महीने पहले से ही अपने घरों और प्रतिष्ठानों की सफाई शुरू कर देते हैं।

हिंदू धर्म के लोगों का मानना ​​है कि अगर घर में साफ-सफाई रहेगी तो उनके घर में मां लक्ष्मी का आगमन होगा और साथ में सुख-समृद्धि भी आएगी। आजकल लोग दिवाली से कुछ दिन पहले अपने घरों को रंग-रोगन करवाते हैं।

साथ ही अपने घर और प्रतिष्ठान को रंग-बिरंगी रोशनी और फूलों से सजाते हैं। इस त्योहार से पहले बाजारों में एक अलग ही रोशनी आती है, बाजार भीड़ से खचाखच भरे रहते हैं, लोग हर जगह खरीदारी करते नजर आते हैं।

“ दीपावली का यह पर्व 5 दिनों तक चलता है, जिसका पहला दिन धनतेरस होता है “ लोग धनतेरस के दिन खरीदारी करना पसंद करते हैं, लोग अपने घरों में कुछ बर्तन जरूर ले जाते हैं, साथी लोग भी इस दिन सोने और चांदी के आभूषण खरीदना पसंद करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन खरीदारी करने से घर में सुख समृद्धि आती है।

“दीपावली का दूसरा दिन नरक चतुर्दशी के रूप में मनाया जाता है” क्योंकि इसी दिन भगवान कृष्ण ने राक्षस नरकासुर का वध किया था। इस दिन को कुछ लोग छोटी दिवाली के रूप में भी मनाते हैं। इस दिन घर के बाहर 5 दीपक जलाए जाते हैं।

” तीसरा दिन दिवाली त्योहार का मुख्य दिन होता है “ दिवाली के दिन शाम को सभी लोग मां लक्ष्मी की पूजा करते हैं। इस दिन घर में दीया जलाकर रोशनी की जाती है। भारत में इस दिन रात के समय सबसे अधिक प्रकाश होता है।

“ दिवाली के चौथे दिन गोवर्धन पूजा की जाती है “ क्योंकि इस दिन भगवान कृष्ण ने इंद्र के क्रोध के कारण हुई मूसलाधार बारिश से लोगों को बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी एक अंगुली पर उठा लिया था। इस दिन महिलाएं घर के बाहर गाय का गोबर रखकर पारंपरिक पूजा करती हैं।

” दीपावली पर्व का अंतिम दिन भाई दूज के रूप में मनाया जाता है “ इस दिन बहन अपने भाई को रक्षा सूत्र बांधती है और साथ ही तिलक लगाकर मिठाई खिलाती है और बदले में भाई उनकी रक्षा करने का वचन देते हैं और उन्हें अच्छे उपहार भी देते हैं।

दीपावली का महत्व-

दिवाली त्योहार के पीछे सबसे पुराना आर्थिक महत्व इस तथ्य से जुड़ा है कि भारत में लगभग सभी फसलें मानसून पर निर्भर करती हैं, इसलिए गर्मियों की फसल इस त्योहार से कुछ दिन पहले पक कर तैयार हो जाती है, तो किसान इस फसल को बेचकर आय अर्जित करता है। इस दिन कई ऐतिहासिक घटनाएं घटी हैं, जिससे इस पर्व का महत्व और भी बढ़ जाता है।

इस दिन भगवान राम 14 वर्ष का वनवास काट कर अयोध्या लौटे थे उन्हें इस दिन मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम कहा गया था। इस दिन समुद्र मंथन के दौरान मां लक्ष्मी का जन्म हुआ था, जिन्हें धन और सुख-समृद्धि की देवी भी कहा जाता है। दिवाली के दिन, सिखों के छठे गुरु, हरगोबिंद सिंह जी को जेल से रिहा किया गया था। इस दिन महावीर स्वामी को मोक्ष की प्राप्ति हुई थी।

यह पर्व हमें सदैव आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है, यह पर्व हमें अन्धकार से कभी नहीं डरना सिखाता है क्योंकि एक छोटे से दीये की लौ भी अँधेरे को प्रकाश में बदल सकती है। इसलिए जीवन में समय हमेशा आशावादी होना चाहिए और जीवन में हमेशा खुश रहना चाहिए।

सांस्कृतिक और सामाजिक समरसता का प्रतीक है दीपावली का पर्व, यह पर्व सभी के जीवन में खुशियां लेकर आता है, इस पर्व के कारण आज भी लोगों में सामाजिक एकता बनी हुई है। .

दोस्तों ! जैसा की आपने पढ़ा की दीवाली अमन और शांति का त्योहार है । तो हम सब का यह कर्तव्य बनता है की हम इस त्योहार की गरिमा को बनाए रखते हुए इसका आनंद लें और माता लक्ष्मी की पूजा पूरे हर्षोलास से करें । दोस्तों आपको हमारा यह diwali essay in hindi कैसा लगा हमे ज़रूर बताइगा ।

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दिवाली पर निबंध (Diwali Essay in Hindi) – दीपावली पर निबंध हिंदी में

दीपावली भारत देश का सबसे बड़ा त्यौहार है। यह त्यौहार प्रत्येक वर्ष बड़ी धूमधाम से भारत में मनाया जाता है। दीपावली का अर्थ होता है ”दीप” और ”आवली” अर्थात यह दो शब्दों से मिलकर बना है। दिवाली के यह दोनों शब्द संस्कृत भाषा के शब्द है,जिसका मतलब होता है दीपों की श्रृंखला । दीपावली भारत देश के सभी नागरिकों का खुशियों का त्यौहार है, दीपावली के शुभ अवसर पर प्रत्येक घर में भगवान गणेश और लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है। भारत देश के निवासी दिवाली के त्यौहार को किसी अन्य देश में रहने पर भी बड़े धूमधाम से मनाते है। दिवाली को भारत में 2 दिन मनाया जाता है। इस त्यौहार के शुभ अवसर पर स्कूल के छात्र-छात्राओं के लिए निबंध लिखने के लिए दिया जाता है। बहुत ही छात्र-छात्राओं के द्वारा इंटरनेट में दिवाली पर निबंध सर्च किया जाता है।

दिवाली पर निबंध (Diwali Essay in Hindi) – दीपावली पर निबंध हिंदी में

आप सभी लोगो के लिए हमारी वेबसाइट के माध्यम से दिवाली निबंध (Diwali Essay in Hindi) तैयार किया गया है। आज हम आपको दिवाली के बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करेंगे अतः दिवाली से संबंधित सभी जानकारी प्राप्त करने के लिए आप हमारे इस निबंध को अंत तक पढ़े।

दिवाली पर निबंध (Diwali Essay in Hindi)

जैसे की आप सभी को पता है की दिवाली मुख्यतः हिन्दू धर्म के लोगो के द्वारा मनाई जाती है यह हिन्दुओं का सबसे बड़ा त्यौहार है। यह पर्व देश के छोटे बड़े सभी नागरिकों के द्वारा बड़े हर्षो-उल्लास के साथ मनाया जाता है प्रत्येक वर्ष यह त्यौहार कार्तिक मास के माह में अक्टूबर नवंबर में मनाया जाता है। ”दीपावली” दीपों का त्यौहार है इस दिन पुरे भारत देश में विभिन्न प्रकार की कलर फुल लाइटों और दीयों से घर को सजाया जाता है दीपावली के त्योहार के कुछ समय पहले लोगो के द्वारा घर में साफ़ सफाई का कार्य किया जाता है विभिन्न लोगो के द्वारा तो आपने घरों में विभिन्न प्रकार की सज़ावटे की जाती है। अन्य धर्मों के द्वारा भी इस त्यौहार को अलग-अलग रूप में मनाया जाता है। बड़ी उत्सुकता के साथ सभी नागरिकों के द्वारा इस त्यौहार का इन्तजार किया जाता है।

दीपावली पर निबंध हिंदी में

भारत देश में अनेक प्रकार के त्यौहार मनाये जाते है लेकिन उन सभी त्योहारों में सबसे बड़ा त्यौहार दिवाली का त्यौहार है। पौराणिक कथाओं के अनुसार दिवाली के त्यौहार को इसलिए मनाया जाता है की 14 वर्ष के वनवास और रावण का वध करके भगवान श्री राम अपने जन्मभूमि अयोध्या लौटे थे। इसलिए वहां के लोगो के द्वारा इस दिन घी के दिए जलाये गए थे, तब से ही दिवाली का त्यौहार प्रत्येक वर्ष मनाया जाता है। दिवाली में विभिन्न प्रकार के उपहारों को अपने रिश्तेदारों और पड़ोसियों को तोहफे भेंट किये जाते है। दिवाली के त्यौहार के समय कुछ अलग ही प्रकार की रौनक देश में दिखाई देती है यह सभी लोगो का एक महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक त्यौहार है लोगो के द्वारा दिवाली को ख़ुशी के रूप में मनाया जाता है।

संपूर्ण भारत वर्ष में इस त्यौहार को खुशियों के रूप में मनाया जाता है, हिंदू धर्म के में से सबसे प्रमुख त्यौहार दीपावली का त्यौहार है। भगवान राम के 14 वर्ष वनवास के पूर्ण होने पर अयोध्य लौटने की ख़ुशी में इस त्यौहार को मनाया जाता है। दिवाली के त्यौहार मनाने के लिए सभी लोगो के द्वारा कई दिनों पहले तैयारियां शुरू की जाती है। बड़े हर्ष और उल्लास और खुशियों के साथ में दीपावली को एवं दिवाली के साथ आने वाले सभी फेस्टिवल को ख़ुशी के साथ सेलिब्रेट किया जाता है।

दीपों का त्यौहार दिवाली आई है, खुशियों का संसार दिवाली आई है, घर आँगन सब नया सा लगता है, नया नया परिधान सभी को फबता है, नए नए उपहार दिवाली लायी है, खुशियों का संसार दिवाली लाई है, शुभ दीपवाली

दीपावली भारत वर्ष में कैसे मनायी जाती है

दीपावली को भारतवर्ष में विभिन्न प्रकार की लड़ियों और लाइटों से सजाया जाता है और इनके साथ-साथ पुरे घर में दीये भी जलाये जाते है। और घरो में अनेक प्रकार के रंगो से रंगोली भी बनाई जाती है, इस त्यौहार को मिठाई और पटाखों फुलझड़ियों के द्वारा बड़े हर्षों-उल्लास के साथ मनाया जाता है,दिवाली के त्यौहार में बाजारों में कई प्रकार की मिठाइयों को बनाया जाता है और साथ ही बाजारों में दिवाली के त्योहारों के समय में बहुत भीड़ भरी रहती है। सभी लोगो के द्वारा यह त्यौहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है दिवाली की शुभ अवसर में लोगो के द्वारा बड़ी मात्रा में बाजारों से खरीदारी की जाती है। और इस दिन सभी लोगो के द्वारा नए-नए कपड़ें भी पहने जाते है यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक भी माना जाता है। दिवाली में दुकानों को बाजारों में लाइटों से खूब सजाया जाता है।

यह भी देखें :- होली पर निबंध | Holi Essay in Hindi

दिवाली में किसकी पूजा की जाती है ?

दिवाली के शुभ अवसर में हिन्दू कैलेंडर के अनुसार सूर्यास्त होने के पश्चात भगवान् गणेश और माता लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है। यह पूजा धन की प्राप्ति और स्वस्थ जीवन के लिए की जाती है लक्ष्मी जी के आवागमन के लिए उस दिन घरों में रंगोली भी बनाई जाती हैऔर लक्ष्मी जी की पूजा के लिए लक्ष्मी आरती की जाती है भगवान गणेश की पूजा करने के लिए गणेश आरती की जाती है। दिवाली त्यौहार देश में बच्चे और बड़े सभी लोगो का पसंदीदा त्यौहार है। दिवाली के बाद और उससे पहले अन्य प्रकार के त्यौहार भी भारत में मनाये जाते है।

Diwali में मनाये जाने वाले त्यौहार

दिवाली के दो दिन पहले धनतेरस का त्यौहार मनाया जाता है इस दिन लोगो के द्वारा किसी वस्तु के रूप में खरीदारी की जाती है और लक्ष्मी जी की पूजा को धनतेरस के दिन किया जाता है। माँ लक्ष्मी जी को प्रश्न करने के लिए लोगो के द्वारा आरती और भजन किया जाता है। इसके अगले दिन छोटी दिवाली के रूप में मनाई जाती है यह दिवाली भगवान श्री कृष्ण जी की पूजा करके मनाई जाती है कहा जाता है की श्री कृष्ण जी के द्वारा इस दिन राक्षस राजा नरक सुर को मार दिया गया था। छोटी दिवाली के बाद मुख्य दिवाली का सेलेब्रेशन किया जाता है। उसके बाद अगले दिन को गोवर्धन पूजा के रूप में मनाया जाता है यह पूजा भी श्री कृष्ण जी के रूप में की जाती है।

इस दिन दरवाजे में लोगो के द्वारा गोबर की पूजा की जाती है, और साथ ही पांचवां दिन भाई दूज या यम द्वितीया के रूप में मनाया जाता है भाई दूज के त्यौहार को बहन और भाई के द्वारा मनाया जाता है। सभी बहनो के द्वारा इस दिन भाई की पूजा के साथ-साथ भाई को नारियल दिया जाता है। और भाई की लम्बी उम्र के लिए भगवान् से प्रार्थना की जाती है।

दिवाली फेस्टिवल को किस तरह सेलेब्रेट करें

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दिपावली का निबंध (200-300 Words) शॉर्ट निबंध

दीपावली भारत देश का सबसे बड़ा त्यौहार है और हर वर्ष यह त्यौहार बड़े हर्ष-उल्लास के साथ मनाया जाता है दीपवाली खुशियों का त्यौहार है दीपावली में पांच दिन तक अलग-अलग फेस्टिवल मनाये जाते है। पांच दिनों तक चलने वाला यह सबसे बड़ा पर्व है। दशहरा खत्म होते ही दिवाली की तैयारियां देश भर में शुरू हो जाती है। दिवाली के त्यौहार को अमावस्या की रात को मनाया जाता है भगवान राम 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे उस ख़ुशी में अयोध्यवासियों के द्वारा घी के दीये जलाये गए थे। उसी दिन से दिवाली के त्यौहार को मनाया जाता है।

दिवाली दीपों का त्यौहार होने के कारण सभी के मन को आलोकित करता है इस त्यौहार के आने से सभी घरों में अलग ही रौनक उत्पन्न हो जाती है। दीपावली के दिन रात्रि में माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है और उनसे प्रार्थना की जाती है की वे हमेशा हमारे ऊपर अपनी कृपा बनाये रखें। दिवाली में विभिन्न प्रकार की मिठाई और स्वादिस्ट व्यंजन बनाये जाते है खील-बताशे का प्रसाद दिवाली के त्यौहार में चढ़ाया जाता है। फुलझड़ी, पटाखे आदि तरह के पटाखों को दिवाली में जश्न के रूप में फोड़ा जाता है, असंख्य दीपों की रंग-बिरंगी रोशनियां मन को अपने तरफ आकर्षित कर लेती है बाजारों दुकानों, और घरों की सजावट दर्शनीय रहती है। इस त्यौहार में अमीर-गरीब का भेदभाव को भूलकर मिल जुलकर त्यौहार को मनाते है।

दीपावली की शुभकामनाएं एक-दूसरे को गले लगाकर दी जाती है। मेहमानो का स्वागत विभिन्न प्रकार की मिठाई और व्यंजनों से किया जाता है। दीपावली उपहारों और भेंट और खुशियों का त्यौहार है इस त्यौहार के द्वारा नया जीवन जीने के लिए उत्साह प्रदान करता है।

दीपावली पर 10 लाइनें – 10 Lines on Diwali in Hindi

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भारत के अलग-अलग राज्य में दिवाली मनाने के विभिन्न स्वरुप

बंगाल उड़ीसा – राज्य के द्वारा दीपावली के त्यौहार को इसलिए मनाया जाता है की इस दिन माता शक्ति के रूप में महाकाली का रूप धारण किया गया था। और इस दिन लक्ष्मी जी के स्थान पर यहाँ माँ काली की पूजा की जाती है। पंजाब -राज्य में दिवाली को इस रूप में मनाया जाता है की इस दिन 1577 इसवीं पूर्व स्वर्ण मंदिर की नीव रखी गयी थी। और सिक्खों के गुरु हरगोबिंद सिंह जी को भी इसी दिन जेल से रिहा किया गया था। तमिलनाडु,आंध्र प्रदेश -राज्य में दिवाली को द्वापर में कृष्ण द्वारा नरकासुर के वध के खुशी में कृष्ण की पूजा करके मनाया जाता है।

विदेश  में  दिपावली का स्वरूप

श्रीलंका इस देश में रह रहे लोगो के द्वारा दिवाली के त्यौहार के दिन प्रातः काल सुबह उठकर सबसे पहले तेल से स्नान किया जाता है। और पूजा करने के लिए मंदिरों में जाते है और दिवाली मनाने के लिए वहां विभिन्न प्रकार के खेल, आतिशबाजी, गायन, नृत्य, भोज का आयोजन किया जाता है। मलेशिया -इस देश में इस दिन सरकारी अवकाश किया जाता है, क्योंकि यहाँ सबसे अधिक हिन्दू लोग रहते है। दिवाली के दिन लोग अपने घरों में पार्टी करते है और साथ ही इस पार्टी में मलेशिया के नागरिक भी शामिल होते है। नेपाल- में दिवाली के त्यौहार को बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है नेपाल में दिवाली के दिन कुत्तों को सम्मानित किया जाता है और उनकी पूजा की जाती है और शाम के समय में वह सभी घरों में दीये जलाये जाते है, बधाई देने के लिए एक दूसरे के घरों में जाते है।

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दिवाली पर निबंध से संबंधित कुछ सवाल और जवाब

नहीं दिवाली के त्यौहार को भारत देश के साथ अन्य देशों में भी अलग-अलग रूप में मनाया जाता है।

कार्तिक मास के अक्टूबर या नवंबर माह दिवाली के पर्व को मनाया जाता है।

भारतवर्ष में दिवाली के त्यौहार को खुशियों के रूप में मनाया जाता है।

भगवान गणेश और माता लक्ष्मी जी की पूजा दिवाली के शुभ अवसर पर की जाती है।

दीपावली का त्यौहार पौराणिक कथाओं के अनुसार श्री राम भगवान् के 14 वर्ष वनवास काट के अयोध्या वापस लौटे थे भगवान राम के वापस लौटने की ख़ुशी में इस त्यौहार को बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। हिन्दू धर्म के साथ-साथ अन्य धर्मों के लोगो के द्वारा भी इस त्यौहार को बड़ी उत्साह के साथ मनाया जाता है।

नहीं प्रत्येक राज्य के द्वारा अलग-अलग रूप में दिवाली के त्यौहार को मनाया जाता है।

माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा का दीपावली में एक विशेष महत्व है, क्युकी माँ लक्ष्मी धन की देवी है एवं भगवान् गणेश बुद्धि एवं विवेक, धन का सदुपयोग करने के लिए विवेक का होना अति आवश्यक है। इसलिए इस दिन लक्ष्मी जी और भगवान् गणेश जी की पूजा की जाती है।

12 नवम्बर 2023 को दीपावली का त्यौहार मनाया जायेगा।

दिवाली पर निबंध लिखने के लिए हमने इस आर्टिकल में विस्तार से बताया है, कृपया इसे पढ़कर अपना दिवाली पर निबंध तैयार करें।

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Essay on diwali in hindi दिवाली पर निबंध.

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hindiinhindi Essay on Diwali in Hindi

Essay on Diwali in Hindi 200 Words

भारत एक त्यौहारों का देश है। यहाँ पर कई त्यौहार मनाए जाते है उनमें से एक हैं दीवाली। दीवाली या दीपावली भारत का एक बड़ा त्यौहार है। दीपावली का मतलब ‘दीपक की पंक्ति है’। यह त्यौहार राम जी के चौदह वर्ष बाद बनवास से अध्योया वापिस लौट आने की खुशी में मनाया जाता है। इस दिन अध्योया के लोगों ने उनका स्वागत धी के दीपक जलाकर किया था। यह त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।

लोग इस त्यौहार को बहुत हर्ष और उल्लास के साथ मनाते है। लोग अपने घरों को दीपक से सजाते है और हर तरफ रोशनी फैलाते है। शाम के वक्त माता लक्ष्मी जी की और गणेश जी की पूजा की जाती है। पूजा के बाद बच्चे पटाखे जलाते है। यह त्यौहार रिश्तेदारों तथा दोस्तों को मिठाईयॉ बॉटकर, तोहफे देकर मनाया जाता है। यह त्यौहार हिन्दुओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण है और वह बेसब्री से इस त्यौहार का इंतजार करते हैं। हमें बुराई पर अच्छाई की जीत जो इस त्यौहार का प्रतीक है, इससे कुछ सीख लेनी चाहिए और कोई भी गलत काम नहीं करना चाहिए।

Essay on Diwali in Hindi 250 Words

दीपावली यानी रोशनी, सजावट, पटाखे, मिठाई, और हाँ, स्कूल की लंबी छुट्टियाँ भी! अब ऐसे त्योहार का भला किसे इंतजार नहीं रहेगा! क्या बच्चे, क्या बड़े सभी दीपावली का बेसब्री से इंतजार करते हैं। दीपावली का अर्थ है – दीपों की पंक्ति। माना जाता है कि इस दिन अयोध्या के राजा श्री रामचंद्र चौदह बरस के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे। लोगों ने अपने राजा के स्वागत में घी के दीपक जलाए थे। उस समय अमावस्या की अँधेरी रात दीयों की रोशनी से जगमगा उठी थी। तब से आज तक यह त्योहार कार्तिक मास की अमावस्या को उसी उमंग, उसी जोश के साथ मनाया जाता है।

दीपावली कई दिनों तक मनाया जाने वाला त्योहार है। दशहरे के बाद से ही इसकी तैयारियाँ शुरू होने लगती हैं। घरों और दुकानों की साफ-सफाई, और रँगाई-पुताई की जाती है। यहाँ तक कि गली-मोहल्लों में भी रंग-बिरंगी झालरों से सजावट की जाती है। लोग नए कपड़े खरीदते हैं। घरों में मिठाइयाँ और पकवान बनाए जाते हैं।

दीपावली से दो दिन पहले धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन घर में एक दीया जलाया जाता है और बर्तन खरीदे जाते हैं। इसके अगले दिन छोटी दीपावली मनाई जाती है। इस दिन भी खूब रोशनी की जाती है और बड़ी दीपावली की सारी तैयारियाँ पूरी कर ली जाती हैं।


अगले दिन यानी बड़ी दीपावली को सुबह से ही लोग अपने मित्रों और, रिश्तेदारों के घर मिठाइयाँ और पकवान लेकर शुभकामनाएँ देने जाने लगते हैं। शाम को माँ लक्ष्मी और गणेशजी की पूजा की जाती है। सभी घर, गलियाँ और बाजार दीयों, मोमबत्तियों और रंगीन बल्बों से जगमगा उठते हैं। भले ही देश के अलग-अलग राज्यों में इसे अलग-अलग तरह से मनाया जाता हो, पर यह हर जगह खुशियाँ लेकर आता है।

Essay on Diwali in Hindi 300 Words

भारत त्यौहारों का देश है और दिवाली भारत में हिन्दुओं द्वारा मनाया जाने वाला सबसे बड़ा त्योहार है। यह त्यौहार प्रतिवर्ष कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है। दीपों का खास पर्व होने के कारण इसे दीपावली या दिवाली नाम दिया गया है। दीपावली का मतलब होता है, दीपों की अवली यानि पंक्ति। दिवाली दशहरा के 20 दिन बाद अक्टूबर या नवंबर महीने में मनाया जाता है। दशहरे के बाद से ही घरों में दिवाली की तयारियाँ शुरू हो जाती है। इस दिन ही अयोध्या के राजा श्री राम ने लंका के अत्याचारी राजा रावण का नाश कर और चौदह वर्ष का वनवास काटकर सीता, लक्ष्मण सहित अयोध्या वापस लौटकर आये थे। उनकी विजय और आगमन की खुशी में अयोध्यावासियों ने पूरे नगर को घी के दीयों से प्रकाशित कर दिया था। उस दिन से ही प्रत्येक वर्ष भारतवासी इस दिन दीप जलाकर अपना हार्दिक हर्षोउल्लास प्रकट करते हैं और एक दूसरे को मिठाईया खिलाकर अपनी प्रसन्ता जाहिर करते है।

दिवाली से कुछ दिन पहले से ही घर, दुकान और कार्यालय की साफ़ – सफाई की जाती है क्यूंकि ऐसा माना जाता है कि दिवाली के दिन अपने घर, दुकान, और कार्यालय आदि में सफाई रखने से उस स्थान पर लक्ष्मी माता का प्रवेश होता है। इस दिन सभी लोग खास तौर से बच्चे उपहार, मिठाईयां, पटाखे और नये कपड़े बाजार से खरीदते हैं। दिवाली के दिन घर, दुकान, कार्यालय में लक्ष्मी और गणेश पूजा की जाती है। पूजा संपन्न होने के बाद सभी एक दूसरे को प्रसाद और उपहार बाँटते हैं तथा साथ ही ईश्वर से अपने जीवन और दूसरों की खुशियों की कामना करते हैं। शाम के समय सभी अपने घर में पूजा करने के बाद घरों को दीयों से सजाते हैं और अंत में पटाखों और विभिन्न खेलों से सभी दिवाली की मस्ती में डूब जाते है।

दिवाली सभी के लिये एक महत्वपूर्ण उत्सव है क्योंकि यह लोगों के लिये खुशी और आशीर्वाद लेकर आता है। इसी दिन लोग बुरी आदतों को छोड़कर अच्छी आदतों को अपनाते हैं। इस दिवाली के साथ ही बुराई पर अच्छाई की जीत के साथ ही नए सत्र की शुरुआत भी होती है। सभी भारतीयों के लिए दिवाली एक प्रिय त्यौहार है।

Essay on Diwali in Hindi 350 Words

भारत त्योहारों की भूमि के रूप में जाने वाला महान देश है। यहाँ प्रसिद्ध और सबसे ज्यादा मनाया जाने वाले त्योहारों में से एक दीवाली या दीपावली है। दीवाली हिंदुओं का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो देश भर में और साथ ही देश के बाहर हर साल मनाया जा रहा है। यह रोशनी का त्योहार है, जो कि लक्ष्मी के घर आने और बुराई से सच्चाई की जीत का प्रतीक है। यह तब मनाया जाता है, जब 14 वर्ष के वनवास के बाद भगवान राम, सीता और लक्ष्मण अयोध्या लौटे थे और अयोध्या के लोगों ने उनका तेल का दीपक जलाकर स्वागत किया था। यही कारण है कि इसे ‘प्रकाश का महोत्सव’ कहा जाता है। इस दिन भगवान राम ने लंका के राक्षस राजा, रावण को मार डाला ताकि पृथ्वी को बुरी गतिविधियों से बचाया जा सके। यह हिन्दू कैलेंडर द्वारा हर साल कार्तिक के महीने की अमावस्या पर मनाया जाता हैं। दीवाली के दिन हर कोई खुश होता है और एक दसरे को बधाई देता है। लक्ष्मी का स्वागत करने के लिए लोग अपने घरों कार्यालयों और दुकानों को साफ करते हैं और सफेदी भी करवाते है, वे अपने घरों को सजाते हैं, और दीपक जलाकर माता लक्ष्मी का स्वागत करते है।

दिवाली के त्योहार में पांच दिन का जश्न है जिसे आनंद और प्रसन्नता के साथ मनाया जाता है। दिवाली का पहला दिन धनतेरस के रूप में जाना जाता है, दूसरे दिन नारका चतुर्दशी या छोटी दिवाली है, तीसरी दिन मुख्य दीवाली या लक्ष्मी पूजा है,चौथे दिन गोवर्धन पूजा है और पांचवे दिन भैया दौज है। दिवाली समारोह के पांच दिनों में से प्रत्येक का अपना धार्मिक और सांस्कृतिक विश्वास है। दिवाली त्योहार पूरे देश का त्योहार है। यह हमारे देश के प्रत्येक नुक्कड़ और कोने में मनाया जाता है। इस प्रकार यह त्यौहार भी लोगों के बीच एकता की भावना पैदा करता है। यह एकता का प्रतीक बन गया है। भारत इस त्यौहार को हजारों सालों से मना रहा है और आज भी इसे जश्न और उल्लास के साथ मनाया जाता है, जो ऐतिहासिक और धार्मिक दोनों है।

Essay on Diwali in Hindi 400 Words

दीपावली बच्चो का सबसे मन-पसंदिदा त्यौहार है। यह उन्हें पटाके चलने के साथ साथ जश्न मानाने का भी मौका देता है। दीपावली के साथ जुडी बहुत कहानिया है। दीपावली का त्यौहार भगवान राम व पत्नी सीता और उनके भाई लक्ष्मण का 14 वर्षो के बनवास काटने के बाद उनकी वापसी के सम्मान के रूप में मानते हैं। ऐसा कहा जाता है की प्रभु श्री राम ने लंका-पति रावण को मर जब अयोध्या में वापिसी की थी, इसी ख़ुशी में प्रभु के स्वागत के लिए दीपवाली मनाई जाती है। विष्णु के “वामन” अवतार द्वारा महाबली चाकुरवर्ती की हार भी इसी दिन हुई थी।

दीवाली से एक दिन पहले नरक चतुदर्शी का त्यौहार होता है जिसे लोग अगले दिन दीप और पटाखों के साथ इस अवसर को मनाते है। दिवाली का अर्थ ही दीपों की पंक्तियां है। दिवाली सिर्फ हिंदुओं का ही नहीं बल्कि जैन और सिख लोग भी इसे अपने-अपने कारन इस त्यौहार को मनाते हैं। जैन:ओ के आखिरी देवता वर्धमान महावीर का निर्माण भी इसी दिन हुआ था। इस दिन पर लोग धन की देवी माँ लक्ष्मी देवी जी की पूजा करते हैं। माना जाता है कि इसे जिन माता लक्ष्मी अपने भक्तों को दर्शन देती हैं। दरअसल दिवाली का दूसरा नाम ही लक्ष्मी पूजा है। मारवाड़ी लोक भी इसी दिन माँ लक्ष्मी पूजा को बहुत महत्व देते हैं, यहां तक कि उनका नया साल की दिवाली के साथ ही शुरू होता है।

दिवाली के दिन सभी सुबह जल्दी उठकर स्नान करके, नए कपड़े पहनते हैं, स्वादिष्ट मिठाई के साथ अपना दिन बताते हैं। घर में छोटे-बड़े श्रद्धा के साथ लक्ष्मी जी की पूजा करते हैं। सूर्यास्त में दीपक जलाते हैं और पटाखे भी फोड़ते हैं। अमृत की अंधेरी रात में दीपावली पर जलाया दीपक चमक उठता है। दिवाली पर आतिशबाजी सर्दियों की ठंडक कम कर देती है। दिवाली की रात जैसे ही गाढ़ी हो जाती है और पटाखों का शोर कम हो जाता है, अगले वर्ष तक रहने वाली खुशियां लिपटकर बच्चे अपने बिस्तर पर सो जाते हैं।

Essay on Diwali in Hindi 450 Words

दिवाली हिन्दुओं का एक प्रसिद्ध त्यौहार है। दीपावली को दीपों का त्यौहार भी कहा जाता है। इस दिन लोग अपने घरों पर मोमबत्तियों और दीपकों की कतार लगा देते है। यह त्यौहार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को पूरे भारत में बड़ी धूमधाम और उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह त्यौहार विशेष रूप से पांच दिन तक होता है। पहले दिन धनतेरस के रूप में जाना जाता है, जिसे देवी लक्ष्मी की पूजा करके मनाया जाता है। दूसरे दिन नरका चतुर्दशी या छोटी दिवाली के रूप में जाना जाता है, जिसे भगवान कृष्ण की पूजा करके मनाया जाता है। तीसरे दिन मुख्य दिवाली दिवस के रूप में जाना जाता है जिसे देवी लक्ष्मी की पूजा करके मनाया जाता है।

चौथे दिन भगवान कृष्ण की पूजा करके गोवर्धन पूजा के रूप में जाना जाता है। लोग अपने दरवाजे पर पूजा करके गोबर के गोवर्धन बनाते हैं। पांचवें दिन यम द्वितिया या भाई दौज के रूप में जाना जाता है। जिसे भाइयों और बहनों द्वारा मनाया जाता है। दिवाली पर दीपों, मोमबत्तियों और बिजली के बल्बों से इतनी रौशनी की जाती है की अमावस्या की रात पूर्णिमा की रात जैसे जगमगाती है। कहा जाता है की इस दिन श्रीराम 14 साल बनवास काटकर तथा रावण का वध कर, सीता और लक्ष्मण के साथ अयोध्या लौटे थे। इसके आने की खुशी में अयोध्या के लोगों ने दिये जलाये थे। साथ ही हर घर मिठाईयां बाँटी थी। इसीलिए दिवाली को बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक भी माना जाता है।

ऐसा माना जाता है कि इस दिन अपने घर, दुकान, और कार्यालय आदि में साफ-सफाई रखने से उस स्थान पर लक्ष्मी का प्रवेश होता है। दिवाली के दिन घरों को दीयो से सजाना और पटाखे फोडने का भी रिवाज है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन नई चीजों को खरीदने से घर में लक्ष्मी माता आती है। इस दिन सभी लोग खास तौर से बच्चे उपहार, पटाखे, मिठाइयां और नये कपडे बाजार से खरीदते है। शाम के समय, सभी अपने घर में लक्ष्मी आराधना करने के बाद घरों को रोशनी से सजाते है। पूजा संपन्न होने पर सभी एक दूसरे को प्रसाद और उपहार बाँटते है, साथ ही ईश्वर से जीवन में खुशियों की कामना करते है।

अंत में पटाखों और विभिन्न खेलों से सभी दीवाली की मस्ती में डूबा जाते है। दीपावली का त्योहार सभी के जीवन को खुशी प्रदान करता है। नया जीवन जीने का उत्साह प्रदान करता है। अंधकार पर प्रकाश की विजय का यह पर्व समाज में उल्लास, भाईचारे व प्रेम का संदेश फैलाता है। दीप जलते रहें मन से मन मिलते रहें, गिले शिकवे सारे मन से निकलते रहें, सारे विश्व मे सुख-शांति की प्रभात ले आये, ये दीपो का त्योहार खुशी की सौगात ले आये…

Essay on Diwali in Hindi 500 Words

जन-जन ने हैं दीप जलाए, लाखों और हज़ारों ही । धरती पर आकाश आ गया, सेना लिए सितारों की ।

भूमिका – ‘दीपावली’ का अर्थ होता है – ‘दीपों की आवली या पंकित’ यह त्यौहार कार्तिक मास की अमावस को मनाया जाता है । यह सब धर्मो का सबसे बड़ा त्यौहार है । इस दिन लोग अमावस की काली रात को असंख्य दीपक जलाकर पूर्णिमा में बदल देते हैं ।

इतिहास : इस त्योहार को मनाने के कारणों में सबसे प्रमुख कारण है इस दिन भगवान श्री राम लंका के राजा रावण को मारकर तथा वनवास के चौदह वर्ष पूरे कर सीता और लक्ष्मण सहित अयोध्या लोटे थे । उनके स्वागत में अयोध्यावासियों ने घी के दीये जलाये थे ।

जैन धर्म के प्रवर्तक महावीर स्वामी तथा आर्यसमाज के संस्थापक स्वामी दयानंद और अट्ठेत वेदान्त के संस्थापक स्वामी रामतीर्थ को इसी दिन निर्वाण प्राप्त हुआ था । सिक्ख भाई भी दीवाली को बड़े धूमधाम से मनाते है क्योंकि छठे गुरु हरगोबिंद सिंह जी 52 राजाओं को ग्वालियर की जेल से मुक्त करवाकर लाए थे । इन सबकी पवित्र याद में सब धर्मो के द्वारा यह दिन बड़े सम्मान से मनाया जाता है । दीपावली से दो दिन पूर्व ” धनतेरस’ मनाई जाती है । इस दिन लोग नए बर्तन खरीदना शुभ मानते हैं । अगले दिन चौदस के घरों का कूड़ा-कर्कट बाहर निकाला जाता है और छोटी दीवाली मनाई जाती है क्योंकि इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने नरकासुर का वध किया था ।

मनाते की तैयारी : दीपावली है कुछ दिन पहले ही लोग घरों की लिपाई-पुताई करवा कर उन्हें चमकाना शुरू कर देते हैं घर, बाजार सजाना शुरू कर देते हैं । मिठाइयाँ, पटाखे और सजावट की वस्तुओं से बाजार भर जाते हैं ।

” होली लाईं पूरी, दीवाली लाई भात । “

मनाने का ढंग : अमावस्या के दिन दीवाली मनाई जाती है । घरों में रोशनी की जाती है । रात को लश्मी-पूजा की जाती है । सगे-संबंधियों और मित्रों को मिठाइयाँ तथा उपहार भेजे जाते है । बच्चे बम तथा पटाखे चलाते हैं । व्यापारी लोग लक्षमी-पूता के बद नये बही-खाते शुरू करते हैं । अमृतसर की दीवाली की शोभा अनोखी होती है ।

दिवाली पूरे वातावरण में उमंग, उल्लास, उत्साह और नवीनता का संचार करती है ।

संदेश : यह त्यौहार हमे अंधेरे पर प्रकाश की विजय और बुराई पर अच्छाई की जीत की प्रेरणा देता है । कहीं-कहीं पटाखों को लापरवाही से चलाते समय बच्चों के हाथ-पाँव जल जाते है । ‘ अहिंसा परमो धर्म: ‘ का पालन करते हुए अधिकार जैन लोग पटाखे नहीं चलाते ताकि जीव हत्या न हो । ऐसा करने से धन की हानि पर भी अंकुश लगता है ।

उपसंहार : जिन महापुरषों की याद में यह दीपावली पर्व मनाया जाता है, हमें उनके आदर्शो पर चलना चाहिए। यह त्योहार सबके मनों में ज्ञान का उजाला भरे इसी शुभेच्छा के साथ हमें इसे मनाना चाहिए।

Essay on Diwali in Hindi 700 Words

आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी ने एक स्थान पर लिखा है: “दीपावली प्रकाश का पर्व है। इस दिन जिस लक्ष्मी की पूजा होती है, वह गरुड़वाहिनी है; शक्ति, सेवा और गतिशीलता उसके मुख्य गुण हैं। प्रकाश और अंधकार का नियत विरोध है। अमावस्या की रात को प्रयत्नपूर्वक लाख-लाख प्रदीपों को जलाकर हम लक्ष्मी के उलुकवाहिनी रूप की नहीं, गरुड़वाहिनी रूप की उपासना करते हैं। हम अंधकार का समाज से बटकर रहने की स्वार्थपरता का प्रयत्नपूर्वक प्रत्याख्यान करते हैं और प्रकाश का, समाजिकता का और सेवावृत्ति का आह्वान करते हैं। हमें भूलना नहीं चाहिए कि यह उपासना ज्ञान द्वारा चालित और क्रिया द्वारा अनुगमित होकर ही सार्थक होती है।

”सर्वध्या दया महालक्ष्मी स्त्रिगुणा परमेश्वरी।

लक्ष्यातिलक्ष्य स्वरूपा सा व्याप्य कुत्स्नं व्यवस्थिता ।।”

अर्थात् दीपावली प्रकाश का त्योहार है। यह घने अंधकार को दूर भगाने वाले उज्ज्वल प्रकाश का त्योहार। यह मानव-मन की साम्यवादिता और पवित्रता का त्योहार है। हमारा मन परस्पर अंधी और जाग्रत दोनों ही प्रकार की वृत्तियों से युक्त होता है और ये ही दोनों हमारे सम्पूर्ण जीवन को प्रभावित करती हैं। जिस व्यक्ति में अंधी वृत्तियों का दबाव ज्यादा होता है, वह व्यक्ति अपने जीवन में जिस-जिस प्रकार के कार्यों को संपन्न करता है उन्हें प्रायः असामाजिक और कुकृत्य कहकर संज्ञानित किया जाता है। किन्तु जिस व्यक्ति में जाग्रत वृत्तियों का बाहुल्य होता है वह व्यक्ति अपने सम्पूर्ण जीवन में जितनी भी कार्यों को संपन्न करता है उन्हें सम्पूर्ण समाज पूरी हार्दिकता के साथ न केवल सम्मानीय स्थान प्रदान करता है, अपितु उन्हें सम्पूर्ण समाज का अनुकरणीय प्रतिमान के रूप में भी स्थापित करता है। दीपावली एक ऐसा ही त्योहार है जो मानव-मन की सात्विक वृत्तियों को प्रेरित, पोषित और पल्लवित करता है। वह हममें अनेकानेक ऐसे जीवन-संकल्पों को जाग्रत कराती है जो न केवल हमारे व्यक्तिगत, मनुष्योचित-विकास के प्रधान कारक होते हैं बल्कि सम्पूर्ण समाज के समुचित उन्नयन के कारक भी होते हैं।

दीपावली भारत का एक अति प्राचीन त्योहार है। कहा जाता है कि ये त्योहार महात्मा बुद्ध के समय में और गुप्तकाल में भी इसी भांति मनाया जाता था, जिस प्रकार इसे आज मनाया जाता है। दीपावली का ऐतिहासिक, पौराणिक और सांस्कृतिक महत्व भारतीयों के लिए बहुत अधिक है। उनकी आन्तरिक भावनाएं और आस्थाएं इस पर्व से पूर्णत: मिली और घुली हुई हैं।

दीपावली का पर्व जिस गहरे उत्साह और जोश के साथ मनाया जाता है उससे हम सभी लोग परिचित हैं। इस अवसर पर प्रत्येक भांति की स्वच्छता का पूरा ध्यान रखा जाता है। घरों की सफाई आदि व्यापक स्तर पर हम लोगों ने इस अवसर पर ही होती हुई देखी हैं। हम सभी लोग साफ-सुथरे वस्त्र और अन्य भांति के अनेक प्रसाधन धारण करते हैं। इस अवसर पर नाना भांति के खाद्य पदार्थ और व्यंजन तैयार किए जाते हैं। सबसे महत्वपूर्ण यह है कि इस दिन शाम को हर घर में लक्ष्मी जी की पूजा होती है ताकि प्रत्येक प्रकार की अभावग्रस्तता से हम मुक्त हो सके।

किन्तु इस व्यापक पर्व का जो सामाजिक-महत्व है उसे अत्यंत उच्चतर श्रेणी का कहा जा सकता है। द्विवेदी जी ने इसे रेखांकित करते हुए लिखा है: “आज से हजारों वर्ष पहले मनुष्य ने निश्चय किया था कि वह दरिद्रता की अवस्था में नहीं रहेगा, वह सामाजिक रूप में समृद्ध रहेगा। एक व्यक्ति नहीं, एक परिवार नहीं, एक जाति भी नहीं, बल्कि समूचा मानव समाज समृद्धि चाहता है, अदारिद्र्य चाहता है, अभावों का अन्त चाहता है, उल्लास और उमंग चाहता है दीपावली का उत्सव उसी सामाजिक मंगलेच्छा का दृश्यमान मूर्तरूप है।” अर्थात यह त्योहार एक सामान्य प्रकार का उत्सव न होकर एक अति विशिष्ट उद्देश्य और लक्ष्य से प्रेरित उत्सव है। यह पर्व समूची मानव-जाति की शुभेच्छा चाहने वाला और उस शुभेच्छा को प्राप्त करने हेतु गतिशीलता प्रदान करने वाला पर्व है।

अन्त में कहा जा सकता है कि दीपावली मात्र मनोरंजन आदि का पर्व नहीं अपितु, वह समस्त मानव सभ्यता के मूल में गतिशील रही उस जिजीविषा का पर्व है जो उसे निरन्तर मंगल की ओर, प्रकाश की ओर, हार्दिकता और मनुष्यता की ओर गतिशील बने रहने का संदेश देता है।

Essay on Diwali in Hindi 1000 Words

रूपरेखा : दीपावली का महत्त्व, दीपावली की तैयारी, दीपावली मनाने के विविध कारण, सजे-धजे बाज़ार, मनाने की विधि, लक्ष्मी पूजन का महत्त्व, गोवर्धन और भैयादूज, कतिपय कुरीतियों का समावेश और उनका निवारण, दीपावली का संदेश, उपसंहार।

दीपावली दीपों का त्योहार है। प्रकाश का त्योहार है। सुख-समृधि का त्योहार है। हर्ष-विनोद का त्योहार है। प्यार-प्रीति और उल्लास का त्योहार है। मनुष्य ने ईश्वर से सदैव अँधेरे से उजाले की ओर ले जाने की प्रार्थना की है -“तमसो मा ज्योतिर्गमय – हे प्रभु! हमें अंधकार से प्रकाश की ओर ले चलो।” यह अंधकार अज्ञान का है, अभाव का है, दीन-हीनता और गरीबी का है, आपसी वैरभाव और मनमुटाव का है। दीपावली के दिन दीप जलाकर हम जैसे संपूर्ण मानवजाति को इन सबसे मुक्त करने की कामना करते हैं, ज्ञान का प्रकाश फैलाने का संकल्प लेते हैं और गा उठते हैं – जगमग जगमग दीप जल उठे, चमक उठी है रजनी काली।

सारे भारत में शरद ऋतु में दीपावली का त्योहार किसी-न-किसी रूप में बड़े उत्साह से मनाया जाता है। कई सप्ताह पहले से ही इस त्योहार की तैयारी आरंभ हो जाती है। सभी लोग अपने घरों की सफ़ाई करते हैं। वर्षाकाल में मकानों के अंदर और बाहर जो गंदगी इकट्ठी हो जाती है, उसे निकाल दिया जाता है। मकानों की रँगाई और पुताई की जाती है, सड़कों और गलियों की विशेष सफ़ाई कराई जाती है। दुकानदार अपनी दुकानों की सफ़ाई कराकर उन्हें आकर्षक ढंग से सजाते हैं। त्योहार के समय सभी ग्राम तथा नगर बड़े ही साफ़-सुथरे दिखाई देते हैं। इसलिए हम दीपावाली को स्वच्छता का त्योहार भी कह सकते हैं।

दीपावली हमारे देश का बहुत प्राचीन त्योहार है। कहा जाता है कि दीपावली के दिन श्री रामचंद्र जी चौदह वर्ष का वनवास पूरा करके अयोध्या लौटे थे। इसलिए अयोध्यावासियों का हृदय उल्लास से भरा हुआ था। विजयी राम के स्वागत में अयोध्या नगर के निवासियों ने नगर की दीपमालाओं से सजाया था। तभी से दीपावली का त्योहार प्रतिवर्ष मनाया जाने लगा।

यह सुख-समृद्धि का त्योहार है। कृषि प्रधान देश में खरीफ़ की फ़सल इस समय तक कटकर घर में आ जाती है। घर अन्न से भर जाते हैं और लोग हर्षपूर्वक दीपावली मनाकर समृधि की देवी लक्ष्मी का पूजन करते हैं।

दीपावली का त्योहार वास्तव में प्रकाश और आनंद का पर्व है। इस अवसर पर घरों में तरह-तरह की मिठाइयाँ और पकवान बनते हैं। बाज़ार से खील, बतासे, मिठाइयाँ, खिलौने, लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियाँ आदि खरीदकर लाई जाती हैं। बच्चे पटाखे और विभिन्न प्रकार की आतिशबाज़ी खरीदते हैं। शहर की सड़कों पर और गली में आतिशबाज़ी की दुकानें पहले से लगी रहती हैं।

दीपावली का पर्व लगातार पाँच दिनों तक मनाया जाता है – धनतेरस से लेकर भैयादूज तक। दीपावली के दो दिन पूर्व धनतेरस होती है। यह भी दीपावली का ही अंग है। धनतेरस के दिन बाज़ार सजाए जाते हैं और वे दीपावली तक सजे रहते हैं। बरतनों की दुकानों की शोभा तो देखते ही बनती है। इस दिन प्रायः सभी हिंदू परिवारों में कोई छोटा या बड़ा बरतन अवश्य खरीदा जाता है। धनतेरस के अगले दिन छोटी दीपावली होती है। छोटी दीपावली पर भी लोग कुछ दीपक जलाकर अपना उल्लास प्रकट करते हैं।

दीपावली के दिन सायंकाल में लक्ष्मी और गणेश की पूजा की जाती है। दुकानदार अपनीअपनी दुकानों पर भी लक्ष्मी-गणेश का पूजन करते हैं। इस पूजन के बाद जगमगाते दीपकों से मकानों और दुकानों की सजावट की जाती है। चारों ओर बच्चे पटाखे छोड़ते हुए घूमते हैं। शहरों में बिजली की रोशनी से भी सजावट होती है। उस समय का दृश्य बड़ा ही मनोहारी होता है। अमावस्या के गहन अंधकार के बीच छोटे-छोटे दीपों की मालाएँ बहुत आकर्षक लगती हैं। जब बच्चे जी भरकर आतिशबाज़ी छोड़ लेते हैं और पटाखों का संग्रह समाप्त हो जाता है, तब वे घर जाकर प्रसाद, खील-बतासे और मिठाइयाँ खाते हैं। लोग अपने पड़ोसियों और संबंधियों के यहाँ उपहार के रूप में खील-बतासे, मिठाई-पकवान आदि भेजते हैं। देर रात तक चहल-पहल रहती है और पटाखों की आवाज़ गूंजती रहती है।

दीपावली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा की धूमधाम रहती है। इस दिन लोग अपनी पशु-संपदा की पूजा करते हैं। अनेक स्थानों पर गाय-बैलों को रंगों से अलंकृत भी किया जाता है। तीसरे दिन भैयादूज (भ्रातृ द्वितीया) का पर्व मनाया जाता है। भैयादूज के दिन बहनें अपने भाइयों को तिलक करती हैं। उन्हें मिठाई खिलाती हैं और उनके मंगलमय भविष्य की कामना करती हैं।

खेद की बात है कि इस पवित्र पर्व के साथ कुछ बुराइयाँ भी जुड़ गई हैं। आजकल खतरनाक ढंग से आतिशबाज़ी छोड़ने का रिवाज़ बहुत बढ़ गया है। इसके कारण प्रायः आग लग जाने की दुर्घटनाएँ हो जाती हैं। कभी-कभी बच्चे अपने हाथ-पैर आदि जला बैठते हैं। आतिशबाज़ी से प्रदूषण भी बहुत फैलता है। यदि बच्चे आतिशबाज़ी का प्रयोग करें भी तो हलकी-फुलकी आतिशबाज़ी का प्रयोग करें और बड़ों के निर्देशन में ही करें। यह प्रसन्नता की बात है कि अब धीरे-धीरे लोगों में आतिशबाज़ी के भयंकर परिणामों के प्रति चेतना जगने लगी है।

इस पर्व पर लोग जुआ भी खेलते हैं, जिसके कारण अनेक परिवार नष्ट हो जाते हैं। यह कुरीति दीपावली के अवसर पर जैसे भी आई हो, उचित नहीं है। शायद उल्लास के इस पर्व को मनाने की उमंग में यह दुष्प्रवृत्ति बढ़ती गई। इस कुरीति को बिलकुल ही समाप्त कर देने का संकल्प लेना चाहिए। अच्छा यह होगा कि दीपावली को हम प्रकाश का ही पर्व बना रहने दें। उसे अँधरे की ओर न ठेलें। धरती पर फैले सभी प्रकार के अँधेरे को मिटाने का संकल्प लें। इस कवि की गुहार भी सुनें – जलाओ दिये पर रहे ध्यान इतना, अँधेरा धरा पर कहीं रह न पाए।

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Diwali Essay in Hindi

by StoriesRevealers | Apr 30, 2020 | Essay in Hindi | 20 comments

Diwali Essay in Hindi

Diwali Essay in Hindi: दिवाली का अर्थ है रोशनी की श्रृंखला। दिवाली भारत में हिंदू धर्म के सदस्यों द्वारा मुख्य रूप से मनाई जाने वाला रोशनी का त्यौहार है, हालांकि सिखों और जैनियों जैसे कई अलग-अलग धर्मों में भी दीपावली का त्यौहार मनाया जाता हैं। यह त्यौहार साल में एक कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है 

दिवाली साल के सबसे प्रमुख आश्चर्यजनक समय में से एक है, और यह दीवाली निबंध आपको इस बात की अंतर्दृष्टि प्रदान कर सकता है कि इस त्योहार को क्या खास बनाता है। आइए जानते हें कि यह त्यौहार क्यों मनाया जाता हैं।

जब भगवान राम सीता और लक्ष्मण के साथ अयोध्या पहुंचे तो गाँव वासियों ने श्री राम, सीता और लक्ष्मण के स्वागत के लिए दीये जलाए थें। जैन कहते हैं कि यह वह दिन था जब भगवान महावीर ने मोक्ष अर्जित किया था। वे इस तरह की प्राप्ति की खुशी में रोशनी दिखाते हैं। आर्य समाज के दयानंद सरस्वती ने भी इन दिनों निर्वाणा कि प्राप्त की थी।

Diwali Essay in Hindi

हिन्दू देवताओं का स्वागत करने के लिए, अपने घरों और दुकानों पर दीये जलातें हैं, जिससे उन्हें आने वाले वर्षों के लिए शुभकामनाएँ मिल सकें। और वह उन पर धन और भाग्य बरसाने की प्रार्थना करते हैं। लोग नए व्यवसाय शुरू करते हैं और एक सफल वर्ष के लिए प्रार्थना करते हैं। धन की देवी लक्ष्मी के स्वागत के लिए दीपक जलाए जाते हैं।

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पड़ोसी, परिवार के सदस्य और दोस्त एक साथ आते हैं और इस दिन का आनंद लेते हैं। बहुत सारे स्वादिष्ट व्यंजन तैयार किए जाते हैं। इस अवसर पर जलेबी, गुलाब जामुन, शंकर पाले, खीर, काजू बर्फी, सूजी हलवा, सबसे लोकप्रिय हैं। सभी घर रोशनी और रंगोलियों में बहुत आकर्षक लगते हैं। यह सब इस उत्सव को बहुत सुखद बनाता है।

रात में, लैंप, मोमबत्ती और बिजली के बल्बों के साथ अच्छी तरह से प्रकाशमान होते हैं। राहगीरों को आकर्षित करने के लिए मिठाई और खिलौनों की दुकानों को सजाया गया होता है। बाजारों और सड़कों पर भीड़भाड़ होती है। लोग अपने के लिए मिठाई खरीदते हैं और उन्हें अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को उपहार के रूप में भी भेजते हैं। इस दिन लक्ष्मी माता की पूजा की जाती है, वह चांदी के सिक्कों को चढाया जाता हैं। मानयता है कि इस दिन, लक्ष्मी केवल उन घरों में प्रवेश करती है जो साफ-सुथरे हैं। लोग अपने अच्छें स्वास्थ्य, धन और समृद्धि के लिए प्रार्थना करते हैं। 

रंगोलिस के साथ, पटाखे, नृत्य, और गानों का आयोजन होता हैं।, दिवाली के समय सभी आपकी पसंदीदा मिठाइयों को खाते हैं। और यह हिन्दुओं कि स्वागत परंपरा को प्रदर्शित करता है। दरअसल, दिवाली के सही मायने में आने से बहुत पहले मिठाई का आनंद लेना शुरू हो जाता है। दोस्तों, परिवार, पड़ोसियों और सहकर्मियों द्वारा पारंपरिक भारतीय मिठाइयों, जैसे बर्फी, लड्डू, पेडें, रसगुल्ले, ड्राई फ्रूट्स, और यहां तक कि चॉकलेट्स और ढेर सारे रंगबिरंगी व्यंजनों के शानदार पैकेजों का आदान-प्रदान होंना चालू हो जाता हैं।

नए वस्त्र पहने जाते हैं बच्चों और किशोरों ने अपने सबसे चमकदार और मन पसंद कपड़े पहने होते हैं। रात में, आतिशबाजी और पटाखे पलाये जाते हैं – आतिशबाजी की शानदार चमक अंधेरे, चांदनी रात में एक अति सुंदर दृश्य प्रस्तुत करती है।

भारत, नेपाल, त्रिनिदाद, श्रीलंका, मॉरीशस, सिंगापुर, गुयाना, सूरीनाम, फिजी, और मलेशिया में दिवाली की छुट्टी मनाई जाती है। दिवाली पर, भारतीय व्यवसायों के लिए हिंदी वर्ष शुरू होता है। दीवाली भारतीय फसल के मौसम का प्रतिनिधित्व करती है।

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दीवाली के लिए अनुष्ठान और व्यवस्था दिनों या हफ्तों से शुरू हो जाती है या अग्रिम होती है, जो कि दशहरे के त्योहार के ठिक बाद ही शुरू हो जाती है। आधिकारिक रूप से या औपचारिक रूप से यह त्योहार दीवाली की रात से दो दिन पहले शुरू होता है और दो दिन बाद समाप्त होता है। हर एक दिन के अलग रीति-रिवाज और रस्में होती हैं।

धनतेरस पर हिंदू सोना या चांदी या बर्तन लेना शुभ मानते हैं। यह माना जाता है कि यह एक शुभ मूल्य सौभाग्य का संकेत हो सकते हैं। लक्ष्मी पूजा शाम को होती है।

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दिवाली पर निबंध हिंदी में – Diwali Essay in Hindi

भारत और अन्य देशों में दीपावली बड़े ही धूम धाम से मनाया जाता हैं। यह भारत में मनाए जाने वाला सबसे बड़ा त्यौहार हैं। आज हम आपको इस पोस्ट में दीपावली (Diwali Essay in Hindi) के बारे में जानकारी देने वाले हैं, जैसे कि दीपावली क्यों मनाया जाता हैं, दीपावली का अर्थ क्या हैं, दीपावली कैसे मनाया जाता हैं, दीपावली के दिन क्या किया जाता हैं, दीपावली पर निबंध और बहुत कुछ बताने वाले हैं।

कई स्कूलों और कॉलेजों में छात्रों को दीपावली पर निबंध लिखने के लिए कहा जाता हैं। कई स्कूलों, कॉलेजों और अन्य जगहों पर दीवाली पर निबंध लिखने को लेकर प्रतियोगिता भी लिया जाता हैं, इसलिए बहुत सारे छात्र Diwali Essay in Hindi में खोजते हैं।

इसलिए हमने आपके लिए नीचे शार्ट निबंध और लोंग निबंध की जानकारी प्रदान की हैं, नीचे आप जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

Diwali Essay in Hindi – दिवाली निबंध हिंदी में

दिवाली पर निबंध (500 – 600 words essay).

भारत को त्योहारों का देश कहा जाता हैं, क्योंकि यहाँ सबसे ज्यादा त्यौहार मनाया जाता हैं। यहाँ बहुत सारे प्रमुख त्योहार हैं, जैसे होली, ईद, रक्षाबंधन, गणेश चतुर्थी, दसहरा, नवरात्रि और बहुत सारे त्यौहार मनाए जाते हैं, लेकिन दीपावली सबसे अधिक प्रमुख त्यौहार हैं।

दीपावली को दीपों का त्यौहार भी कहा जाता हैं। इस त्यौहार को भारत में ही नहीं, बल्कि पुरे देश में मनाया जाता हैं। दीपावली एक हिन्दू त्यौहार हैं, जो अच्छाई और जीत का प्रतीक हैं।

हिंदू ग्रंथ रामायण में बताया गया हैं, की जब श्री राम लंकापति रावण को पराजित करने के बाद, 14 साल वनवास काटने के बाद भगवान श्री राम अपने राज्य अयोध्या लौटे थे। इसी दिन अयोध्या में भगवान श्री राम के स्वागत के लिए दीपक जलाया गया था। इसी दिन से आज तक यह बड़े ही उत्साह के साथ दीपावली मनाया जाता हैं।

हिन्दू ग्रन्थ में यह भी बताया गया हैं, की इसी दिन देवी लक्ष्मी का जन्म हुआ था और इसी वजह से दीपावली पर लक्ष्मी जी की पूजा की जाती हैं। दीपावली के दिन हर घरों में शांति, धन और ऐश्वर्य की कामना की जाती हैं।

दीप जलाने की प्रथा कई अलग-अलग कारण और कहानियां जुड़ी हुई हैं। कहा जाता हैं कि इसी दिन श्री कृष्ण ने राजा नरकासुर का वध किया था।

दिवाली के कुछ दिन पहले से ही लोग अपने घरों को साफ करने में लग जाते हैं। दिवाली कार्तिक मास की अमावस्या के दिन मनाया जाता हैं, जो भारतीय कैलेंडर के अनुसार अक्टूबर या नवंबर महीने में पड़ता हैं।

दीपावली के पांच दिन पहले से ही लोग अपने घरों को सजाते हैं और उन्ही पांच दिनों में खाद्य पदार्थ जैसे कि बादाम दिप, मालपुए, चूरमे के लडू, गुलाब जामुन, चकली, करंजी और बहुत कुछ बनाया जाता हैं।

दीपावली के कुछ दिन पहले से ही बाजारों में भीड़ लग जाती हैं, क्योंकि बच्चों के लिए नए कपड़े, मिठाइयां, दिए, मोमबत्तियां, फटाके और बहुत कुछ ख़रीदारी की जाती हैं। इस दिन बजरों को खूबसूरती से सजा दिया जाता हैं।

दीपावली के दिन सबसे ज्यादा मिठाइयों के दुकानों में भीड़ लग जाती हैं, क्योंकि इस दिन रिश्तेदारों, दोस्तों, और अपने कामगारों को मिठाइयां दी जाती हैं। कामगारों को मिठाइयां के साथ साथ उपहार भी दिया जाता हैं।

दीपावली पांच दिन मनाया जाता हैं। पहले दिन धनतेरस मनाया जाता हैं। इस दिन लोग नए नए चीजों की खरीदारी करते हैं। इस दिन सबसे ज्यादा बर्तन की खरीदारी की जाती हैं, क्योंकि यह बहुत शुभ होता हैं। इस दिन लक्ष्मी देवी और श्री गणेश की पूजा की जाती हैं।

लोग लक्ष्मी देवी और श्री गणेश को खुश करने के लिए मन से आरती, मंत्र और भक्ति गीत गाए जाते हैं। दूसरे दिन छोटी दीवाली के रूप में मनाया जाता हैं। इस दिन भगवान श्री कृष्ण को खुश करने के लिए पूजा की जाती हैं, क्योंकि इस दिन उन्होंने राजा नरकासुर का वध किया था। तीसरे दिन दीपावली के रूप में मनाया जाता हैं।

इस दिन अपने दोस्तों, रिश्तेदारों, पड़ोसियों को मिठाई दी जाती हैं। इस दिन देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती हैं और लोगों को प्रसाद दिया जाता हैं। इस दिन बच्चे फटाके फोड़ते हैं और रात को सोते समय काजल लगते हैं।

चौथे दिन श्री कृष्ण की पूजा की जाती हैं और इसे गोवर्धन पूजा के रूप में मनाया जाता हैं। इस दिन लोग पूजा करके गोबर का गोवर्धन बनाया जाता हैं। पांचवे दिन भाइयों और बहानों का त्यौहार होता हैं, जो भाई दौज के रूप में मनाया जाता हैं। इस दिन बहन अपने भाइयों को आमंत्रित करके जश्न मनाया जाता हैं।

इसे भी पढ़े: प्रदूषण पर निबंध

दिवाली पर निबंध (300-400 Words Essay)

दिवाली एक बड़ा त्यौहार हैं, जो भारत में ही नहीं, बल्कि अन्य देशों में भी मनाया जाता हैं। भारत में कई त्यौहार मनाए जाते हैं, इसलिए भारत को त्यौहारों का देश भी कहा जाता हैं।

भारत में प्रमुख त्यौहार हैं, जैसे कि होली, ईद, रक्षाबंधन, दसहरा, नवरात्रि, गणेश चतुर्थी और बहुत सारे त्यौहार मनाए जाते हैं, लेकिन दीपावली का त्यौहार एक बड़ा त्यौहार हैं, जो खुशी और उल्लास के साथ मनाया जाता हैं।

छोटे छोटे बच्चे दीपावली आने का इंतजार करते हैं, क्योंकि बच्चों को मिठाइयां खाने और फटाके जलाने में बड़ा मजा आता हैं। दीपावली स्कूल, कॉलेज और दफ्तारों में मिठाइयां और उपहार दिया जाता हैं और इस त्यौहार को धूम धाम से मनाया जाता हैं।

ग्रन्थ रामायण में लिखा गया हैं कि भगवान श्री राम ने लंका में रावण को पराजित करके, देवी सीता को लेकर, 14 साल वनवास काटकर अयोध्या लौटे थे। उस दिन सभी लोगों ने खुशी से दिए जलाए थे।

उसी दिन से दीपावली बड़ी ही खुशी और उत्साह के साथ मनाया जाता हैं। दीपावली का त्योहार दशहरे के 21 दिन बाद अक्टूबर या नवंबर में मनाया जाता हैं, जो कार्तिक मास की आमवस्या के दिन मनाया जाता हैं। दीपावली के एक हफ्ते पहले से ही स्कूल, कॉलेज और दफ्तरों में साफ-सफाई की जाती हैं।

दिवाली पांच दिन मनाया जाता हैं। इस पांच दिनों में बाजारों में भीड़ लग जाती हैं। इस पांच दिनों में लोग बाजारों में खरीदारी करते हैं। बच्चो के लिए नए कपड़े, गेम्स, मिठाइयां, फटाके और बहुत कुछ खरीदारी की जाती हैं।

धनतेरस के दिन लोग नए नए सामान खरीदते हैं। इस दिन सबसे ज्यादा बर्तन की खरीदारी की जाती हैं। इस दिन सामान और देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती हैं। इस दिन मन से गीत, मंत्र, आरती और भक्ति गीत गई जाती हैं।

दीवाली के दिन लोग अपने दोस्तो, रिश्तेदारों और पड़ोसियों को मिठाई और उपहार दिया जाता हैं। इस दिन लक्ष्मी देवी और श्री गणेश की पूजा किया जाता हैं। इस दिन बच्चें बाहर निकल कर फटाके फोड़ते हैं। भारत में दीपावली सभी लोगों के लिए खुशियां लेकर आती हैं।

दिवाली पर निबंध (100-200 Words)

दिवाली सभी लोगों के लिए खुशियां लेकर आता हैं। भारत में विभिन्न धर्मों के लोग अपने अपने त्यौहार को अपनी परंपरा के अनुसार मनाते हैं। भारत में सबसे ज़्यादा त्यौहार मनाया जाता हैं, इसलिए इसे त्यौहारों का देश कहा जाता हैं।

यहाँ प्रमुख त्यौहार मनाए जाते हैं, लेकिन दीपावली प्रमुख त्यौहार हैं। दीपावली संस्कृत के दो शब्दों से मिल कर बनता हैं, दिप + आवली। दिप का अर्थ ‘दीपक’ और ‘आवली’ का अर्थ ‘लाइन’ या ‘श्रृंखला’ होता हैं, जिसका अर्थ “दीपों से सजा” होता हैं।

दीपावली को रोशनी का त्यौहार कहा जाता हैं, क्योंकि पूरा देश दीपों से सजा होता हैं। दिवाली का त्यौहार दशहरे के 21 दिन बाद मनाया जाता हैं। दशहरे के बाद से ही लोग दीपावली की तैयारी में लग जाते हैं।

स्कूल, कॉलेज और दफ्तारों में साफ-सफाई की जाती हैं। दीपावली के दिन बच्चें और बड़े सभी लोग नए कपड़े पहनते हैं।

इस दिन घरों के बाहर सुंदर सुंदर रंगोली बनाते हैं। इस दिन श्री गणेश और देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती हैं। इस दिन बच्चें मिठाइयां खाते हैं और फटाके जलाते हैं। इस दिन आतिशबाजी और फाटकों की आवाजों से पूरा आकाश गूंज उठता हैं।

Diwali Essay – Information About Diwali in Hindi

मुझे उम्मीद हैं कि आपको मेरी यह लेख  Diwali Essay in Hindi  की जानकारी पसंद आई होगी। हमें आशा हैं की  Information About Diwali in Hindi  पढ़कर आपको दिवाली त्यौहार की जानकारी मिल गई हैं।

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Essay On Diwali In Hindi (100, 200, 300, 500, 700, 1000 Words)

दीपावली निबंध 1 (100 शब्द) :.

हम भारत देश में रहते हैं जिसे अपने सौंदर्य और त्यौहारों की वजह से जाना जाता है इन्हीं में से एक त्यौहार दीपावली होता है। इस दिन को भगवान राम की रावण पर अथार्त ज्ञान की अज्ञान पर जीत के रूप में मनाया जाता है। दीपावली को सर्दियों के समय अक्तूबर या नवंबर में कार्तिक मांस की अमावस्या के दिन बहुत ही धूम-धाम से मनाया जाता है।

इस दिन भगवान श्री राम राक्षस रावण का वध करके और 14 वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या वापस आये थे जिसकी खुशी में अयोध्यावासियों ने घी के दीप जलाए थे। दीपावली के आने से कुछ दिनों पहले से ही लोग अपने-अपने घरों की साफ-सफाई करने लगते हैं और अपने घर को पूरी तरह से पवित्र कर देते हैं।

इस दिन सभी लोग नए-नए कपड़े पहनकर घरों में लक्ष्मी पूजन करते हैं जिसके बाद सभी लोग मिठाईयां बांटते हैं और पटाखे जलाते हैं। हर घर में अलग-अलग तरह के व्यंजन और पकवान बनाए जाते हैं। इस दिन बहुत से लोग शराब पीते हैं, जुआ खेलते हैं, लड़ाई-झगड़ा करते हैं जिसकी वजह से पर्यावरण भी दूषित होने लगता है जो अच्छी बात नहीं है।

दीपावली निबंध 2 (200 शब्द) :

हम भारत देश में रहते हैं जिसे अलग-अलग धर्मों में एकता, संस्कृति, रीति-रिवाजों और अलग-अलग उत्सवों की वजह से जाना जाता है। भारत देश में सभी धर्मों के त्यौहारों को महत्व दिया जाता है जिस प्रकार हिंदुओं के पर्व दीपावली को महत्व दिया जाता है। दीपावली त्यौहार को कार्तिक मांस की अमावस्या के दिन मनाया जाता है क्योंकि इसी दिन भगवान श्री राम 14 वर्ष का वनवास काटकर अपने देश अयोध्या लौटे थे।

श्री राम के आने की खुशी में लोगों ने दिए जलाकर पूरी अयोध्या नगरी को जगमगा दिया था। दीपावली का अर्थ होता है दीपों की पंक्ति जिसमें दीयों को एक पंक्ति में जलाया जाता है। इस दिन के महत्व के रूप में लोग यह कहते हैं कि अगर इस दिन घरों, दुकानों और कार्यालयों की अच्छी तरह से साफ-सफाई की जाए तो लक्ष्मी जी का प्रवेश होता है।

इस दिन को बेहतर बनाने के लिए लोग नए कपड़े, पटाखे, बर्तन, साज-सज्जा के सामान खरीदते हैं। दीपावली के दिन लोग नए कपड़े पहनकर सबसे पहले लक्ष्मी पूजन करते हैं जिसके बाद सभी लोग आपस में गले मिलते हैं और मिठाईयां बांटते हैं। बच्चे पटाखे जलाकर अपनी खुशी व्यक्त करते हैं। इस तरह से ओग भगवान श्री राम के प्रति अपनी खुशी और प्रसन्नता प्रकट करते हैं।

दीपावली निबंध 3 (300 शब्द) :

भूमिका : भारत में सभी धर्मों का बहुत महत्व है लेकिन हिन्दू धर्म की दीपावली को सभी धर्मों में बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है। दीपावली को सिर्फ भारत देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी बहुत ही उत्साह और महत्व के साथ मनाया जाता है।

इस दिन को इतना महत्व भगवान श्री राम की रावण पर और अच्छाई की बुराई पर जीत की वजह से मिला है। जिस दिन भगवान श्री राम 14 वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या वापस लौटे थे तो अयोध्यावासियों ने रात को दिन में बदलने के लिए दिए जलाए थे जिसकी वजह से पूरी अयोध्या जगमगाने लगी थी इसलिए इस दिन को सभी लोग दीपावली के रूप में मनाते हैं।

लक्ष्मी पूजन : दीपावली आने की खुशी में लोग अपने घरों, कार्यालयों, दुकानों और कारखानों में अच्छी तरह से साफ-सफाई करते हैं जिससे उनके जीवन के हर अँधेरे को दूर करने के लिए लक्ष्मी जी उनके जीवन में प्रवेश करें। रात के समय लोग नहा-धोकर नए कपड़े पहनते हैं जिसके बाद समय के साथ लक्ष्मी पूजन करके गणेश, लक्ष्मी और सरस्वती जी को याद किया जाता है।

दीपावली के दिन सभी लोग बहुत से मजेदार खेल खेलते हैं, स्वादिष्ट व्यंजन खाते हैं और पटाखे जलाकर इस दिन को बहुत ही खास बना देते हैं। इस दिन सभी जगहों चाहे वह सरकारी कार्यालय हो या सडक सभी को साफ करके अच्छी तरह से सजाया जाता है। इस दिन सभी लोग दिए, मोमबत्ती, लड़ी लगाकर अपने घरों को सजाते हैं। इस दिन लोग एक-दूसरे को उपहार देते हैं, मिठाईयां खिलाते हैं और दीपावली की बधाई देते हैं।

उपसंहार : कोई भी त्यौहार उस देश का इतिहास होता है ठीक उसी तरह से भारत का एक इतिहास को दीपावली त्यौहार के रूप में हर साल याद किया जाता है। इसे भारत में एकता के रूप में देखा जाता है। दीपों के त्यौहार को दीपावली को अलग-अलग नामों से जाना जाता है जो बहुत ही आनंद और उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह त्यौहार इतना पवित्र और महत्व वाला होता है कि किसी भी व्यक्ति को न्य जीवन जीने के लिए उत्साह प्रदान करता है।

दीपावली निबंध 4 (400 शब्द) :

भूमिका : दीपावली एक ऐसा त्यौहार है जिसे भारत के साथ-साथ बहुत से अन्य देशों में भी मनाया जाता है जहाँ पर भी भारतीय लोग रहते हैं। जब कोई व्यक्ति अपने अज्ञान रूपी अंधकार को हटाकर उसपर ज्ञान रूपी उजाले को प्रज्ज्वलित करता है तो उसे एक बहुत ही असीम और आलौकिक आनंद का अनुभव होता है।

दीपावली भी इसी तरह का त्यौहार है क्योंकि इस दिन भगवान श्री राम अथार्त ज्ञान ने रावण रूपी अज्ञान को पराजित किया था। राम जी के वनवास से वापसी के लिए लोगों ने पूरी अयोध्या नगरी को फूलों, दीपों और रंगों से बहुत ही अच्छी तरह से सजाया था। जिसकी वजह से इसे दीपावली नाम दे दिया गया और हर साल मनाया जाने लगा।

दीपावली का इतिहास : दीपावली त्यौहार को अक्तूबर या नवंबर के महीने में कार्तिक मांस की अमावस्या के दिन मनाया जाता है क्योंकि इस दिन का हमारे भगवान श्री राम से बहुत ही गहरा संबंध है। इस दिन भगवान श्री राम ने लंकापति रावण को मारकर सीता माता को पुनः प्राप्त किया था।

सीता माता के साथ वनवास काटकर वापस लौटने की खुशी में उनकी प्रजा ने घी के दीए जलाकर अमावस्या की रात को पूर्णिमा में बदल दिया था। इस दिन लोगों ने पूरी अयोध्या नगरी को दुल्हन की तरह सजाया था और वहां के बाजारों में बहुत ही भीड़ थी क्योंकि श्री राम के वापस आने की खुशी में लोग मिठाईयां, कपड़े, खिलौने, पटाखे और उपहार खरीद रहे थे।

दीपावली का दिन : दीपावली का त्यौहार आने से कुछ दिनों पहले से ही लोग उत्साहित होने लगते हैं और अपने घरों और आसपास की साफ-सफाई करें ताकि उनके घर में किसी तरह की अशुद्धि न रह सके। इस दिन लोग बहुत ही खुश रहते हैं और एक-दूसरे को बधाई देते हैं।

इस दिन लोग अपने बच्चों के लिए खिलौने, मिठाईयां, बर्तन, कपड़े और पटाखे खरीदते हैं। इस दिन लोग अपने-अपने घरों और काम की जगहों को सजाते हैं। रात के समय लोग अपने-अपने घर में लक्ष्मी पूजन करते हैं जिसके बाद वे अपनी कला का भी प्रदर्शन करते हैं। इस दिन सभी लोग अपने आपसी द्वेष और क्लेश मिटाकर एक-दूसरे को गले लगाते हैं और मिठाईयां खिलाते हैं।

उपसंहार : दीपावली भारत में सभी धर्मों के द्वारा मनाया जाने वाला एक त्यौहार है क्योंकि यह सभी के लिए खुशी और आशीर्वाद लेकर आता है। इस त्यौहार की वजह से हर साल लोगों को बुराई पर अच्छाई की जीत का एक नया सत्र सीखने को मिलता है।

किसी भी तरह का पर्व हमें उसके भूत में ले जाता है और हम फिर से एक बार उसके पीछे के कारणों को याद कर पाते हैं। यह एक बहुत ही अच्छा तरीका होता है अपने पुराने समय या अपने देश के अतीत को स्मरण करने का।

दीपावली निबंध 5 (500 शब्द) :

भूमिका : भारत एक त्यौहारों का देश है जिसमें हर महीने कोई-न-कोई त्यौहार या जयंती मनायी जाती है लेकिन इन्हीं में से एक त्यौहार दीपावली होता है जो एक बहुत ही महत्वपूर्ण त्यौहार है। दीपावली त्यौहार के पीछे बहुत सी धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताएं हैं। इस त्यौहार को मनाने के पीछे एक बहुत ही खास कारण है जो भगवान श्री राम से संबंधित है।

इस दिन भगवान श्री राम ने असुर रावण का वध किया था और अपनी पत्नी सीता को रावण की कैद अथार्त लंका से आजाद कराया था। यह पर्व वर्षा ऋतू के जाने के बाद शीत ऋतू के शुरू होने की ओर संकेत करता है। इस त्यौहार को पांच दिनों तक मनाया जाता है जिसमें धनतेरस, छोटी दीपावली, बड़ी दीपावली, गौधन, भाई दूज आदि त्यौहार एक के बाद एक मनाए जाते हैं।

दीपावली का अर्थ : दीपावली दो शब्दों से मिलकर बना है जो संस्कृत से लिया गया है जिसका अर्थ होता है दीपों की पंक्ति या दीपों से सजी हुई पंक्ति। इस दिन बहुत सारे दीप और मोमबत्तियां जलाई जाती हैं जिसकी वजह से इस दिन को रौशनी का त्यौहार और दीपोत्सव भी कहा जाता है।

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इस दिन को मनाने के पीछे वैसे तो बहुत सारी कथाएं होती हैं लेकिन सबसे प्रमुख श्री राम चंद्र जी की असुर रावण पर जीत की कथा है। अमावस्या के दिन बहुत अधिक अँधेरा होता है जिसे दूर करने के लिए दीपों से घरों को सजाया जाता है और अँधेरे को दूर भगाया जाता है। दीपावली के दिन गणेश और लक्ष्मी पूजन किया जाता है जिससे घर में सुख-शांति का प्रवेश हो सके। इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने महारस लीला का आयोजन किया था जिसकी वजह से भी इस दिन का महत्व और भी बढ़ गया था।

दीपावली का महत्व : दीपावली को पूरे भारत में बहुत ही खुशी और धूम-धाम से मनाया जाता है। इस दिन को अंधकार पर प्रकाश, बुराई पर अच्छाई, अज्ञान पर ज्ञान की जीत के रूप में मनाया जाता है।

इस दिन को सभी लोगों के द्वारा बहुत ही सुंदर और पारंपरिक तरीके से मनाया जाता है जिसका भारत की आर्थिक दृष्टि से बहुत महत्व होता है क्योंकि दीपावली के त्यौहार पर लोग खिलौने, बर्तन, सोना, आभूषण, मिठाईयां, कपड़े आदि की खरीददारी करते हैं और पैसा खर्च करते हैं जिसकी वजह से भारत को भी बहुत लाभ होता है।

इस दिन का महत्व राम, पांडव आदि की वजह से बढ़ जाता है। आज के दिन गणेश, लक्ष्मी और सरस्वती जी की पूजा की जाती है क्योंकि आज के ही दिन समुद्र मंथन हुआ था जिसमें लक्ष्मी जी का जन्म हुआ था जिसकी वजह से आज के दिन लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है।

बच्चों की दीपावली : दीपावली त्यौहार का नाम सुनते ही बच्चों के चेहरे खुशी से झूमने लगते हैं। सभी बच्चे इस त्यौहार में होने वाली सभी गतिविधियों और प्रतियोगिताओं में बढ़ चढ़कर भाग लेते हैं। दीपावली के दिन स्कूलों में अध्यापकों के द्वारा बच्चों के लिए सजावट, रंगोली प्रतियोगिता, खेल प्रतियोगिता आयोजित की जाती हैं जिसमें बच्चे बहुत ही उत्साह के साथ भाग लेते हैं।

स्कूलों में दीपावली त्यौहार के कार्यक्रम बहुत दिनों पहले से ही शुरू होने लगते हैं। दीपावली के दिन का बच्चों के लिए बहुत अधिक महत्व होता है क्योंकि इस दिन घर के बड़े बच्चों के लिए मिठाईयां, खिलौने, पटाखे, कपड़े और उपहार खरीदते हैं जिसकी वजह से बच्चों को बहुत अधिक प्रसन्नता होती है।

उपसंहार : दीपावली के दिन का धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से बहुत महत्व होता है क्योंकि हमारे इतिहास की वजह से आज हम खुश और संपन्न रहते हैं। इस दिन को और अधिक उत्साहित और सुरक्षित बनाने के लिए जितना हो सके बच्चों को ऐसी चीजों से दूर रखना चाहिए जो प्रदूषण या स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाती हों।

आजकल हम देखते हैं कि लोग पटाखे छोड़कर प्रदूषण फैलाते हैं और कभी-कभी तो बड़े-बड़े पटाखों को छोड़ते समय बच्चों को चोट लग जाती है। कभी-कभी तो बच्चे जल भी जाते हैं और बच्चों की मृत्यु भी हो जाती है। हम सभी को अधिक-से-अधिक कोशिश करनी चाहिए कि हम कम शोर, प्रदूषण और जोखिम लेकर इस दिन को और अधिक महत्व दें।

दीपावली निबंध 6 (600 शब्द) :

भूमिका : भारत देश में बहुत से त्यौहार मनाए जाते हैं जो अलग-अलग धर्मों द्वारा मनाए जाते हैं। इन सभी त्यौहारों में से सबसे महत्वपूर्ण त्यौहार होता है दीपावली जिसे प्रकाश का पर्व, जश्न-ए-चिराग, रौशनी का पर्व आदि नामों से जाना जाता है। इस त्यौहार को दीपों या रौशनी के त्यौहार के रूप में मनाया जाता है क्योंकि यह पर्व सभी के लिए भरोसा और उन्नति लेकर आता है।

दीपावली के त्यौहार को बहुत अधिक महत्व इसलिए दिया जाता है क्योंकि इस त्यौहार को श्री राम चंद्र जी के घर लौटने की खुशी में लोगों ने तरह-तरह की मिठाईयां बांटी और आतिशबाजी करके अपनी खुशी को प्रकट किया था जिसके बाद इस दिन को दीपावली त्यौहार के नाम से प्रति वर्ष मनाया जाने लगा।

दीपावली की परंपरा : दीपावली के त्यौहार को बुराई पर अच्छाई और अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक मन जाता है क्योंकि यह पर्व लोगों में प्रेम और एक-दूसरे के लिए स्नेह की भावना का विकास करता है। दीपावली के त्यौहार को व्यक्तिगत और सामूहिक दोनों रूप से बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है।

दीपावली के त्यौहार को भारत के साथ-साथ अन्य देशों में भी अलग-अलग परंपराओं और रीति-रिवाजों के साथ मनाया जाता है। सभी लोगों में दीपावली की बहुत ही उमंग होती है क्योंकि इसमें वे अपने मन की चीजें जैसे – खाना, मिठाईयां, कपड़े, खिलौने, आदि सभी खरीदते हैं। इस दिन सभी लोग अपने घर के साथ-साथ अपने मनों की भी सफाई करते हैं ताकि उनके घर के साथ-साथ उनके मन में किसी भी तरह की कोई गंदगी या हीन भावना न रह सके।

दीपावली का वर्णन : दीपावली के त्यौहार को अक्तूबर या नवंबर यानि कार्तिक मांस की अमावस्या के दिन मनाया जाता है क्योंकि इस दिन भगवान श्री राम चंद्र 14 वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या नगरी वापस लौटे थे। दीपावली के त्यौहार को पांच दिनों तक मनाया जाता है जिसमें पहले दिन को धनतेरस कहते हैं जिसमें धन के देव कुबेर जी की और अहोई माता की पूजा की जाती है।

धनतेरस के दिन सभी जगह पर बर्तनों की दुकानों को देखा जा सकता है क्योंकि लोग अपने घर में नए बर्तनों को खरीदकर उनकी पूजा करते हैं। दूसरे दिन को छोटी दीपावली कहते हैं क्योंकि इस दिन लोग अपने घर की सारी गंदगी को बाहर निकालकर उसे पवित्र करते हैं।

तीसरे दिन को दीपावली कहा जाता है जिसे लोग बड़े ही उत्साह और धूम-धाम से मनाते हैं। चौथे दिन को गोवर्धन के नाम से जाना जाता है जिसमें भगवान कृष्ण और गोबर की पूजा की जाती है। पांचवे दिन को भाई दूज कहते हैं जिसमें बहनें अपने भाईयों की आरती करती हैं और मिठाईयां खिलाती हैं।

दीपावली की बुराईयाँ : किसी अच्छे और खास उद्देश्य को लेकर बने त्यौहार में भी कालांतर में विकार पैदा हो जाते हैं। जो लोग लक्ष्मी जी की पूजा धन की प्राप्ति करने के लिए करते हैं वहीं पर कुछ लोग इनकी पूजा जूआ खेलकर भी करते हैं। जूआ खेलना एक प्रथा मानी जाती है जिसे पुराने समय से ही खेला जाता रहा है।

इससे समाज व पावन पर्वों के लिए एक कलंक के समान होता है। आज के समय में लोग बहुत अधिक बंब और पटाखे फोड़ते हैं जिसकी वजह से वायु प्रदूषण, भूमि प्रदूषण, जल प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण बहुत अधिक मात्रा में बढ़ जाता है। प्रदूषण होने की वजह से व्यक्ति को जीवन जीने में बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

लक्ष्मी पूजा का इतिहास : रामायण से पहले इस पर्व या त्यौहार को महालक्ष्मी पूजा के नाम से मनाया जाता था क्योंकि इस दिन जब समुद्र मंथन हुआ था तो देवी लक्ष्मी का जन्म हुआ था जिसकी वजह से इस दिन को महालक्ष्मी पूजा के नाम से मनाया जाता था।

इस दिन जो भी व्यक्ति अपने घर की साफ-सफाई रखते हैं और मन से देवी लक्ष्मी जी की आराधना करते हैं तो देवी लक्ष्मी उससे प्रसन्न होकर उस पर अपनी कृपा बरसाती हैं इसलिए इस दिन घर को साफ व स्वच्छ किया जाता है।

इस दिन लोग लक्ष्मी जी के गीत, आरती, मंत्र उच्चारण करते हैं जिससे वे लक्ष्मी जी को प्रसन्न कर सकें। लक्ष्मी जी धन की अधिष्ठात्री देवी होती हैं जिसकी वजह से उन्हें धन का प्रतिक माना जाता है।

उपसंहार : दीपावली के दिन भगवान गणेश, लक्ष्मी और सरस्वती जी की पूजा की जाती है क्योंकि कोई भी शुभ कार्य या त्यौहार मनाने में सबसे पहले गणेश जी की पूजा की जाती है क्योंकि उन्हें शुभ शुरुआत के देवता, लक्ष्मी जी को धन की देवी और सरस्वती जी को ज्ञान की देवी माना जाता है। दीपावली की रात के समय सभी लोग अपने घरों के दरवाजे खोलकर सोते हैं क्योंकि उन्हें यह उम्मीद रहती है कि आज के दिन उनके घर में लक्ष्मी जी का वास होगा।

दीपावली निबंध 7 (700 शब्द) :

भूमिका : भारत एक ऐसा देश है जहाँ पर अलग-अलग धर्मों को मानने वाले लोग रहते हैं जिसकी वजह से उनमें अनेकता में भी एकता दिखाई देती है। भारत में चाहे कितने भी धर्म हों या त्यौहार हों उन्हें पूरा भारत मिलकर मनाता है उसी तरह से हिंदुओं का त्यौहार दीपावली भी बहुत ही महत्वपूर्ण त्यौहार है जिसे सभी जगह पर अलग-अलग त्रिकोण से मनाया जाता है क्योंकि सभी लोगों के नजरिए अलग-अलग होते हैं वे अपने नजरिए के हिसाब से ही अपने पर्व को मनाने में खुशी महसूस करते हैं।

दीपावली क्यों मनायी जाती है : दीपावली एक ऐसा त्यौहार है जिसका नाम सुनते ही लोगों में खुशी और उत्साह का संचार होता है क्योंकि इसे एक ऐसा त्यौहार माना जाता है जो हर व्यक्ति को एक शुद्ध और नया जीवन जीने के लिए प्रेरित करता है।

दीपावली पर्व को कार्तिक मांस की अमावस्या को मनाया जाता है क्योंकि इस दिन को भगवान श्री राम के वनवास से वापस आने की खुशी में उनकी प्रजा ने अमावस्या के दिन को पूर्णिमा में बदल दिया था इसी वजह से इस दिन को याद रखने के लिए इसे हर साल दीपावली के नाम से मनाया जाने लगा।

स्वच्छता का प्रतीक : जहाँ पर दीपावली के त्यौहार को खुशी और उत्साह का त्यौहार माना जाता है वहीं पर इसे रौनक, ज्ञान, अंतःकरण के साथ-साथ स्वच्छता का भी प्रतीक माना जाता है।

जब घर की सफाई अच्छी तरह से नहीं की जाती है तब घरों में मच्छर, खटमल, पिस्सू, कीड़े, आदि अपना घर बना लेते हैं लेकिन दीपावली के दिन सभी लोग अपने-अपने घरों में साफ-सफाई करके अपनी घर को पूरी तरह से पवित्र कर लेते हैं जिसकी वजह से इस त्यौहार पर चारों तरफ स्वच्छता दिखाई देती है इसीलिए इसे स्वच्छता का प्रतीक माना जाता है।

दीपावली की तैयारी : दीपावली त्यौहार की तैयारियां बहुत से लोग दीपावली से नौ या दस दिन पहले ही करना शुरू कर देते हैं। दीपावली से पहले लोग अपने घरों की साफ-सफाई के साथ-साथ अपने घरों की लिपाई-पुताई करवाते हैं।

लोग अपने घर की साज सज्जा के लिए सभी प्रकार के सामान खरीदते हैं। दीपावली के त्यौहार पर लोग नए बर्तन, कपड़े, खिलौने, मिठाईयां, पटाखे, रंगोली के रंग आदि खरीदते हैं। दीपावली के दिन लोग अलग-अलग तरह की मिठाईयां और पकवान बनाते हैं, अपने घरों पर दीए और मोमबत्ती लगाकर घर को सजाते हैं।

महापुरुषों का निर्वास दिवस : दीपावली के त्यौहार को मनाने के पीछे बहुत सी पौराणिक कथाएं हैं। दीपावली के दिन जैनियों के तीर्थकर महावीर स्वामी जी ने निर्वाण प्राप्त किया था जिसकी वजह से जैनों के लिए इस दिन का बहुत अधिक महत्व है।

स्वामी दयानंद और स्वामी रामतीर्थ जी भी आज के ही दिन निर्वाह को प्राप्त हुए थे। आज का दिन आर्य समाज और सिक्खों के लिए बहुत अधिक महत्वपूर्ण होता है। हिंदुओं के लिए दीपावली का बहुत अधिक महत्व होता है क्योंकि इसी दिन श्री राम चंद्र जी अपना 14 वर्ष का वनवास काटकर वापस आए थे।

पूजा की विधि : दीपावली के दिन लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है क्योंकि आज के दिन लक्ष्मी जी का जन्म हुआ था इसलिए अगर कोई लक्ष्मी जी को प्रसन्न कर देता है तो उस पर उम्र भर लक्ष्मी देवी की कृपा बरसती है। आज के दिन पूजा के लिए लक्ष्मी माँ की तस्वीर बनाई जाती है जिसपर चांदी का या किसी भी तरह का सिक्का लगाया या चिपकाया जाता है।

आरती की थाली में कुछ पैसे, सोने, रोली, चावल, हल्दी, घी, प्रसाद, शक्कर, मोली, खील, बतासे, आदि रखे जाते हैं जिसके बाद पूरी विधि के साथ लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है जिसमें लोग मुख्य रूप से गीत, आरती, भजन आदि गाते हैं। पूजा के बाद सभी लोगों को प्रसाद बांटा जाता है और एक-दूसरे को दीपावली की बधाई दी जाती है।

उपसंहार : आप सभी लोग दीपावली तो मनाते हैं लेकिन उसके अंदर जो अर्थ छुपा होता है उस अर्थ को समझना भूल जाते हैं। दीपावली पर्व के अंदर एक अर्थ छिपा हुआ है जो हमें अपने अंदर के अंधकार को मिटाकर उसकी जगह पर प्रकाश करना होता है।

दीपावली के त्यौहार पर कभी-कभी ऐसा होता है कि लोग अपने आपसी लड़ाई-झगड़े की वजह से अपने बच्चों को दूसरे बच्चों के साथ खेलने और बधाई देने से रोकते हैं जिसकी वजह से रिश्तों में और इंसानियत में भी कोसों की दूरी हो जाती हिया जिसके बाद किसी को कुछ भी प्राप्त नहीं होता है।

दीपावली निबंध 10 (1000 शब्द) :

भूमिका : हम सभी लोग भारत के वासी है जिसने अनेक महापुरुषों को जन्म दिया है। भारत के अतीत ने बहुत से त्यौहारों और धर्मों में एकता का रूप स्पष्ट किया है। भारत में बहुत से त्यौहार मनाए जाते हैं लेकिन हिंदुओं का पर्व दीपावली बहुत अधिक महत्वपूर्ण होता है क्योंकि यह पर्व हमें उसके आदिकाल में ले जाता है।

इस पर्व को मनाने के पीछे बहुत से धार्मिक और आर्थिक महत्व छुपे हुए हैं। दीपावली त्यौहार को मनाने के पीछे का उद्देश्य है भारत में सामाजिक एकता को बढ़ावा देना क्योंकि इसमें सभी लोग आपसी भेदभाव भूलकर एक-दूसरे के गले लगकर दीपावली की बधाई देते हैं।

दीपावली का अर्थ : प्राचीन काल में संस्कृत भाषा अधिक बोली जाती थी जिसकी वजह से उस समय इस दिन को संस्कृत भाषा में दीपावली का नाम दिया गया था क्योंकि इसका अर्थ दीपों की पंक्ति है जो अयोध्यावासियों ने दीपों को पंक्तियों में जलाकर सिद्ध किया था इसी वजह से इस दिन को दीपावली के नाम से जाना जाता है।

इस शब्द के पीछे एक अर्थ छुपा हुआ है जो हमें बुराई पर अच्छाई की, अज्ञान पर ज्ञान की, अस्वच्छता पर स्वच्छता की, अंधकार पर प्रकाश की विजय का संदेश देता है। इस दिन लोग दीपों को पंक्ति में जलाकर अँधेरे को मिटाने की कोशिश करते हैं क्योंकि वे अँधेरे को चीरकर सभी को प्रकाशमय बनने के लिए प्रेरित करते हैं।

दीपावली का इतिहास : लंकापति रावण एक असुर था जिसने सीता माता का अपहरण किया था। श्री राम ने उस लंकापति रावण को मारकर सीता माता को पुनः प्राप्त किया था जिसे दशहरे के नाम से मनाया जाता है जो दीपावली से 21 दिन पहले आता है।

दशहरे के अगले दिन श्री राम ने अपने भाई भरत से मिल्न किया था और उसे गले लगाया था जिसकी वजह से इस दिन को भरत मिलाव का नाम दिया गया था। इसके बाद दीपावली के दिन भगवान श्री राम, सीता माता और भाई लक्षमण अपना चौदह वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या लौटे थे जिसकी खुशी में लोगों ने घी के दीपक जलाकर उनका स्वागत किया था।

दीपावली पर साफ-सफाई : दीपावली के दिन से कुछ दिनों पहले से ही लोग साफ-सफाई करने लगते हैं लेकिन बहुत से लोग तो ऐसे होते हैं कि वे दशहरा आने के पश्चात घर की साफ-सफाई, लिपाई पुताई करवाने लग जाते हैं ताकि उनका घर साफ और स्वच्छ दिखे।

ठीक प्रकार और अधिक दिनों में सफाई करने की वजह से घर में कई तरह के कीट, मच्छर, पक्षी अपना स्थान बना लेते हैं जिन्हें दूर करने के लिए ठीक प्रकार से साफ-सफाई की जरुरत होती है। इस दिन लोग अपने घर की साफ-सफाई करने के साथ-साथ अपने घर की साज-सज्जा की भी अच्छी तरह से व्यवस्था करते हैं।

दीपावली की तैयारियां : दीपावली के दिन से पहले लोग अपने घर की साफ-सफाई करके उसे स्वच्छ और पवित्र कर लेते हैं ताकि उनके घर में शं की देवी लक्ष्मी जी का वास हो सके। दीपावली के दिन के उपलक्ष में बाजारों में बहुत भीड़ पाई जाती है क्योंकि ऐसे समय में लोग नए कपड़े, मोमबत्तियां, खिलौने, पटाखे, बम्ब, मिठाईयां, रंगोली बनाने के रंग, बर्तन और घर को सजाने के लिए बहुत से सामान खरीदते हैं जिसकी वजह से लोगों को बहुत से लाभ होते हैं। दीपावली के दिन लोग अपने घर पर लक्ष्मी पूजन, मिस्ठानों, व्यंजनों आदि की संपूर्ण रूप से तैयारियां करते हैं।

बच्चों की दीपावली : दीपावली का त्यौहार बच्चों के लिए अधिक महत्व रखता है क्योंकि दीपावली का नाम सुनते ही बच्चों के मन में मिठाई, खिलौने, कपड़े, पटाखे आदि के बारे में विचार आने शुरू हो जाते हैं।

दीपावली के लिए स्कूलों में बच्चों के लिए बहुत सी प्रतियोगिताएं जैसे – दौड़, साज-सजावट की प्रतियोगिता, रंगोली प्रतियोगिता, खेल प्रतियोगिता, कहानी प्रतियोगिता आदि की व्यवस्था की जाती है जिसमें बच्चे बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं और विजेता को बहुत ही सम्मान के साथ उपहार दिए जाते हैं। इसके अतिरिक्त बच्चों के लिए आतिशबाजी और पटाखों को लेकर उन्हें सावधानी बरतनी भी बताई जाती है।

दीपावली का आर्थिक महत्व : दीपावली के त्यौहार का जितना धार्मिक महत्व होता है उतना ही इसका आर्थिक महत्व भी होता है क्योंकि दीपावली के त्यौहार पर लोग बहुत सी चीजें खरीदते हैं जिससे बाजारों में बहुत अधिक भीड़ होती है।

दीपावली के दिन लोग नए कपड़े, घर का सामान, उपहार, आभूषण आदि खरीदते हैं क्योंकि आज के दिन खरीददारी और खर्च करने को बहुत अधिक शुभ माना जाता है जो धन और समृद्धि की देवी लक्ष्मी जी के आगमन का संकेत होता है। इस दिन को भारत में सोना और आभूषण खरीदने का दिन माना जाता है क्योंकि आज के ही दिन सभी लोग अपने खर्च की चरम सीमा पर होते हैं।

लक्ष्मी पूजन : आज के दिन जब देवों और राक्षसों के द्वारा समुद्र मंथन किया गया था तो उस समुद्र मंथन के दौरान देवी लक्ष्मी जी का जन्म हुआ था जिसकी वजह से आज के दिन को महालक्ष्मी पूजा के नाम से जाना जाता था और इसी वजह से आज के दिन धन की देवी लक्ष्मी जी की भी पूजा की जाती है।

कार्तिक मांस की अमावस्या को रात के समय देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है उनकी आरती, गीत और भजन गाकर उन्हें प्रसन्न किया जाता है। पूजा होने के बाद सभी लोगों में प्रसाद बांटा जाता है और एक-दूसरे को दीपावली के पर्व की शुभकामनाएं और बधाईयाँ दी जाती हैं।

दीपावली की बुराईयाँ : दीपावली के त्यौहार का एक दूसरा पहलू भी होता है जिसे हम जाने-अनजाने हर साल बढ़ावा देते रहते हैं। इस दूसरे पहलू में आतिशबाजी और पटाखे फोड़ना आता है। इन सभी चीजों का दीपावली के त्यौहार से कोई लेना देना नहीं है लेकिन फिर भी लोग इसे बढ़-चढकर प्रयोग करते हैं।

इन सभी का कोई ऐतिहासिक या पौराणिक वर्णन नहीं है कि प्राचीन काल में भी पटाखे और आतिशबाजी की जाती थी लेकिन इन सभी की वजह से हर साल प्रदूषण में बढ़ोतरी होती है। इस दिन लोग पैसे को धूल समझकर उससे जूआ खेलते हैं जो ठीक नहीं होता है। आज के लोग अपने कुछ क्षणों के मजे के लिए पर्यावरण के साथ खिलवाड़ करने से पीछे नहीं हटते हैं और अपने जीवन को भी खतरे में डाल लेते हैं।

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इस पोस्ट मे शुभ दिवाली के शुभ अवसर पर  Happy Diwali   के लिए  Short And Long Diwali Essay In Hindi   शेयर कर रहे है ,  जिस निबंध को C lass 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 के विद्यार्थियों के लिए लिखी गई है। जिसे इन कक्षा के छात्र अपनों के साथ शेयर  कर सकते है ,   तो चलिये अब Diwali  Short And Long Essay In Hindi  –  दीपावली पर शॉर्ट और विस्तृत निबंध को जानते है।

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दिवाली जो की हमारे भारत देश में मनाया जाने वाला सबसे बडा़ त्यौहार है। यह त्योहार भगवान श्रीराम के 14 वर्षो के वनवास के पश्चात अयोध्या मे वापस लौटने की खुशी मे पूरे अयोध्या मे घर घर, गली मुहल्ले, हर जगह दीये जलाए गए थे, जिससे पूरा अयोध्या स्वर्ग के समान जगमगाने लगा था, इस तरह हर साल दीये इस शुभ दिन दीये जलाया जाने लगा, जिसे हम सभी दिवाली के त्योहार के रूप मे मनाते है।

दिवाली का त्यौहार हर किसी के लिए खुशियां लेकर आता है, फिर चाहे वो बड़ा हो या बच्चा। हर कोई इस त्यौहार को बड़ी ही धूम धाम से मनाता है। साथ ही स्कूलों, कॉलेजों, दफ्तरों आदि में भी दीवाली का त्यौहार बहुत ही उल्लास के साथ मनाया है, दीपावली का ये त्यौहार साल में एक बार आता है जो कि अक्टूबर या नवम्बर की माह में होता है, दीपावली कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है,

दिवाली के एक माह पूर्व से ही लोग घरों की साफ़ सफाई तथा पर्व की तैयारी में लग जाते हैं. लोग अपने घरों दुकानों तथा ऑफिस आदि को सजाते संवारते हैं. ऐसी मान्यता है कि इस दिन देवी लक्ष्मी सबसे स्वच्छ स्थल में वास करती हैं. रात में लोग माँ के स्वागत के लिए घरों के द्वार भी खुले छोड देते हैं.

दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi)

दीवाली के कुछ हफ्ते पहले से ही लोग आते ही लोग अपने घर की साफ-सफाई भी करते है। फिर दिवाली के दिन नए कपड़े पहनते है, मिठाई खाते हैं, दीप जलाते है, पटाखे जलाते हैं, लक्ष्मी-गणेश भगवान की पूजा करते हैं, और एक दूसरे को दिवाली की मिठाई बांटते है, और एक दूसरे को दिवाली की शुभकामना देते है, और मिलजुलकर इस तरह दिवाली का त्योहार मनाते है।

ऐसा भी कहा जाता है कि दीपावली के दिन साफ सफाई रखने से लक्ष्मी का वास होता है। इसीलिए दीपावली के दिन धन की देवी लक्ष्मी माँ और गणेश जी की पूजा होती है. और माँ लक्ष्मी जी के आशीर्वाद से घर मे सुख शांति और वैभव प्राप्त होते है, इसलिए दिवाली के दिन माँ लक्ष्मी और गणेश जी विशेष अर्चना किया जाता है।

दरअसल दिवाली का पर्व एक दिन का न होकर पंचदिवसीय पर्व हैं. इसका प्रथम दिवस धनतेरस के रूप में जाना जाता हैं. इस दिन कुबेर और धन्वन्तरि का जन्म हुआ था.  मान्यता है कि इस दिन खरीददारी करने से धन 13 गुणा बढ़ जाता हैं. इसका दूसरा दिन छोटी दीपावली का होता हैं इसके पीछे मान्यता है कि इस दिन कृष्ण ने नरकासुर का वध कर अधर्म पर धर्म की विजय दिलाई थी.

उसी परम्परा को आगे बढ़ाते हुए हम हर साल दिवाली का उत्सव बड़ी धूमधाम से मनाते हैं. इस दिन धन की देवी माँ लक्ष्मी की पूजा आराधना की जाती हैं. इस तरह यह एक खुशियों का पर्व है जो हमारे जीवन में आनन्द बिखेर जाता हैं.

हर त्योहार का अपना महत्व हैं. जिस प्रकार ईद मुसलमानों में भाईचारे का त्यौहार माना जाता हैं. उसी प्रकार दीपावली भी स्नेह का त्योहार हैं. इस दिन सभी व्यक्ति अपने इष्ट मित्रों से मिलते हैं. और उन्हें शुभकामनाओं सहित मिठाई आदि भेट करते हैं. सांस्कृतिक पर्व की दृष्टि से यह त्योहार पौराणिक परम्पराओं को बनाए रखने वाला हैं.

दिवाली को पूरे भारत में खूब धूमधाम से मनाया जाता है, यहा तक कि  दिवाली  सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि भारत के बाहर रहने वाले विदेशो मे भी भारतीय और अन्य धर्म के लोग भी बहुत धूम धाम से मनाते हैं…

दिपावली  का त्यौहार भारत में और अन्य कई देशों में बहुत ही धूम धाम से मनाया जाता है। दीपावली को दीप का त्यौहार भी कहा जाता है। दिवाली का त्यौहार भारत के प्रमुख त्यौहारों में से एक है। जिसे भारत में बहुत ही हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। कहा जाता है कि इस दिन भगवान श्री राम ने रावण को पराजित करके और अपना 14 साल का वनवास काटकर अयोध्या लौटे थे।

श्री राम भगवान की आने की खुशी वहां के सभी लोगों ने दिये जलाए थे। तब से लेकर अब तक हर वर्ष इस दिन को दीवाली के त्यौहार के रूप में मनाया जाता है। लोग आज भी इस दिन को उतने की खुशी से मनाते हैं। ये त्यौहार बच्चा, बूढें, बड़े हर कोई बहुत ही अच्छे से मनाता है। यहां तक कि स्कूल, कॉलेज और दफ्तरों में भी दीवाली को त्यौहार को बहुत धूम धाम से मनाया जाता है। इन दिन लोग एक दूसरे को  दीवाली की बधाई  देते हैं और बहुत से उपहार भी तोहफे के रूप में देते हैं।

दिवाली का त्यौहार हर किसी के लिए खुशियां लेकर आता है, फिर चाहे वो बड़ा हो या बच्चा। हर कोई इस त्यौहार को बड़ी ही धूम धाम से मनाता है। साथ ही स्कूलों, कॉलेजों, दफ्तरों आदि में भी दीवाली का त्यौहार बहुत ही उल्लास के साथ मनाया है, दीपावली का ये त्यौहार साल में एक बार आता है जो कि अक्टूबर या नवम्बर की माह में होता है, दीपावली कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है,

दिवाली 2022 के लिए पोस्ट :- 

दिवाली का त्योहार कुल 5 दिनो के लिए मनाया जाता है, जो की दिवाली के दो दिन फले से दिवाली के दो दिन बाद तक रहता है, जिसे हर दिन अलग अलग नामो से दिवाली के इस त्योहार को मनाया जाता है, दिवाली त्यौहार के इन सभी पांच दिनों में खाद्य पदार्थों और मिठाई के स्वादिष्ट व्यंजन बनाते हैं, लोग इस दिन पासा, कार्ड गेम और कई अन्य प्रकार के खेल खेलते हैं। वे अच्छी गतिविधियों के करीब आते हैं और बुरी आदतों को दूर करते हैं।

दरअसल दिवाली का पर्व एक दिन का न होकर पंचदिवसीय पर्व हैं. इसका प्रथम दिवस धनतेरस के रूप में जाना जाता हैं. इस दिन कुबेर और धन्वन्तरि का जन्म हुआ था. मान्यता है कि इस दिन खरीददारी करने से धन 13 गुणा बढ़ जाता हैं. इसका दूसरा दिन छोटी दीपावली का होता हैं इसके पीछे मान्यता है कि इस दिन कृष्ण ने नरकासुर का वध कर अधर्म पर धर्म की विजय दिलाई थी.

दीपावली भी इसी तरह का त्यौहार है क्योंकि इस दिन भगवान श्री राम अथार्त ज्ञान ने रावण रूपी अज्ञान को पराजित किया था। राम जी के वनवास से वापसी के लिए लोगों ने पूरी अयोध्या नगरी को फूलों, दीपों और रंगों से बहुत ही अच्छी तरह से सजाया था। जिसकी वजह से इसे दीपावली नाम दे दिया गया और हर साल मनाया जाने लगा।

दिवाली के पहले दिन धनतेरस या धन्त्ररावदाशी के रूप में जाना जाता है जिसे देवी लक्ष्मी की पूजा करके मनाया जाता है। लोग देवी को खुश करने के लिए आरती, भक्ति गीत और मंत्र गाते हैं, दूसरे दिन नरका चतुर्दशी या छोटी दिवाली के रूप में जाना जाता है जिसे भगवान कृष्ण की पूजा करके मनाया जाता है क्योंकि उन्होंने राक्षस राजा नारकसुर को मार डाला था,

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दीवाली  की रात पूरा भारत जगमगाता है। रंग बिरंगी लाइटें, दिए, मोमबत्ती आदि से पूरे भारत को सजाया जाता है। दीवाली की शाम भगवान लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाती है। पूजा करने के बाद सभी लोग अपने पड़ोसियों और अपने रिश्तेदारों को प्रसाद, मिठाई, गिफ्ट आदि देते हैं। इस दिन लोग पटाखे, बम, फुलजड़ी आदि भी जलाते हैं। दीवाली के त्यौहार को बुरे पर अच्छाई की जीत का प्रतीक भी माना जाता है। भारत की नहीं बल्कि और भी कई देशों में दीवाली का त्यौहार बहुत की धूम धाम से मनाया जाता है।

दीपावली के दिन सभी लोग बहुत से मजेदार खेल खेलते हैं, स्वादिष्ट व्यंजन खाते हैं और पटाखे जलाकर इस दिन को बहुत ही खास बना देते हैं। इस दिन सभी जगहों चाहे वह सरकारी कार्यालय हो या सडक सभी को साफ करके अच्छी तरह से सजाया जाता है। इस दिन सभी लोग दिए, मोमबत्ती, लड़ी लगाकर अपने घरों को सजाते हैं। इस दिन लोग एक-दूसरे को उपहार देते हैं, मिठाईयां खिलाते हैं और दीपावली की बधाई देते हैं।

दिवाली की शाम को घर घर घी के दिए लाइट आदि से जगमगाहट की जाती हैं. शुभ मुहूर्त के समय माँ लक्ष्मी, श्रीगणेश तथा सरस्वती जी की पूजा आराधना कर सुख सम्रद्धि की कामना की जाती हैं. दिवाली को पूरे भारत में खूब धूमधाम से मनाया जाता है, यहा तक कि  दिवाली  सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि भारत के बाहर रहने वाले विदेशो मे भी भारतीय और अन्य धर्म के लोग भी बहुत धूम धाम से मनाते हैं…

बच्चें बूढ़े बालक स्त्रियाँ सभी आयु के लोग दिवाली पर्व को मनाते हैं. भारत में इस पर्व के मौके पर लम्बी सरकारी छुट्टियाँ भी रहती हैं जिससे नौकरी पेशे से जुड़े लोग भी अपने परिवार के साथ इस पर्व को मनाते हैं. अंग्रेजी महीनों के अनुसार यह पर्व अक्टूबर अथवा नवम्बर माह में पड़ता हैं. इसके आगमन से कई दिन पूर्व से ही लोग घर की साफ़ सफाई रंग रोगन तथा खरीददारी में लग जाते हैं.

इसके अतिरिक सिख धर्म में भी दिवाली के दिन का ऐतिहासिक महत्व हैं इस दिन छठे सिख गुरु हर गोबिंद जी को मुगलों ने रिहा किया था, अतः सिख लोग इसे बंदी छोड़ पर्व के रूप में भी मनाते हैं.

हिन्दू धर्म की कथाओं के अनुसार माना जाता हैं कि जब रावण सीता का हरण का लंका ले गया तो भगवान राम ने लंका की चढ़ाई की और दशहरा के दिन रावण का वध कर सीता के साथ अयोध्या रवाना हुए थे.  माना जाता है, कि कार्तिक अमावस्या की रात को ही प्रभु राम सरयू के तट अयोध्या पहुंचे थे. अपने प्रिय राम के आगमन पर वहां के निवासियों ने घी के दिए जलाए तथा खुशियों के साथ राम को गले लगाया. 

दिवाली की रात धन दात्री देवी लक्ष्मी जी की पूजा करने का विधान हैं. सुख सम्पदा के लिए लक्ष्मी के साथ ही माँ सरस्वती तथा गणपति का भी पूजन किया जाता हैं. इस रात को घर में विभिन्न तरह के पकवान बनाए जाते हैं दोस्तों रिश्तेदारों को पावन पर्व की बधाई के साथ उपहार भी आदान प्रदान किये जाते हैं.

Diwali Essay in Hindi

तीसरे दिन मुख्य दिवाली के रूप में जाना जाता है दिवाली की शाम को चरो तरफ दिये जलाए जाते है, और फिर शाम को रिश्तेदारों, दोस्तों, पड़ोसियों और जलती हुई फायर क्रैकर्स के बीच मिठाई और उपहार वितरित करते हुए देवी लक्ष्मी की पूजा करके मनाया जाता है,

उपसंहार :  दीपावली भारत में सभी धर्मों के द्वारा मनाया जाने वाला एक त्यौहार है क्योंकि यह सभी के लिए खुशी और आशीर्वाद लेकर आता है। इस त्यौहार की वजह से हर साल लोगों को बुराई पर अच्छाई की जीत का एक नया सत्र सीखने को मिलता है।

किसी भी तरह का पर्व हमें उसके भूत में ले जाता है और हम फिर से एक बार उसके पीछे के कारणों को याद कर पाते हैं। यह एक बहुत ही अच्छा तरीका होता है अपने पुराने समय या अपने देश के अतीत को स्मरण करने का।

Essay on Diwali in Hindi 200 Words | दीपावली पर निबंध 200 शब्दों में

दिवाली पर निबंध पर प्रश्न और उनके उत्तर

(question answer on essay on diwali in hindi faqs).

प्रश्न: दिवाली क्यों और कैसे मनाई जाती है?

दिवाली 14 साल के वनवास के बाद भगवान राम की अयोध्या वापसी और साथ ही अंधकार पर रोशनी का प्रतीक है। अपने घरों की सफाई और उन्हें तरह तरह के लाइट से सजाने के बाद लक्ष्मी गणेश की पूजा के साथ दीपावली का त्योहार धूम धाम से मनाया जाता है, तथा रात के समय बच्चे आतिशबाजी का भी लुफ्त उठाते हैं।

प्रश्न: दीपावली का अर्थ क्या है?

दीपावली’ संस्कृत के दो शब्दों से मिलकर बना है – दीप + आवली। ‘दीप’ अर्थात ‘दीपक’ और ‘आवली’ अर्थात ‘श्रृंखला’, जिसका मतलब हुआ दीपकों की श्रृंखला या दीपों की पंक्ति।

प्रश्न: मेरा प्रिय त्योहार दिवाली पर निबंध हिंदी में कैसे लिखें?

आप इस लेख की सहायता से दिवाली पर हिंदी में निबंध लिख सकते है, पूरे लेख को ध्यान से पढ़ें और समझें की आप किस तरह से दिपावली पर हिंदी निबंध लिख सकते हैं।

प्रश्न: दिवाली का त्यौहार कैसे मनाया जाता है?

दिवाली का त्योहार मिट्टी के दीप या फिर तरह -तरह के लाइट और रंगोली से अपने घर को सजा कर, खुशियां बाँट कर, लक्ष्मी गणेश की पूजा करके, अच्छे अच्छे पकवान बना कर हर्ष और उल्लास के साथ दिवाली का त्योहार मनाया जाता है।

तो आप सभी को यह दिवाली के लिए निबंध – Short & Long Diwali Essay In Hindi  खूब पसंद आया होगा, तो आप अपने विचार कमेंट मे जरूर बताए और दिवाली पर शॉर्ट और विस्तृत निबंध –  Short And Long Diwali Essay In Hindi  को शेयर भी लोगो के साथ जरूर करे। और अंत मे आप सभी को हैप्पी दिवाली…

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Bahut hi Sundar Essay likha hai Aapne

Thnks Radhika

Best Diwali Essay..

Thanks Moksh. aapko bhi happy diwali.

Diwali ke liye best Short and long essay hai ye post. Happy Diwali..

Thanks Vivek Mourya. aapko bhi happy diwali.

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दिवाली 2022

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Essay on Diwali for Students in English

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An Overview of Diwali Celebration

Diwali, also known as Deepavali , is a festival celebrated in almost all parts of India. It is an Indian festival that marks the victory of good over bad (evil). It is a festival celebrated by Indians with great enthusiasm. The festival commemorates joy, harmony, and victory . It also marks the return of Lord Ram from exile, which is described in the epic Ramayana. 

Diwali is derived from the Sanskrit word Deepavali which means row of lights. So, this festival is celebrated by lighting lamps (usually earthen lamps) all around the house/office. It also symbolises light as the victory over darkness. Generally, according to the stars, the date for Diwali falls in October or November and is expected to be 20 days after Dussehra. It is celebrated in the Hindu month called Kartika. 

Essay On Diwali

Diwali is a festival of lights. It is one of the biggest and grandest festivals celebrated mainly in India. Diwali is a festival commemorated to mark joy, victory, and harmony. Diwali, also known as Deepavali, falls in October or November. It is celebrated after 20 days of the Dussehra festival. ‘Deepavali’ is a Hindi word that means an array of lamps (‘Deep’ means earthen lamps, and ‘Avail’ means a queue or an array).

Diwali is celebrated in honour of Lord Ramchandra because on this day, Lord Rama returned to Ayodhya after 14 years of exile. During this exile, he fought with demons and the demon king Ravana, the powerful ruler of Lanka. On Rama’s return, the people of Ayodhya lit diyas to welcome him and celebrate his victory. Since then, Diwali has been celebrated to declare the victory of good over evil.

How is Diwali Celebrated in India?

In India, it is a festival of fun and happiness. People decorate their homes and offices with various lights, cook delicious food, exchange gifts, and share happiness . Indian businesses consider Diwali the first day of the financial new year. 

On this festival day,  courtyards are decorated with colourful rangoli, and lamps are lit on the rangoli. People dress in new clothes, eat the delicacies, light lamps, and as the Sun sets, they burst crackers. 

5 Days of Long Diwali Celebration

Diwali celebrations go on for five days. The five days are Dhanteras, Naraka Chaturdashi, Lakshmi Pooja, Govardhan Pooja, and Bhai Dooj . The first day of the Diwali celebration marks ‘Dhanteras’ or the worship of wealth. On this day, Goddess Lakshmi is worshipped, and there is a custom to purchase something precious.

The second day of the Diwali celebration marks Naraka Chaturdashi or Choti Diwali . On this day, people wake up early in the morning and apply aromatic oils to them before taking a bath to remove all sins and impurities from their life. 

The third day is the main festival. On this day, Lakshmi (God of wealth) is worshipped with great devotion. People wear new clothes, offer Puja, and enjoy by lighting diyas and bursting a few crackers.

The fourth day of the Diwali celebration marks Govardhan Puja or Padva . It is said that Lord Krishna defeated Indra on this day by lifting the massive Govardhan Mountain. Using cow dung, people make a small hillock that symbolises Govardhan and worship it.

The fifth day of the Diwali celebration marks Bhai Dooj. On this day, sisters visit their brother's house and perform a ‘tilak’ ceremony. Sisters pray for their brother’s long and happy life while the brothers give precious gifts to their sisters.

5 Days Diwali Celebration in 2022 - Important Dates

Significance of diwali celebration.

Diwali preparations have an important significance for Indians. The preparations start one month before the actual date of the festival, and people indulge in buying new clothes, gifts, books, lights, crackers, sweets, dry fruits, etc .

Some also believe in discarding old things and buying new ones. This also involves discarding unused old items at home and buying new ones on Diwali, so the festival brings in everything fresh and new. 

It is believed that Goddess Lakshmi visits the place of worship (maybe house or office) on Diwali and blesses them. Hence, a lot of discipline and devotion goes into the celebration of this festival. 

Effects of Festival Diwali on the Environment

However, considering the environmental pollution, it is advised not to burn too many crackers, and also, they are not safe as they are made of harmful materials. There are many instances where kids hurt themselves while bursting crackers. It is advised to burst crackers only under adult supervision. Also, it is best to reduce the number of crackers you burst as it causes a lot of air and noise pollution. Noise also hurts animals, and they get scared. 

So let us not forget the environment and the animals to which these crackers cause harm. We can still enjoy the festivities with just the lights and have fun. However, to keep up the tradition, we can just burst a few crackers and celebrate in an eco-friendly way. 

Diwali is a festival enjoyed by everyone. Amid all the festivities, we tend to forget that bursting crackers lead to noise and air pollution . It can be very dangerous for kids and can even cause fatal burns. Bursting crackers reduces air-quality index and visibility in many places, responsible for accidents that are often reported after the festival. Hence, it is important to have a safe and eco-friendly Diwali.

So let us all join hands and take an oath to celebrate this traditional festival with responsibility so that everyone, including mother earth, is safe and free from pollution.

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FAQs on Essay on Diwali for Students in English

1. Why is Diwali Celebrated?

Diwali is celebrated in the honour of Lord Ramachandra. The festival is a symbol of victory of good over evil. It is also celebrated to bring prosperity, wealth and peace.

2. Can Diwali be Fun for Kids Without Crackers?

Yes, Diwali can be exciting and fun even without bursting crackers. There are many ways to celebrate Diwali. Kids can indulge in helping their parents in decorating their houses and making rangolis. Diwali Puja is also an enjoyable experience for kids. Kids must be made aware of the risks and hazards of burning crackers. People can rather enjoy the food and festivities that Diwali brings.

3. Why are doors and windows unlocked on Diwali?

Doors and windows are left unlocked with the hope that Goddess Lakshmi enters the houses on this day and blesses the dweller with success and wealth.

4. Do Jains celebrate the festival of Diwali?

Yes, Jains celebrate Diwali to mark the attainment of moksha by Mahavira.

5. What do businesses do on this day?

On this day, Businesses start new accounting books, and farmers end the harvest season. This festival of light also marks the beginning of winter.

Essay speech 10 lines on diwali festival 2020

Diwali Essays, Speech & 10 Lines in English, Hindi Languages | Nibandh on Deepavali | Few Lines, Speech Ideas on Diwali 2020

Diwali Essay, Speech, and 10 Lines for Kids: Diwali or Deepavali is the most popular and joyful festival celebrated in India to mark the win of good over evil. People across the country follow the Hindhu calendar for this festival and it falls in the months of October or November. This year, the Diwali festival falls on November 14th, 2020 , and is a festival of lights, crackers, diyas, and sweets.

People celebrate the Diwali festival with their loved ones by giving Diwali Gifts and burning crackers. We listed some Short & long essays on Deepavali 2020 , a Diwali poem in Hindi of 10 lines, Diwali Speech ideas in various languages, and Funny lines on Diwali in English & Hindi.

These Lines, Essays, and Speeches on Deepavali Festival 2020 for Students, Kids explain the importance and rituals followed as a part of the festival. Also, refer to the Diwali Nibandh in 300-500 words prevailing to know the Religious Significance and how this auspicious day is celebrated.

Short Essay on Diwali in English for Students | 200 Words Essay Ideas for Diwali 2020

“Diwali also popularly known as “Deepavali” is one of the most auspicious festivals of Hindus residing in India or across the globe. The festival is celebrated with great fervour and enthusiasm by people throughout the world. Although it’s considered a Hindu festival, people from different communities celebrate the bright festival by bursting crackers and fireworks.

According to Hindus, Diwali is a festival which commemorates the return of Lord Ram to Ayodhya along with his wife Sita, brother Lakshman and ardent devotee Hanuman after defeating the demon king Ravan. This religious festival signifies the victory of good over evil and the triumph of light over darkness.

Diwali is often referred to as the “Festival of Lights”. People light earthen oil lamps and decorate their houses with lights of different colors and sizes which glitter at their entrances and fences that make for a mesmerizing view. Kids love bursting crackers and different fireworks like sparklers, rockets, flower pots, fountains, peony fireworks, etc.

On this auspicious occasion, Goddess Lakshmi is worshipped by Hindus as merchants open new account books on Diwali. Furthermore, people believe that this beautiful festival brings wealth, prosperity, and success to all. People also buy new clothes for themselves and look forward to exchanging gifts with their family, friends, and relatives during the festival.”

Long Essay Ideas for Deepawali 2020 | 500 Words Diwali Essay for Kids

The festival of Deepawali celebrated on the new moon day of Kartik month, it is not only important for Hinduism, but also for Jain, Buddhist, Arya, Sikh, etc religions. Many mythologies and cultural beliefs are associated with celebrating this festival.

FESTIVAL OF FIVE DAYS IS DEEPAWALI:

One of the most important festivals amongst the Hindus, the festival of Deepawali is a five-day Mahaparva, this festival starts from Dhanteras and continues to Bhai Dooj, all these days have their own different significance, it connected mythological and religious stories.

PREPARATION OF DIWALI CELEBRATION:

On Diwali, people clean and paint their houses, shops, etc. They buy new clothes, gifts, utensils, sweets, etc. on this occasion. It is considered an auspicious occasion to open new shops, homes, businesses, and partnerships, etc.

DHANTRAYODASHI (DHANTERAS):

Dhanteras is considered an auspicious day to buy something for the house, and gold, silver, etc. People consider this day as favorable for starting a new business.

NARAK CHATURDASHI:

It was on this day that the demon Narakasura was killed by Lord Krishna which symbolizes the victory of light over darkness.

LAKSHMI PUJA:

This day is considered to be an important day of Diwali. On this day people worship Goddess Lakshmi and Lord Ganesha in the evening by decorating the house with the lights of Rangoli and Diyas. Lakshmi is the goddess of wealth and Ganesh is considered as the god of auspicious beginnings. On Diwali, people lighten the earthen diyas to wish for prosperity and well-being in the streets, markets, homes, and surroundings.

Crackers are the main attraction on this occasion. Delicious meals cooked in homes and sweets delivered to neighbors, friends, and relatives are part of the Diwali celebration. On the night of Diwali people opened the doors of their homes as they look forward to the visit of Goddess Lakshmi.

Govardhan Puja and Balipratipada:

On this day Lord Krishna defeated Indra and Lord Krishna raised the Govardhan Parvat to save the villagers and cattle from the heavy rains held by Indra. In North India, in the evening manure, sugarcane, books, weapons, and equipment, etc. are worshipped on this occasion. People in Maharashtra, Tamil Nadu, and Karnataka celebrate this day as Balipratipada which recalls the victory of the Vamana, the dwarf, avatar of Vishnu over the demon king Bali.

The BhaiDooj festival is a symbol of the affection of brother and sister. The sister offers tilak, coconut, and sweets to her brother, and in return, the brother presents gifts to his sister.

The occasion of Diwali is filled with enthusiasm among all the people of every community and age. This same festival is made more beautiful by different cultures in different ways of celebration. A few day’s holidays are given in school, college so that children can enjoy the festival. Banks offer new schemes and interest rates. Every year on this occasion huge budget new films are released.

THE SYMBOL OF CLEANLINESS IS THE MAHAPARVA OF DEEPAWALI:

Diwali, the major festival of Hindus is also considered a symbol of cleanliness. On the occasion of this festival, people clean their homes. Everybody brightens their house and makes beautiful decorations. On this occasion, people also bring new things to their homes and install lighting, etc.

RESOLVE TO TAKE ECO-FRIENDLY DIWALI:

All of us should celebrate this festival as Green Diwali. On this occasion, everyone should not burn the fireworks, instead of planting new trees in the house, because the pollution caused by fireworks affects health.

CONCLUSION:

On the festival of Deepawali, we all should take a pledge to celebrate eco-friendly Diwali because the fireworks on this occasion increase the pollution level to a great extent, which affects the health of the people.

Deepavali Essay in Hindi | Short & Long Essay on Diwali in Hindi for Kids | दीपावली निबंध

हम भारत देश में रहते हैं जिसे अलग-अलग धर्मों में एकता, संस्कृति, रीति-रिवाजों और अलग-अलग उत्सवों की वजह से जाना जाता है। भारत देश में सभी धर्मों के त्यौहारों को महत्व दिया जाता है जिस प्रकार हिंदुओं के पर्व दीपावली को महत्व दिया जाता है। दीपावली त्यौहार को कार्तिक मांस की अमावस्या के दिन मनाया जाता है क्योंकि इसी दिन भगवान श्री राम 14 वर्ष का वनवास काटकर अपने देश अयोध्या लौटे थे।

श्री राम के आने की खुशी में लोगों ने दिए जलाकर पूरी अयोध्या नगरी को जगमगा दिया था। दीपावली का अर्थ होता है दीपों की पंक्ति जिसमें दीयों को एक पंक्ति में जलाया जाता है। इस दिन के महत्व के रूप में लोग यह कहते हैं कि अगर इस दिन घरों, दुकानों और कार्यालयों की अच्छी तरह से साफ-सफाई की जाए तो लक्ष्मी जी का प्रवेश होता है।

इस दिन को बेहतर बनाने के लिए लोग नए कपड़े, पटाखे, बर्तन, साज-सज्जा के सामान खरीदते हैं। दीपावली के दिन लोग नए कपड़े पहनकर सबसे पहले लक्ष्मी पूजन करते हैं जिसके बाद सभी लोग आपस में गले मिलते हैं और मिठाईयां बांटते हैं। बच्चे पटाखे जलाकर अपनी खुशी व्यक्त करते हैं। इस तरह से ओग भगवान श्री राम के प्रति अपनी खुशी और प्रसन्नता प्रकट करते हैं।

10 Lines on Diwali in English for Kids and Students

10 Lines on Diwali Festival in Hindi | Funny Lines on Deepawali 2020

1. दिवाली हिंदुओं का त्योहार है जो कि बड़े हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। 2. दिवाली कार्तिक माह की अमावस्या को मनाई जाती है। 3. दिवाली को मनाने का कारण यह है कि इस दिन श्री राम चौदह साल का बनवास काटकर वापिस अयोद्धा लौटे थे। 4. दिवाली के दिन सभी लोग दीपक जलाते है जिससे कि अमावस्या का अंधकार मिट जाता है। 5. दिवाली असत्य पर सत्य, निराशा पर आशा की जीत का प्रतीक है। 6. दिवाली का पर्व पाँच दिन का होता है। यह दिवाली से दो दिन पहले धनतेरस को शुरू होता है और दिवाली के दो दिन बाद भैया दूज पर खत्म होता है। 7. दिवाली पर सभी लोग आपस में मिठाईयाँ और खुशियाँ बाँटते हैं। 8. दिवाली की शाम को लक्ष्मी पूजा की जाती है। औड़िसा की तरफ काली माता की पूजा की जाती है। 9. दिवाली पर सभी बम पटाखे आदि जलाते हैं। 10. दिवाली का सिक्खों में भी बहुत महत्व है क्योंकि दिवाली के दिन ही अमृतसर के स्वर्ण मंदिर के शिल्यान्यास की स्थापना हुई थी।

Diwali Speech for Kids in English

Speech on Diwali in English for Students

Happy Diwali 2020 Speech Video in Kannada for Students

Deepawali Speech Video 2020 in Telugu for Children

Happy Deepavali Speech in Tamil for Students

2020 Diwali Speech in Malayalam for Kids

Final Words

I hope you got enough ideas on how to deliver your Diwali Speech and how to win the essay competition on the Deepavali festival of lights after going through this article. If you find this article worthy then please share this among your friends and let them know too so that they can even utilize this article and know the significance of the most popular festival Diwali. On this page, you will get Diwali essay and speech ideas along with 10 Lines on Deepawali Festival in English and Hindi. 

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  1. दिवाली पर निबंध

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  2. 008 Essay Example For Diwali In Hindi Katha ~ Thatsnotus

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  3. Diwali in hindi

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  4. Diwali essay in hindi || दीपावली पर निबंध || Diwali par nibandh || मेरा

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  6. Essay on diwali with introduction and conclusion in hindi

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  1. Diwali essay #dance

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  3. 10 lines on Diwali in hindi

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  6. Diwali essay in hindi

COMMENTS

  1. दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi)

    दिवाली पर निबंध (Diwali Essay in Hindi) - दिवाली हिंदुओं का सबसे बड़ा त्योहर है। बुराई पर अच्छाई की विजय के प्रतीक इस त्योहार और इसकी खूबियों से छात्रों को परिचित कराने के लिए छोटी कक्षाओं में दिवाली पर निबंध (Diwali Essay in Hindi) का प्रश्न हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में पूछा जाता है। इस हिंदी दिवाली निबंध (Diwali Essay in Hindi) से उन युव...

  2. दिवाली पर निबंध

    Get Some Best Essay on Diwali in hindi for students 100, 200, 500, 2000 words। विषय-सूची 10 Line Essay on Diwali in Hindi For Class 2,3,4 Short Essay on Diwali in Hindi For Class 5,6 Diwali Par Nibandh in Hindi for Class 7, 8,9 Essay on Diwali in Hindi for Class 10,11,12 प्रस्तावना - वर्ष 2022 में दीपावली कब है - Diwali Kab Hai

  3. Essay on Diwali in Hindi

    दीपावली का त्यौहार खुशियों और सुख-समृद्धि का त्यौहार है। यह पांच दिवसीय, हिंदुओं द्वारा मनाया जाने वाला, सबसे बड़ा त्यौहार है। दिवाली के त्यौहार को सिर्फ हमारे देश में ही नहीं, विदेशों में भी मनाया जाता है, इससे इसकी प्रमुखता का पता लगाया जा सकता है। इस दिन अमावस्या की काली रात होने के बावजूद भी पूरा भारत रोशनी से जगमगाया हुआ होता है।

  4. दिवाली पर निबंध (Diwali Essay in Hindi)

    दिवाली पर निबंध (Diwali Essay in Hindi) By लक्ष्मी श्रीवास्तव / January 13, 2017. दीपावली (Deepawali) या दिवाली का अर्थ है दीपों की अवली मतलब दीपों की पंक्ति। यह पर्व ...

  5. दीपावली पर निबंध 150 शब्द (Short Essay on Diwali in Hindi)

    Essay on Diwali in Hindi - रोशनी का त्योहार दिवाली काफी समय से चल रहा है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान राम इस दिन राक्षस राजा रावण का वध करके अयोध्या लौटे थे। अपने राजा के आगमन पर, अयोध्या के निवासियों ने इस अवसर को मनाने के लिए सड़कों और घरों को तेल के दीयों से रोशन किया। तब से, हिंदू इस त्योहार को धूमधाम से मनाकर परंपरा का पालन कर रहे ...

  6. दीपावली पर निबंध हिंदी में (Diwali Essay In Hindi 2022)

    Diwali Essay In Hindi 2022 Diwali Par Nibandh: When is Diwali Diwali is the biggest festival of India and this year Diwali will be celebrated on October 24 in 2022. Lord Kuber is worshiped along with Mata Lakshmi on Diwali. The significance of Diwali is very high, as it is a symbol of light and gaiety. ...

  7. Diwali Essay in Hindi- दीपावली

    दीपावली पर निबंध हिंदी में 10 लाइन- Diwali Essay in Hindi 10 lines for Child & Kids ( 100 words ) 1. दीपावली हिंदुओं का पावन त्योहार है।. 2. यह अक्टूबर-नवंबर के महीने में आता ...

  8. 3+ Diwali Essay in Hindi

    दीपावली का त्यौहार भारतवर्ष मे बड़े धूमधाम के साथ मनाया जाता है यह दीप का त्यौहार है इस दिन भगवान राम लंका पर विजय प्राप्त करके आयोध्य वापस लोटे थे तो अयोध्यावासियों ने उनका स्वागत तेल के दिये जलाकर किया था।

  9. दिवाली पर निबंध

    दिवाली पर निबंध (Diwali Essay in Hindi) जैसे की आप सभी को पता है की दिवाली मुख्यतः हिन्दू धर्म के लोगो के द्वारा मनाई जाती है यह हिन्दुओं का सबसे ...

  10. Essay on Diwali in Hindi दिवाली पर निबंध

    Essay on Diwali in Hindi दिवाली पर निबंध Hindi In Hindi| October 23, 2017| Essay In Hindi| No Comments Know information about essay on Diwali in Hindi for kids and read an essay on Diwali in Hindi. दिवाली पर निबंध हिंदी मे। Read an essay on Diwali in Hindi language in 200, 300, 350, 400, 500 and 1000 words.

  11. Diwali Essay in Hindi 500+ Words

    Diwali Essay in Hindi by StoriesRevealers | Apr 30, 2020 | Essay in Hindi | 20 comments

  12. दिवाली पर निबंध 2022 Diwali Essay In Hindi And English Language

    this essay on Diwali in Hindi for class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10. why we celebrate Diwali 10 lines and long length paragraph of the importance of Diwali festival. at start you will read here Diwali essay in English 100, 150, 200, 250, 300, 400, 500 words. this Diwali essay can translate Marathi and English language also. दिवाली गिफ्ट आइडिया

  13. दिवाली पर निबंध हिंदी में

    मुझे उम्मीद हैं कि आपको मेरी यह लेख Diwali Essay in Hindi की जानकारी पसंद आई होगी। हमें आशा हैं की Information About Diwali in Hindi पढ़कर आपको दिवाली त्यौहार की ...

  14. Essay On Diwali In Hindi (100, 200, 300, 500, 700, 1000 Words)

    दीपावली का अर्थ : दीपावली दो शब्दों से मिलकर बना है जो संस्कृत से लिया गया है जिसका अर्थ होता है दीपों की पंक्ति या दीपों से सजी हुई पंक्ति। इस दिन बहुत सारे दीप और मोमबत्तियां जलाई जाती हैं जिसकी वजह से इस दिन को रौशनी का त्यौहार और दीपोत्सव भी कहा जाता है। Also Read : दिवाली पर निबंध , दिवाली से जुडी कुछ महत्वपूर्ण बातें

  15. Diwali Essay in Hindi

    Diwali Essay in Hindi: दिवाली देश का सबसे बड़ा त्यौहार है। इसे हम दीपावली के नाम से भी जाना है। इस दिन हर तरफ ख़ुशी का माहौल होता है, लोग रंग-बिरंगी लाइटों से

  16. Diwali Essay In Hindi 150 Words

    इस पोस्ट मे शुभ दिवाली के शुभ अवसर पर Happy Diwali के लिए Diwali Essay In Hindi 150 Words शेयर कर रहे है, जिस निबंध को Class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 के विद्यार्थियों के लिए लिखी गई है। जिसे इन कक्षा के छात्र अपनों के साथ शेयर कर सकते है, तो चलिये अब 150 Words On Diwali In Hindi Essay - दीपावली पर निबंध 150 शब्द में को जानते है।

  17. Short And Long Diwali Essay in Hindi

    इस पोस्ट मे शुभ दिवाली के शुभ अवसर पर Happy Diwali के लिए Short And Long Diwali Essay In Hindi शेयर कर रहे है, जिस निबंध को Class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 के विद्यार्थियों के लिए लिखी गई है। जिसे इन कक्षा के छात्र अपनों के साथ शेयर कर सकते है, तो चलिये अब Diwali Short And Long Essay In Hindi - दीपावली पर शॉर्ट और विस्तृत निबंध को जा...

  18. Essay on Diwali for Students

    It is one of the biggest and grandest festivals celebrated mainly in India. Diwali is a festival commemorated to mark joy, victory, and harmony. Diwali, also known as Deepavali, falls in October or November. It is celebrated after 20 days of the Dussehra festival. 'Deepavali' is a Hindi word that means an array of lamps ('Deep' means ...

  19. Diwali Essays, Speech & 10 Lines in English, Hindi Languages

    We listed some Short & long essays on Deepavali 2020, a Diwali poem in Hindi of 10 lines, Diwali Speech ideas in various languages, and Funny lines on Diwali in English & Hindi. These Lines, Essays, and Speeches on Deepavali Festival 2020 for Students, Kids explain the importance and rituals followed as a part of the festival.